भारत में पेट्रोल की कीमतें रोजाना संशोधित की जाती हैं और इसे डायनामिक फ्यूल प्राइस मैथड के आधार पर बदला जाता है. रोजाना सुबह 06:00 बजे पेट्रोल और डीजल के दामों में बदलाव किया जाता है. भारत में जून 2017 तक इससे पहले हर पखवाड़े यानी 15 दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बदलती थीं.
भारत में आज पेट्रोल की कीमत (5th December 2025) | Petrol Price Today
ग्लोबल क्रूड ऑयल (Crude Oil) के कीमतों में उतार-चढ़ाव और घरेलू टैक्सेशन की नीतियों के चलते पेट्रोल की कीमतों में तेजी से बदलाव आते रहते हैं. इसकी लागत में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी और राज्य वैट के चलते स्थानीय दरों में कीमतों में बदलाव देखा जाता है. जून 2017 से हर रोज सुबह 6 बजे पेट्रोल के दामों में संशोधन किया जाता है और इसे डायनामिक पेट्रोल प्राइस मैथड कहा जाता है. प्रमुख शहरों में पेट्रोल की कीमत - ₹94.72 प्रति लीटर दिल्ली में, ₹104.21 प्रति लीटर मुंबई में, ₹99.84 प्रति लीटर बंग्लुरू में, ₹107.41 प्रति लीटर हैदराबाद में, ₹100.85 प्रति लीटर चेन्नई में, ₹95 प्रति लीटर अहमदाबाद में, और ₹103.94 प्रति लीटर कोलकाता में. आप भारत के हर प्रमुख शहर के आज के पेट्रोल की कीमत यहां जान सकते हैं और इनकी तुलना पिछले दिन की कीमतों से कर सकते हैं.
भारतीय महानगरों में आज पेट्रोल के दाम
| City | Petrol (₹/L) | Change (vs. - 1 Day) % |
|---|---|---|
| Bangalore | ₹99.84/L | - |
| Chandigarh | ₹94.24/L | - |
| Chennai | ₹100.85/L | - |
| Hyderabad | ₹107.41/L | - |
| Jaipur | ₹104.88/L | - |
| Kolkata | ₹103.94/L | - |
| Lucknow | ₹94.65/L | - |
| Mumbai City | ₹104.21/L | - |
| New Delhi | ₹94.72/L | - |
| Patna | ₹105.18/L | - |
भारत में पेट्रोल की कीमत को कैसे कैलकुलेट किया जाता है?
भारत में पेट्रोल की कीमतें कई कारकों के असर के बाद एक मुश्किल प्रक्रिया के माध्यम से तय की जाती हैं. प्राइमरी घटक कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतें हैं, जो ग्लोबल आपूर्ति और मांग की गतिशीलता के आधार पर उतार-चढ़ाव करती हैं. भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल का कारोबार डॉलर में होता है. एक बार जब कच्चे तेल का आयात किया जाता है, तो रिफाइनरियां इसे पेट्रोल में प्रोसेस करती हैं, जिसमें रिफाइनिंग और ऑपरेशनल खर्चे शामिल होते हैं. फिर पेट्रोल को कई अलग अलग डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट्स पर ले जाया जाता है, जिसमें लॉजिस्टिक लागत भी जुड़ जाती है. सरकारी टैक्स अंतिम कीमत पर महत्वपूर्ण असर डालते हैं. केंद्र सरकार उत्पाद शुल्क लगाती है, जबकि राज्य सरकारें मूल्य वर्धित कर (वैट) या बिक्री कर लगाती हैं, जो सभी राज्यों में अलग-अलग होते हैं. इसके अलावा, पेट्रोल पंप डीलरों को एक कमीशन मिलता है, जिसे अंतिम रिटेल कीमत में शामिल किया जाता है. भारत में एक डायनामिक कीमत मॉडल का इस्तेमाल किया जाता है, ये अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और करेंसी एक्सचेंज रेट में बदलाव के मुताबिक पेट्रोल की कीमतों को दैनिक रूप से अपडेट करता है. यह तय करता है कि ग्लोबल तेल बाजार में बदलाव घरेलू कीमतों पर तुरंत दिखाई दे, जिससे बाजार में पारदर्शिता बनी रहे.
शहर के अनुसार पेट्रोल के दाम
| City | Petrol (₹/L) | Change (vs. - 1 Day) % |
|---|---|---|
| Anantapur | ₹109.56/L | - |
| Chittoor | ₹109.78/L | - |
| Cuddapah | ₹109.12/L | - |
| East Godavari | ₹108.85/L | - |
| Guntur | ₹109.31/L | - |
| Krishna | ₹110.24/L | - |
| Lahul & | ₹97.22/L | - |
| Nicobar | ₹82.42/L | - |
| Pherzawl | ₹99.57/L 2.35 | 2.42 |
| South Andaman | ₹82.42/L | - |
भारत में पेट्रोल की कीमत पर असर डालने वाले अलग-अलग कारक क्या हैं?
पेट्रोल के दाम कई मुख्य कारकों पर निर्भर होकर कीमत तय करते हैं. 1) कच्चे तेल का दाम, 2) ईंधन की मांग, 3) टैक्स/फ्यूल पर लगने वाला वैट, 4) लॉजिस्टिक्स और इंफ्रा पर लगने वाली लागत, 5) डॉलर और रुपये का एक्सचेंज रेट
भारत में पेट्रोल की कीमत पर असर डालने वाले टैक्स कौन से हैं?
में पेट्रोल पर टैक्सेशन का ढांचा इसकी रिटेल कीमत का एक महत्वपूर्ण निर्धारक है. भारत में पेट्रोल की रिटेल कीमत में पेट्रोल टैक्स की हिस्सेदारी 55 फीसदी है. केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्य वैट (वैल्यू ऐडेड टैक्स) के अलावा, अन्य टैक्स भी हैं जो पेट्रोल की कीमतों पर असर डालते हैं. रोड सेस: रोड सेस बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, खास तौर से से हाइवे और सड़क विकास से जुड़ी परियोजनाओं की फंडिंग करने के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल पर लगाई जाने वाली एक अतिरिक्त लेवी है. अतिरिक्त राज्य शुल्क: कुछ राज्य मानक वैट से परे पेट्रोल की कीमतों पर अतिरिक्त शुल्क या सरचार्ज लगाते हैं. ये लेवी स्थानीय राजकोषीय नीतियों और आर्थिक स्थितियों के आधार पर अलग-अलग हो सकती हैं. "गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी): हालांकि पेट्रोल और डीजल फिलहाल जीएसटी के अंतर्गत नहीं हैं, लेकिन इन ईंधनों को जीएसटी शासन के तहत लाने के बारे में समय-समय पर चर्चाएं उठती रहती हैं. यह कदम संभावित रूप से टैक्स ढांचे को आसान बना सकता है और राज्यों में कीमतों में दिखने वाले अंतर को कम कर सकता है. " लोकल बॉडी टैक्स: कुछ नगर निगम या स्थानीय निकाय अपने अधिकार क्षेत्र में पेट्रोल की बिक्री पर टैक्स लगा सकते हैं, जो फाइनल रिटेल कीमत को और बढ़ा देता है. कस्टम ड्यूटी: मुख्य तौर पर आयातित कच्चे तेल पर असर डालते हुए, कस्टम ड्यूटी दरों में उतार-चढ़ाव इनडायरेक्ट तौर से आयातित पेट्रोल की लागत और पंप पर इसके बाद के कीमत निर्धारण पर असर डाल सकता है.
भारत में पेट्रोल के दाम में अंतर क्यों देखा जाता है?
भारत में कई शहरों में पेट्रोल के दाम में अलग-अलग स्थानीय कारणों से अंतर देखा जाता है. "स्थानीय टैक्स और शुल्क: भारत में प्रत्येक राज्य को पेट्रोल पर अपना खुद का वैल्यू ऐडेड टैक्स (वैट) लगाने की स्वायत्तता है. इसकी वजह से शहरों में अलग-अलग टैक्स की दरें होती हैं. ऊंचे वैट दरों वाले राज्यों में आम तौर पर पेट्रोल की कीमतें ज्यादा होती हैं. ट्रांसपोर्ट लागत: प्रमुख रिफाइनरियों या आयात टर्मिनलों से शहरों की दूरी ट्रांसपोर्ट लागत पर असर डालती है. इन सप्लाई पॉइंट्स के करीब के शहरों में परिवहन लागत कम हो सकती है जिसके चलते यहां पेट्रोल की कीमतें कम हो सकती हैं. डीलर कमीशन: पेट्रोल पंप डीलरों को प्रति लीटर बिक्री पर एक तयशुदा कमीशन मिलता है. स्थानीय बाजार स्थितियों और ऑपरेशनल लागत के आधार पर शहरों के बीच कमीशन दर थोड़ी अलग हो सकती है. स्थानीय मांग और मुकाबला: जिन शहरों में पेट्रोल की ज्यादा मांग है या पेट्रोल पंप संचालकों के बीच ज्यादा मुकाबला है, वहां अधिक प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण देखने को मिल सकता है. टैक्स डिमांड या कम कॉम्पीटीटर की वजह से मुकाबला कम होने की वजह से कीमतें ज्यादा हो सकती हैं. " इन स्थानीय कारकों को समझने से भारतीय शहरों में पेट्रोल की कीमतों में परिवर्तनशीलता को समझाने में मदद मिलती है, जो लोकल टैक्सेशेन नीतियों और तार्किक विचारों, बाजार की गतिशीलता और कंज्यूमर बिहेवियर के बीच अंतरसंबंध को उजागर करती है."
Frequently Asked Questions
भारत में पेट्रोल की कीमतें कब बदली जाती हैं?
भारत में पेट्रोल डीजल की कीमत ज्यादा क्यों है?
भारत अपनी फ्यूल जरूरतें पूरा करने के लिए ऑयल इंपोर्ट पर निर्भर है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की कम कीमत के चलते पेट्रोल-डीजल का इंपोर्ट महंगा पड़ता है. आयातकों को इंपोर्टेड कच्चे तेल के हर एक बैरल के लिए ज्यादा रुपये का भुगतान करना पड़ता है जिसके चलते पेट्रोल और डीजल की कीमतें अधिक होती हैं.
क्या पेट्रोल और डीजल जीएसटी के दायरे में आते हैं?
पेट्रोल और डीजल जीएसटी के अंतर्गत नहीं आते हैं. इसलिए इन पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क, केंद्रीय बिक्री कर और वैट लागू होते हैं. जीएसटी में लाने के लिए मांग की जा रही है लेकिन राज्यों के बीच फैसला नहीं हो पाया है.
भारत में पेट्रोल पर कितना प्रतिशत टैक्स लगता है?
वर्तमान में भारत में पेट्रोल के कुल बिक्री मूल्य पर 55 फीसदी टैक्स लगता है.
सबसे सस्ता पेट्रोल भारत में कौन से राज्य में मिलता है?
भारत में सबसे सस्ता पेट्रोल अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मिलता है.
जीएसटी के दायरे में आने पर पेट्रोल-डीजल सस्ता क्यों हो जाएगा?
पेट्रोल-डीजल के दाम जीएसटी के दायरे में आते हैं तो पूरे देश में पेट्रोल-डीजल एक रेट पर बिकेगा. जीएसटी में आने से इन पर केंद्र की एक्साइज और राज्यों का वैट खत्म हो जाएगा. जीएसटी का सबसे बड़ा स्लैब 28 फीसदी का है जो आज के समय में पेट्रोल-डीजल पर लग रहे टैक्स से काफी कम है.
भारत में पेट्रोल की कीमतों में कौन-कौन से घटक शामिल हैं?
भारत में पेट्रोल की कीमतों में कच्चे तेल की लागत और माल ढुलाई शुल्क, रिफाइनरी ट्रांसफर मूल्य, ओएमसी का प्रॉफिट मार्जिन, केंद्रीय और राज्य टैक्स, डीलर का कमीशन जैसे कंपोनेंट शामिल हैं.


























