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अगर घर में 50 ग्राम गांजा मिल गया तो आपको कितनी सजा हो सकती है?
एनडीपीएस एक्ट (NDPS Act 1985) के तहत कार्रवाई करने के लिए जब्त की गई ड्रग्स की मात्रा को तीन भागों में बांटा गया है. स्मॉल क्वांटिटी, मीडियम क्वांटिटी और कमर्शियल क्वांटिटी.
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गांजा... ये शब्द बीते कुछ वर्षों से काफी चर्चा में है. खासतौर से बॉलीवुड और टीवी सेलेब्स के साथ इसके रिश्ते को लेकर खूब बवाल मचा. कोई गिरफ्तार हुआ तो किसी के घर पर छापेमारी हुई. लेकिन इस बीच एक सवाल जो सबसे अहम रहा वो ये है कि कितना गांजा रखने पर आपको जेल हो सकती है. चलिए इस आर्टिकल में आपको गांजे से जुड़े कानून के बारे में बताते हैं. इसके साथ ही आपको ये भी बताएंगे कि अगर आप गांजा पीते हुए पकड़े जाते हैं, तब आपको कितनी सजा हो सकती है.
गांजा से जुड़ा कानून
गांजा भारत में बैन है, इसे अगर आप अपने घर में रखते हैं या फिर पीते हैं या बेचते हुए पकड़े जाते हैं तो आपको कानून सजा हो सकती है. इसके अलावा आप पर भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है. लेकिन अब सवाल उठता है कि इससे जुड़ा कानून क्या कहता है. दरअसल, इस तरह के मामलों में नारकोटिक्टस ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटैंस एक्ट, 1985 के तहत कार्रवाई होती है.
इसे आप NDPS एक्ट के रूप में भी जानते हैं. इसे हिंदी में स्वापक औषधि और मन:प्रभावी अधिनियम कहा जाता है. इस कानून को संसद में साल 1985 में पारित किया गया था. इसके मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति मादक दवाओं के निर्माण, उत्पादन, खेती, स्वामित्व, खरीद, भण्डारण, परिवहन, उपभोग करने या रखने के में मामले में संलिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ विधिपूर्वक कार्रवाई की जाती है.
दो भागों में बंटा एनडीपीएस
आपको बता दें, एनडीपीएस एक्ट दो भागों में बंटा है. पहला भाग है एनडी, यानी नार्कोटिक ड्रग. जबकि दूसरा भाग है पीएस, इसका मतलब है साइकोट्रॉपिक सबस्टांस. अफीम, गांजा, डोडा, चूरा ये सभी नार्कोटिक ड्रग होते हैं. यानी यह प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होते हैं. वहीं साइकोट्रॉपिक सबस्टांस का मतलब है वह ड्रग्स जिसमें केमिकल मिला होता है.
कितना गांजा मिलने पर कितनी सजा
एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई करने के लिए जब्त की गई ड्रग्स की मात्रा को तीन भागों में बांटा गया है. पहले नंबर पर है स्मॉल क्वांटिटी, दूसरे नंबर पर है मीडियम क्वांटिटी वहीं तीसरे नंबर पर है कमर्शियल क्वांटिटी. इसमें अलग-अलग ड्रग की मात्रा अलग-अलग तरह से निर्धारित की गई है. जैसे कोकेन के लिए स्माॉल क्वांटिटी 2 ग्राम तय की गई है.
उसी तरह गांजे के लिए स्मॉल क्वांटिटी की मात्रा एक किलो से कम तय की गई है. वहीं मीडियम क्वांटिटी की बात करें तो गांजे के लिए ये मात्रा 20 किलो से कम है. जबकि, कमर्शियल क्वांटिटी की बात करें तो ये 20 किलो से अधिक गांजे के लिए होती है. इसके अलावा अगर आप गांजे के पौधे की खेती करते हैं तो वो भी कमर्शियल क्वांटिटी में आता है.
अब सजा की बात करें तो अगर आपके पास स्माल क्वांटिटी में गांजा पकड़ा जाता है, यानी एक किलो से कम गांजा है तो इसके लिए आपको एक साल की सजा और 10000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है. जबकि, मीडियम क्वांटिटी और कमर्शियल क्वांटिटी गांजा अगर आपके पास से पकड़ा जाता है तो इसके लिए आपको 10 साल की सजा हो सकती है और आप पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.
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