एक्सप्लोरर

भारत में बच्चा गोद लेने के अब क्या हैं नियम, समझिए पूरी प्रक्रिया?

न्याय संबंधी संशोधन विधेयक, 2021 में संशोधन के बाद अब जिला मजिस्ट्रेट को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी करने और संकट में फंसे बच्चों का सहयोग करने के भी अधिकार दिये गये हैं.

कोई भी परिवार तब तक पूरा नहीं माना जाता जब तक वहां बच्चे की किलकारी ना सुनाई दे. हर कोई चाहता है कि उनके घर में एक बच्चा जरूर हो ताकि परिवार में खुशियां बनी रहे. इस बीच कई कपल्स ऐसे भी है जो बायलॉजिकल तरीके से बच्चे पैदा नहीं कर पाते. ऐसे में वह बच्चा गोद लेने की योजना बनाते हैं. लेकिन भारत में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने और बच्चा मिलने में 2 से 5 साल तक का समय लग जाता है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रोसेस को सरल बनाए जाने की मांग पर एक आदेश जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश से 1 सितंबर, 2022 से बच्चों की देखभाल और गोद लेने से संबंधित मुद्दों पर जिला मजिस्ट्रेट और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका बढ़ाने से संबंधित संशोधित कानून लागू हो गया है. इसका मतलब है कि अब स्थानीय कोर्ट के बजाय जिला मजिस्ट्रेट (DM) बच्चा गोद लेने के आदेश दे सकता है. 

दरअसल सरकार ने बच्चों की देखभाल और न्याय संबंधी संशोधन विधेयक, 2021 ( Juvenile Justice Act Amendment) को पिछले साल बजट सत्र के दौरान संसद में पेश किया था और इसे मॉनसून सत्र में पारित किया गया. संसद से पारित होने के बाद, राष्ट्रपति की मुहर लगने के साथ ही यह अधिनियम एक सितंबर से लागू हो गया.

इस अधिनियम में संशोधन के बाद अब जिला मजिस्ट्रेट को गोद लेने की प्रक्रिया पूरी करने और संकट में फंसे बच्चों का सहयोग करने के भी अधिकार दिये गये हैं. इस एक्ट के तहत चाइल्ड वेलफेयर समिति (CWC) में किन सदस्यों की नियुक्ति होगी इसको लेकर नियमों को फिर से परिभाषित किया गया है.

इसके साथ ही चाइल्ड वेलफेयर समिति में कौन सदस्य अयोग्य है इसको लेकर भी कुछ पैमाने तय कर दिए गए हैं. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि केवल सही क्वालिफिकेशन वाले लोगों की नियुक्ति CWC में हो सके.


भारत में बच्चा गोद लेने के अब क्या हैं नियम, समझिए पूरी प्रक्रिया?

दरअसल बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया को सरल बनाने की दायर याचिका में कहा गया था कि एक ऐसी नीति बनाई जाए जिसके तहत हर जिले में पढ़े-लिखे लोगों को बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया की ट्रेनिंग दी जाए ताकि वह छात्र भविष्य में बच्चा गोद लेने वालों की मदद कर सकें. इसके अलावा याचिका में मांग की गई थी कि अनाथ बच्चों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराए जाए और ब्लॉक स्तर पर इन बच्चों के व्यवसायिक प्रशिक्षण दिया जाए. 

कानूनी जटिलताओं की वजह से नहीं ले पा रहे बच्चे गोद

याचिका में कहा गया कि भारत में बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि इसे पूरा होने 2-3 साल लग जाते हैं. अगर यह प्रक्रिया आसान होती है तो अनाथ बच्चों को गोद लेने की संख्या में सुधार हो सकेगा. याचिका में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में भारत में लगभग 3 करोड़ 10 लाख अनाथ बच्चे हैं, लेकिन जटिल कानूनी नियम के कारण पिछले 5 साल में सिर्फ 16,353 बच्चों को गोद लिया जा सका है.

केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (CARA) जो मुख्य रूप से अनाथ, छोड़ दिए गए और आत्म-समर्पण करने वाले बच्चों के गोद दिलाने  के लिए काम करती है, का कहना है कि देश के अलग अलग कोर्ट में गोद लेने के लगभग 1,000 मामले लंबित हैं. माता-पिता और वकील यह भी कहते हैं कि न तो जज और न ही डीएम को एक्ट में बदलाव के बारे में पता है, जिससे देरी हो रही है.

CARA के अनुसार, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय राज्य सरकारों को भेजे जाने वाले एक पत्र का मसौदा तैयार कर रहा है जिसमें स्पष्ट किया गया है कि जहां गोद लेने के आदेश पहले ही दिए जा चुके हैं, या जल्द ही दिए जाएंगे, डीएम उन्हें वैध मानें.

कानूनी प्रक्रिया में हो रही जटिलता और गोद लेने में देरी पर बात करते हुए वकील रवि रॉय ने कहा कि कोई भी परिवार अगर किसी बच्चे को गोद लेना चाहता है तो उसको औसतन दो या ढाई साल का वक्त लगता है. ये इतना लंबा वक्त है कि ऐसे में कई परिवार कानून प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ देते हैं. 

एक वजह ये भी होती है कि कई बच्चे ‘गोद लेने योग्य नहीं’ श्रेणी में आते हैं. दरअसल  आश्रय गृहों में कई ऐसे बच्चे भी रह रहे हैं जिसके माता-पिता उनकी परवरिश का खर्च उठाने में सक्षम नहीं हैं. ऐसे में उन्हें गोद लेना है तो उन्हें उनके जैविक अभिभावकों ने गोद देने की स्वीकृति लेनी पड़ती है. 

उन्होंने कहा कि भारत में भारतीय नागरिक, NRI और विदेशी नागरिक हर कोई बच्चे को गोद ले सकता है. लेकिन उसके लिए सबसे पहले उन्हें केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण  द्वारा बनाए गए नियमों को पूरा करना जरूरी है. वहीं तरह के नागरिक के लिए अलग-अलग नियम तय किए हैं.


भारत में बच्चा गोद लेने के अब क्या हैं नियम, समझिए पूरी प्रक्रिया?

शादी शुदा परिवार के अलावा इसके साथ ही सिंगल पैरेंट या कपल दोनों ही बच्चे को गोद ले सकते हैं. हालांकि मैरिड कपल के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं. 

-अगर कोई शादीशुदा जोड़ा बच्चे को गोद ले रहा है तो उस कपल की शादी को कम से कम 2 साल का समय होना चाहिए.
-गोद लेने वाले बच्चे के माता-पिता को पहले से कोई जानलेवा बीमारी नहीं होनी चाहिए.
-बच्चे और माता-पिता की उम्र में कम से कम 25 साल का फर्क होना चाहिए.
-बच्चे को गोद लेने के लिए माता पिता दोनों की रजामंदी होना चाहिए.
-अगर कोई महिला किसी बच्चे को गोद लेना चाहती है तो वह लड़का या लड़की में से किसी को भी आसानी से गोद ले सकती हैं.
- अगर कोई पुरुष बच्चे को गोद लेना चाहता है तो उसे केवल लड़का ही गोद दिया जाता है. 
- कपल लड़का या लड़की में से किसी को भी गोद ले सकता है.
-माता-पिता की बच्चा गोद लेते समय आर्थिक स्थिति सही होनी चाहिए.

इन डॉक्यूमेंट्स के बिना नहीं हो सकता अडॉप्शन 

- गोद लेने वाले परिवार की मौजूदा तस्वीर 
- बच्चे को गोद लेने वाले परिवार या शख्स का पैन कार्ड.
- बर्श सर्टिफिकेट या कोई भी ऐसा डॉक्यूमेंट जिससे उस शख़्स की बर्थ डेट का प्रमाण मिल सके.
- आधार कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट, नवीनतम बिजली का बिल, टेलीफ़ोन बिल इन सब में से किसी भी एक डॉक्यूमेंट का होना बेहद जरूरी
- उस साल के इनकम टैक्स की ऑथेंटिक कॉपी
- गोद लेने के इच्छुक दंपति को अपने-अपने मेडिकल सर्टिफ़िकेट जमा कराने होंगे. वह सर्टिफिकेट किसी सरकारी अस्पताल के डॉक्टर का साइन किया हुआ प्रमाण पत्र हो सकता है. जिससे साबित हो जाए कि बच्चे को गोद लेने वाले शख्स को किसी तरह की बीमारी नहीं है.
- गोद लेने वाला शख्स शादीशुदा है तो शादी का प्रमाण पत्र ( अगर शादीशुदा हैं तो)
- शख़्स तलाक़शुदा है तो उसका प्रमाणपत्र.
-गोद लेने के पक्ष में इच्छुक व्यक्ति से जुड़े दो लोगों का बयान.
- अगर इच्छुक व्यक्ति का कोई बच्चा पहले से ही है और उसकी उम्र पांच साल से अधिक है तो उसकी सहमति.

CARA के अनुसार गोद लेने की प्रणाली में कई समस्याएं हैं लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत ये है कि इसकी रजिस्ट्री में बहुत कम बच्चे हैं. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार गोद लेने वाले पूल में (Adoption Pool) केवल 2,188 बच्चे हैं, जबकि 31,000 से ज्यादा माता-पिता बच्चे को गोद लेने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. यही कारण है कि परिवार एक बच्चे के अडॉप्शन के लिए तीन साल तक इंतजार करने के लिए मजबूर है. इसका सबसे बड़ा फायदा बच्चों की तस्करी करने वाले को मिल रहा है. 

 

 

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola

टॉप हेडलाइंस

'मेरे घर आइए, साथ में एक्सरसाइज करेंगे और जूड़ो लड़ेंगे', किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को दिया ये जवाब, Video
'मेरे घर आइए, साथ में एक्सरसाइज करेंगे और जूड़ो लड़ेंगे', किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को दिया ये जवाब, Video
नवंबर में दिल्ली नहीं बल्कि ये शहर रहा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित, रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
नवंबर में दिल्ली नहीं बल्कि ये शहर रहा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित, रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
Tere Ishk Mein Box Office Day 9: 'तेरे इश्क में' गजब कर रही, 'धुरंधर' के सामने बनने जा रही 100 करोड़ी!
'तेरे इश्क में' गजब कर रही, 'धुरंधर' के सामने बनने जा रही 100 करोड़ी!
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...

वीडियोज

Renuka Chowdhury: डॉग विवाद पर रेणुका चौधरी ने दिया सीधा और सख्त जवाब | Charcha With Chitra
पति के अफेयर की प्राण घातक बीवी ! | Sansani | Crime News
Babri Masjid: 6 दिसंबर...बाबरी मस्जिद को लेकर नया बवंडर! | TMC | Indigo Flight | Indigo Crisis
Putin India Visit: Vladimir Putin ने India दौरे पर वो पा लिया… जो 4 साल में खोया था |ABPLIVE
IndiGo flight Cancelled: यात्रियों के टिकट कैंसिल करने के पीछे बड़ी साजिश? | Janhit With Chitra

फोटो गैलरी

Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
'मेरे घर आइए, साथ में एक्सरसाइज करेंगे और जूड़ो लड़ेंगे', किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को दिया ये जवाब, Video
'मेरे घर आइए, साथ में एक्सरसाइज करेंगे और जूड़ो लड़ेंगे', किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को दिया ये जवाब, Video
नवंबर में दिल्ली नहीं बल्कि ये शहर रहा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित, रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
नवंबर में दिल्ली नहीं बल्कि ये शहर रहा देश में सबसे ज्यादा प्रदूषित, रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
Tere Ishk Mein Box Office Day 9: 'तेरे इश्क में' गजब कर रही, 'धुरंधर' के सामने बनने जा रही 100 करोड़ी!
'तेरे इश्क में' गजब कर रही, 'धुरंधर' के सामने बनने जा रही 100 करोड़ी!
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...
दक्षिण अफ्रीका से ODI सीरीज जीतने के बाद विराट कोहली का खास बयान, कहा- मैंने 2-3 साल...
'ऐसा एक्शन होगा, जो मिसाल बनेगा और पूरा एविएशन सेक्टर...', राम मोहन नायडू की इंडिगो को चेतावनी
'ऐसा एक्शन होगा, जो मिसाल बनेगा और पूरा एविएशन सेक्टर...', राम मोहन नायडू की इंडिगो को चेतावनी
500KM की दूरी का 7500 रुपये... इंडिगो संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, मनमाना किराया वसूली पर रोक
500KM की दूरी का ₹7500... इंडिगो संकट के बीच सरकार का बड़ा फैसला, मनमाना किराया वसूली पर रोक
​सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी में निकली वैकेंसी, सैलरी जानकार उड़ जाएंगे होश
​सेंट्रल संस्कृत यूनिवर्सिटी में निकली वैकेंसी, सैलरी जानकार उड़ जाएंगे होश
स्टेज पर फोटो खिंचाने आई बहन पर फूटा दुल्हन का गुस्सा! ऐसे घूरा कि सोशल मीडिया पर मच गया धमाल- वीडियो वायरल
स्टेज पर फोटो खिंचाने आई बहन पर फूटा दुल्हन का गुस्सा! ऐसे घूरा कि सोशल मीडिया पर मच गया धमाल
Embed widget