2014 की तुलना में 2019 में किस राज्य में बढ़ी थी BJP की सीटें, कहां आई थी कमी, अब ये राज्य हो सकते हैं भगवामय
एनडीए गठबंधन ने आगामी लोकसभा चुनाव में 400 से ज्यादा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इसमें दक्षिण भारत के अलावा उत्तर पूर्व के कई राज्य भी बाधा बन सकते हैं.

लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए गठबंधन का लक्ष्य 400 से ज्यादा सीट जीतने का है. पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह अपना वोट शेयर भी 50 फीसदी तक पहुंचाना चाहते हैं. हालांकि, बीजेपी और एनडीए के लिए यह आसान नहीं होगा. 2014 में कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और इस वजह से लोगों ने बड़ी संख्या में बीजेपी को वोट दिया था. हालांकि, 2019 में इनमें से कई लोगों ने बीजेपी की जगह दूसरी पार्टी के नेताओं को वोट दिया. हालांकि, इस बीच अपना नया वोट बैंक तैयार कर बीजेपी अपनी सीटों की संख्या और वोट शेयर बढ़ाने में सफल रही. अब 2024 में एनडीए के 400 से ज्यादा सीटें और 50 फीसदी वोट शेयर का लक्ष्य हासिल करने में कई राज्य चुनौती बन सकते हैं. इसमें दक्षिण भारत के अलावा उत्तर पूर्व के कई राज्य भी शामिल हैं. पहले जानते हैं कि 2014 और 2019 में हर राज्य में पार्टी का प्रदर्शन कैसा रहा था.
शुरुआत देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश से करें तो यहां कुल 80 सीटें हैं. 2014 में बीजेपी यहां 71 सीटें जीतने में सफल रही थी. वहीं, 2019 में सीटों की संख्या घटकर 62 रह गई. 48 सीटों में वाले महाराष्ट्र में बीजेपी ने 2014 और 2019 दोनों चुनावों में 23 सीटें जीती थी. 42 सीट वाले पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी को 2014 में 2 और 2019 में 22 सीटें मिली थीं. यहां सीटों की संख्या में बड़ा उछाल पार्टी के लिए अच्छी खबर थी. 40 सीट वाले बिहार में पार्टी ने 2014 में 22 और 2014 में 17 सीटें जीती थीं. यहां भी पार्टी को नुकसान हुआ था. 39 सीट वाले तमिलनाडु में भाजपा को 2014 में एक सीट मिली थी, लेकिन 2019 में कोई सीट नहीं मिली.
देश के पांच सबसे ज्यादा सीट वाले राज्यों में देखें तो पश्चिम बंगाल एकमात्र राज्य है, जहां पार्टी की सीटें बढ़ी थीं.। मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में भाजपा राज्य में भी सत्ता में है, लेकिन बाकी राज्यों में हालात चुनौती भरे हैं. महाराष्ट्र और बिहार में भी भाजपा गठबंधन सरकार में है, लेकिन लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करना पार्टी के लिए मुश्किल होगा. वहीं, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती होंगे. अगर इन दोनों राज्यों में बीजेपी को आधे से ज्यादा सीटें मिल जाती हैं तो 400 पार का लक्ष्य संभव हो सकता है.
25 सीट वाला राजस्थान, 29 सीट वाला मध्य प्रदेश और 26 सीट वाला गुजरात. ये तीन राज्य ऐसे हैं, जो बीजेपी के लिए राहत की खबर लेकर आते हैं. इन तीनों राज्यों में बीजेपी 2014 और 2019 में सिर्फ दो सीटें हारी थीं. ऐसे में ये राज्य इस बार भी 80 के करीब सीटें बीजेपी को दिलाने की गारंटी हैं.
ओडिशा, केरल, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश ऐसे राज्य हैं, जहां भारतीय जनता पार्टी को गठबंधन के दम पर सीटें निकालनी होंगी. यहां हालात बिगड़ने पर भी एनडीए की सीटों में भारी गिरावट आ सकती है. आंध्र प्रदेश इसका सबसे बड़ा उदाहरण है, जहां गठबंधन टूटने के बाद 2019 में एनडीए को भारी नुकसान हुआ था.
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Source: IOCL