भोपाल में कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस का दूसरा दिन, स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण पर दिया गया जोर
MP News: कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन मुख्य सचिव अनुराग जैन ग्रामीण विकास के लिए अधोसंरचना विकास और हितग्राही मूलक योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए कहा है.

भोपाल में आयोजित कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन प्रथम सत्र में जबलपुर में राजस्व विभाग के रिकॉर्ड रूम को लेकर हुए नवाचार को उपयोगी तथा अनुकरणीय बताते हुए सराहा गया. इस नवाचार ने जनसामान्य के राजस्व रिकॉर्ड देखने के अनुभव को पूर्णत: बदल दिया है.
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि विकसित प्रदेश का मुख्य आधार मजबूत अधिसंरचना और सुशासन है. ग्रामीण क्षेत्रों में अधिसंरचना निर्माण और विकास के साथ हितग्राही-मूलक योजनाएं संचालित हैं. जिला कलेक्टर्स एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी विकास के साथ योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित करें.
साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में चलाए जा रहे स्वच्छता एवं पर्यावरण संबंधी अभियानों में ग्रामीणों की भागीदारी को सुनिश्चित किया जाये. उन्होंने कहा कि सुशासन और अंत्योदय को सफल बनाने के मूल मापदंड के अनुसार कार्य करें.
मुख्य सचिव ने ग्रामीण विकास विभाग का सत्र किया संबोधित
मुख्य सचिव जैन कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन ग्रामीण विकास विभाग के सत्र को संबोधित कर रहे थे. कॉन्फ्रेंस में समृद्ध ग्राम एवं विकास खंडों के पुनर्विकास के लिए समावेशी कार्ययोजना पर विशेष जोर दिया गया. साथ ही पंचायतों के राजस्व सुदृढ़ीकरण पर भी चर्चा की गई.
अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास दीपाली रस्तोगी ने मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना की प्रगति से अवगत कराते हुए बताया कि जबलपुर, इंदौर, नीमच एवं पन्ना के 14 ग्रामों का चयन किया गया है. प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और प्रधानमंत्री जनधन और धरती आबा कार्यक्रम की प्रगति की जानकारी दी.
मुख्य सचिव ने कलेक्टरों से क्या कहा?
कलेक्टरों से कहा गया कि ग्रामीण विकास की योजनाओं में समयबद्ध प्रगति के लिए मैदानी अमले का दायित्व निर्धारण करें. ग्रामीण विकास के संदर्भ में विजन डॉक्यूमेंट 2047 पर एक्शन प्वाइंट पर चर्चा की गई.
साथ ही जल गंगा संवर्धन अभियान की भी समीक्षा की गई लखपति दीदी अभियान को और सशक्त बनाने की अपेक्षा कलेक्टरों से की. प्रेजेन्टेशन में बताया गया कि लखपति दीदी योजना में सिंगरौली, टीकमगढ़ और देवास में सबसे बेहतर काम पाया गया.
आयुक्त जनसंपर्क एवं तत्कालीन कलेक्टर ने क्या बताया?
आयुक्त जनसंपर्क एवं तत्कालीन कलेक्टर जबलपुर दीपक सक्सेना ने लघु फिल्म के प्रस्तुतिकरण में बताया कि जबलपुर के नवीनीकृत राजस्व अभिलेखागार का वातावरण अब बैंक के लॉकर रूम जैसा है. इस पहल से जनसामान्य के साथ रिकॉर्ड रूम के कर्मचारियों को भी गंदे-बदबूदार वातावरण से मुक्ति मिली है और वे रिकॉर्ड ढूंढ़ने की मशक्कत से मुक्त हुए हैं.
परिवारों की पीढ़ियों के लिए विशेष महत्व रखने वाला यह राजस्व रिकॉर्ड न केवल अब सुरक्षित है, अपितु रिकॉर्ड कहां रखा है, इसके संबंध में भी पारदर्शिता आयी है और आवश्यक जानकारियां अब सभी के लिए सुलभ हैं. इसके तैयार किये गये पोर्टल पर चंद एंट्रियों से पता चल जाता है कि रिकॉर्ड किस रैक-शेल्फ-बॉक्स में किस नंबर पर रखा हुआ है.
उन्होंने बताया कि, आवेदक घर बैठे भी यह जानकारी प्राप्त कर सकता है और रिकॉर्ड रूम के बाहर लगाए गए कियोस्कों से भी रिकॉर्ड में केस की लोकेशन का पता लगा सकता है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर प्रवास के दौरान जनसामान्य के जीवन को आसान बनाने वाले इस नवाचार की सराहना करते हुए जबलपुर जिला प्रशासन को इस पहल के लिए बधाई दी थी.
बस्तों में दम तोड़ती फाइलों पर बोले आयुक्त
आयुक्त जनसंपर्क श्री सक्सेना ने बताया कि प्राय: राजस्व विभाग के रिकॉर्ड रूम की स्थिति सभी जगह एक समान रहती है. बस्तों में दम तोड़ती फाइलों के बारे में जानकारी प्राय: कुछ बाबुओं और भृत्यों तक सीमित रहती थी. जनसामान्य को अपना ही राजस्व रिकॉर्ड नहीं मिल पाता था.
इस स्थिति में बदलाव के लिए रिकॉर्ड रूम को रेनोवेट किया गया. लोहे के रैक्स की मरम्मत कर उनका रंग-रोगन और रिकॉर्ड रखने के लिए कपड़े के बस्ते की जगह प्लास्टिक बॉक्स का उपयोग किया गया.
हर केस फाइल को बस्ते से निकालकर प्लास्टिक की पन्नी में रखकर प्लास्टिक बॉक्स में जमाया गया. बॉक्स पर रंगीन स्टीकर की मदद से तहसीलवार कलर कोडिंग की गई. बॉक्स पर वर्षवार, मदवार केस के डिटेल स्टीकर पर प्रिंट कर चिपकाए गए. रैक, शेल्फ, प्लास्टिक बॉक्स और उसमें रखी केस फाइल की लोकेशन के हिसाब से कोडिंग की गई.
टॉप हेडलाइंस
Source: IOCL























