ये था दुनिया का सबसे खतरनाक खिलौना, पूरी दुनिया में मच गया था हाहाकार
World Most Dangerous Toy: दुनिया में भले ही खिलौने बच्चों के मनोरंजन और उनके विकास के लिए बनें हों, लेकिन क्या आप दुनिया के सबसे खतरनाक खिलौने के बारे में जानते हैं. चलिए आज आपको इसके बारे में बताएं.

खिलौने बच्चों के लिए मनोरंजन का साधन होते हैं. वे उनको सीखने में और उनके विकास में अहम भूमिका निभाते हैं. खिलौने बच्चों को कल्पनाशील और रचनात्मक बनने में मदद करते हैं. उनके जरिए वे खेलने के साथ गिनती, अक्षर, शेप और कलर जैसी चीजें भी सीखते हैं. कुछ खिलौने ऐसे होते हैं, जो कि बच्चों को दूसरों के साथ बातचीक और सामाजिक विकास में भी मदद करते हैं. लेकिन क्या कभी ऐसे किसी खिलौने का नाम सुना है, जो कि बच्चों के लिए बहुत खतरनाक साबित हुआ हो और उसे बैन कर दिया गया हो. जी हां दुनिया में एक ऐसा खिलौना बनाया गया था, जो कि सच में इतना खतरनाक था कि बाद में उसे बैन करना पड़ गया था.
कौन सा था वो खिलौना
गिल्बर्ट यू-238 परमाणु ऊर्जा प्रयोगशाला यह एक ऐसा खिलौना था जो कि 1950 के दशक के शुरुआती दौर में बेचा गया था. यह एक रेडियोएक्टिव खिलौना था और साथ ही साथ लर्निंग सेट भी था. 49.50 डॉलर में मिलने वाले इस खिलौने में यूरेनियम ओर के चार सैंपल ऑट्यूनाइट, टॉर्बरनाइट, यूरेनिनाइट, कॉर्नोटाइट थे. इसके साथ इसमें एक गाइगर काउंटर और अलग-अलग कुछ अन्य औजार थे. गाइटर काउंटर किसी चीज में या फिर वातावरण में रेडिएशन नापने के काम आता है. इस सेट के साथ लोकप्रिय ब्लोंडी कॉमिक स्ट्रिप से डैगवुड पर आधारित एक कॉमिक बुक भी आई थी. जिसका टाइटल था ‘लर्न हाउ डैगवुड स्प्लिट्स द एटम’ और इसे मैनहट्टन प्रोजेक्ट के निदेशक जनरल लेस्ली ग्रोव्स के साथ मिलकर लिखा गया था.
उसमें क्या क्या मौजूद था
साल 2006 में परमाणु ऊर्जा प्रयोगशाला को अब तक के 10 सबसे खतरनाक खिलौनों में से एक बताया था. इस खिलौने के लॉन्च के एक साल के अंदर ही इसको मार्केट से बैन करना पड़ा था, क्योंकि इससे लोगों की जान पर बन आई थी. ये आज के मॉर्डन टॉयगन जैसा कोई खिलौना नहीं था. ये खिलौना बच्चों को रेडियोएक्टिव सामग्री जैसे कि यूरेनियम 238, पोलोनियम 210, लेड 210 और रेडियम 226 के साथ प्रयोग करने का मौका देता था. जिससे कि बच्चों के लिए कैंसर और सीरियस हेल्थ ईश्यू जैसे खतरे होने लगे थे.
क्यों बैन किया गया
इस गेम के अंदर कई उपकरण और एक मैनुअल भी था, जिसके जरिए बच्चों को बताया जाता था कि कैसे वे अपनी एटॉमिक चीजों के बारे में सीख सकते हैं. रेडियोएक्टिव रेडिएशन बहुत खतरनाक होता है. इसके लिए इस गेम में ग्लव्स या गाइडलाइन्स जैसी कोई चीजें नहीं थीं. उस वक्त यह सोचा गया था कि बच्चे इससे चीजें सीखेंगे और साइंस की दुनिया में आगे बढ़ेंगे, लेकिन खतरे को देखते हुए इसे बाद में बैन करना पड़ा था.
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Source: IOCL