Water Bottle Price: रेल नीर की बोतल पर बचेंगे इतने रुपये, क्या जीएसटी कटौती से बिसलेरी, किनले, बेली और एक्वाफिना का पानी भी होगा सस्ता?
Water Bottle Price: जीएसटी सुधारों के बाद रेल नीर की कीमतों में आई गिरावट से यात्रियों को सीधा लाभ मिलेगा. चलिए जानें कि क्या जीएसटी कटौती से बिसलेरी, किनले, बेली और एक्वाफिना का पानी भी सस्ता होगा.

Water Bottle Price: इंडियन रेलवे यात्रियों के लिए राहत भरी खबर लेकर आया है. जीएसटी दरों में की गई कटौती के बाद रेलवे बोर्ड ने पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर रेल नीर की कीमतों में कमी का ऐलान किया है. भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम IRCTC की ओर से जारी नए नोटिफिकेशन के अनुसार, अब एक लीटर क्षमता वाली रेल नीर की बोतल के दाम कम हो गए हैं. चलिए जानें कि क्या जीएसटी कटौती से बिसलेरी, किनले, बेली और एक्वाफिना का पानी भी सस्ता होगा.
कितने में मिलेगी रेल नीर
आईआरसीटीसी की मानें तो रेल नीर की बोतल 15 रुपये की बजाय 14 रुपये में उपलब्ध होगी. इसी तरह, आधा लीटर यानी 500 मिलीलीटर की बोतल की कीमत भी कम की गई है. पहले यह बोतल 10 रुपये में मिलती थी, जबकि अब इसका दाम घटाकर 9 रुपये कर दिया गया है. रेलवे का कहना है कि यह फैसला यात्रियों को किफायती दरों पर सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लिया गया है. ऐसे में रेल नीर की बोतल पर अब 1 रुपये बचेंगे.
बाकी ब्रांड की बॉटल के क्या हैं रेट?
रेलवे का कहना है कि नई कीमतें देश भर के रेलवे परिसरों और ट्रेनों में बेची जाने वाली सभी ब्रांडों की अन्य शॉर्टलिस्टेड पैकेज्ड पेयजल बोतलों पर भी लागू होगा. लेकिन निजी पैकेज्ड वाटर ब्रांड्स जैसे बिसलेरी, किनले, बेली और एक्वाफिना जैसी इन कंपनियों ने किसी तरह की आधिकारिक घोषणा नहीं की है.
आमतौर पर एक लीटर की बिसलेरी बोतल 20 रुपये में, किनले और बेली लगभग 20 रुपये में जबकि, एक्वाफिना 20 से 22 रुपये में बिकती है. रेलवे के इस कदम के बाद यात्रियों के बीच यह उम्मीद बढ़ी है कि निजी कंपनियां भी प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए कीमतों पर पुनर्विचार कर सकती हैं.
बढ़ सकती है रेल नीर की डिमांड
रिपोर्ट्स की मानें तो रेल नीर की कीमतों में कमी से यात्रियों के बीच इसकी मांग और बढ़ सकती है, खासकर उन यात्रियों के लिए जो रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों में यात्रा करते समय बोतलबंद पानी खरीदते हैं. हालांकि, निजी कंपनियां अक्सर अपनी ब्रांड वैल्यू और वितरण लागत का हवाला देकर कीमतों में बदलाव से बचती रही हैं.
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Source: IOCL
























