'कोई ब्लेम-गेम नहीं...', कफ सिरप से बच्चों की मौत पर केंद्र सरकार सख्त; कहा- तमिलनाडु ने नहीं लिया एक्शन
Tamil Nadu Government: इस मामले में तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग ने 26 पन्नों की रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में कोल्ड्रीफ कफ सिरप बनाने वाली फार्मास्युटिकल कंपनी की ओर से किए उल्लंघनों को उजागर किए गए.

मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटना ने भारत में कच्चे माल की गुणवत्ता और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. वहीं, अब इस मामले में केंद्र सरकार भी सख्त हो गई है. केंद्र सरकार ने इस मामले को लेकर तमिलनाडु की सरकार पर आरोप भी लगाया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि कफ सिरप के सेवन से मध्य प्रदेश में 20 बच्चों की मौत को लेकर जारी विवाद केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच दोष थोपने का मामला नहीं है, बल्कि यह सबसे पहले जवाबदेही का मामला है. खाद्य और औषधि प्रशासन केंद्र की स्पष्ट सिफारिशों के बावजूद तमिलनाडु इस मामले में कार्रवाई करने में असफल रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार पर लगाए आरोप
स्वास्थ्य मंत्रालय ने सूत्रों ने कहा है कि यह मामला केंद्र सरकार और तमिलनाडु सरकार के बीच ब्लेम-गेम का कतई नहीं है. बस सवाल यह है कि आखिर तमिलनाडु के एफडीए ने इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने जो सिफारिशें की थीं, उसके बावजूद उन्होंने आपराधिक आरोप दाखिल क्यों नहीं किए? इसके अलावा, DCGI के साफतौर पर दिए निर्देशों के बावजूद लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किया गया?
तमिलनाडु औषधि नियंत्रण विभाग ने पेश की 26 पेज की रिपोर्ट
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से यह बयान तमिलनाडु के औषधि नियंत्रण विभाग की ओर से 26 पेज की रिपोर्ट पेश करने के बाद आया है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि कोल्ड्रिफ बनाने वाली श्रेसन फार्मास्युटिकल्स ने 350 से ज्यादा उल्लंघन किए. रिपोर्ट में कंपनी में साफ-सफाई की कमी, जंग लगे उपकरण और गैर-फार्मा ग्रेड रसायनों का अवैध तरीके से इस्तेमाल करने की बात का भी खुलासा हुआ है.
CDSCO ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किया निर्देश
सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (CDSCO) ने मध्य प्रदेश में कथित रूप से खांसी की खराब दवा के कारण बच्चों की मौत के बाद बड़ा कदम उठाया है. देश के शीर्ष औषधि नियामक की ओर से ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) राजीव सिंह रघुवंशी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ड्रग कंट्रोलर्स को सख्त निर्देश जारी किया. उन्होंने निर्देश दिया कि किसी भी दवा के निर्माण या बिक्री से पहले कच्चे माल और तैयार उत्पाद के हर बैच की अनिवार्य रूप से जांच की जाए.
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Source: IOCL
























