गाजा में हो रही मौतों का कौन रखता है हिसाब, अब तक इतने मासूम लोग हो चुके हैं शिकार
गाजा पट्टी का जो हश्न हुआ है, उसका अंदाजा UNRAW प्रमुख फिलिप लजारिनी के बयान से लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा, "गाजा अब बच्चों और भूख से मरते लोगों का कब्रिस्तान बन गया है".

7 अक्टूबर, 2023...वह दिन जब हमास ने इजरायल पर हमला किया था. तब किसी को अंदाजा नहीं था कि इजरायल इस जंग को यहां तक घसीट लाएगा. हमास के हमले के बाद इजरायल ने गाजा पट्टी में जो सैन्य अभियान शुरू किया, वह अब तक जारी है. इजरायली हमलों में गाजा पट्टी का जो हश्न हुआ है, उसका अंदाजा आप संयुक्त राष्ट्र की राहत एजेंसी (UNRAW) प्रमुख फिलिप लजारिनी के बयान से लगा सकते हैं. UNRAW चीफ ने गाजा के लिए कहा, "गाजा अब बच्चों और भूख से मरते लोगों का कब्रिस्तान बन गया है". उनका यह बयान दिल को झकझोर देने वाला है.
इजरायली हमलों से तबाह हुई गाजा पट्टी सदी की सबसे बड़ी त्रासदी से गुजर रही है. यहां गोलीबारी और बमबारी से लाखों मौतें हो चुकी है और जो लोग बच गए हैं, भूख से तड़प-तड़प कर मर रहे हैं. यह इस सदी की सबसे बड़ी मानवीय आपदा कही जाए, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. गाजा में इजरायली हमलों का सबसे बड़ा शिकार मासूम बच्चे हुए हैं. हजारों की मौत हो चुकी है तो कई घायल बच्चे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं और हर दिन यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि गाजा में हर दिन हो रहीं मौतों का हिसाब कौन करता है और इस संघर्ष में अब तक कितने बच्चों की मौत हो चुकी है?
खाना लेने जाने वालों को भी बनाया जा रहा निशाना
गाजा संघर्ष के बीच ऐसी भी रिपोर्ट आई हैं कि इजरायली सैनिक, उन फिलिस्तीनी नागरिकों को भी निशाना बना रहे हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के खाद्य वितरण केंद्रों पर खाना लेने जा रहे हैं. गाजा की स्थानीय सरकार का दावा है कि 27 मई के बाद से अब तक ऐसे करीब 800 फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं और 5101 लोग घायल हुए हैं. बीते गुरुवार को ही जब अल-बलाह शहर में महिलाएं और बच्चें पोषण सामग्री लेने के लिए राहत केंद्रो पर पहुंचते तो गोलीबारी में 15 लोगों की मौत हो गई. इसमें 9 बच्चे और 4 महिलाएं शामिल थीं.
कौन करता है मौतों का हिसाब?
गाजा में हर दिन मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मृतकों और घायलों की संख्या का सटीक आंकड़ा एकत्रित करना एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है. हालांकि, इसके बावजूद गाजा का स्थानीय स्वास्थ्य विभाग और संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां मृतकों के आंकड़े जुटा रही हैं. ये एजेंसियां अलग-अलग क्षेत्रों में हुई मौतों की संख्या के आंकड़े एकत्रित करती हैं. हालांकि, यह आंकड़ा कितना सटीक है इस पर बहस होती रहती है.
अब तक कितने मासूमों की हुई मौत?
गाजा में इजरायली सैन्य अभियान का शिकार होने वालों में बच्चों की बड़ी संख्या है. संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ (UNICEF) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर, 2023 से जारी सैन्य संघर्ष में 50,000 से ज्यादा बच्चे गोलीबारी का शिकार हुए हैं. इसमें जान गंवाने वाले और घायल बच्चों के आंकड़े शामिल हैं. यूनिसेफ की ओर से जारी किया गया यह आंकड़ा 27 मई तक का है.
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Source: IOCL
























