Afghanistan Crisis: क्यों टूटी तालिबान और पंजशीर की बातचीत? अहमद मसूद ने ठुकरा दिया था सत्ता में शामिल होने का प्रस्ताव
Afghanistan Crisis: पंजशीर की नेशनल रेज़िसटेन्स फ्रंट ने बताया कि बातचीत इसलिए टूटी क्योंकि बातचीत में अहमद मसूद को निजी प्रस्तावों के साथ-साथ तालिबान ने दी थी जंग और हमले की धमकी.
Afghanistan Crisis: पिछले कुछ दिनों से तालिबान और पंजशीर के बीच चल रही समझौते की कोशिशों को झटका लगा है. दोनों पक्षों के बीच बातचीत टूट गई है. पंजशीर की नेशनल रेज़िसटेन्स फ्रंट ने बताया कि बातचीत इसलिए टूटी क्योंकि बातचीत में अहमद मसूद को निजी प्रस्तावों के साथ-साथ तालिबान ने जंग और हमले की धमकी दी थी.
नेशनल रेज़िसटेन्स फ्रंट की तरफ से जारी बयान में बताया गया है कि एक तरफ जहां तालिबान ने फ्रंट के नेता अहमद मसूद जूनियर को सत्ता में शामिल होने और साथ हीं एक प्रतिनिधि को शामिल करने का प्रस्ताव था वहीं अहमद मसूद कोई निजी डील नहीं बल्कि अफगानी नागरिकों के अधिकारों के लिए आश्वासन चाहते थे.
बयान में बताया गया कि तालिबान के प्रस्तावों को अहमद मसूद ने ये कहकर ठुकरा दिया कि वो निजी तौर पर अपने लिए कुछ नहीं चाहते. तालिबान ने साथ ही अहमद मसूद की संपत्तियो के संरक्षण करने का भी प्रस्ताव दिया था, मगर अहमद मसूद ने ये प्रस्ताव भी ठुकरा दिया था.
नेशनल रेज़िसटेन्स फ्रंट के बयान मे बताया गया कि जब तालिबानी नेता आमिर खान मुत्ताकी अहमद मसूद जूनियर से बात कर रहे थे तब मुत्ताकी ने मसूद को जंग और हमले की धमकी दी थी. इस पर अहमद मसूद ने भी जवाब मे कहा कि वो अफ़्गानिस्तान के नागरिकों और पंजशीर के लिए तालिबान से जंग लड़ने को तैयार हैं.
यही नहीं, नेशनल रेज़िसटेन्स फ्रंट के मुताबिक तालिबान से जारी जंग मे अब तक 35 तालिबानी बंदी बनाए जा चुके हैं और 350 तालिबानी लड़ाकुओं को मारा जा चुका है और करीब 287 घायल हैं.
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