एक्सप्लोरर

भारत के लिए रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता समय की मांग, यूक्रेन संकट और भू-राजनीतिक परिस्थितियां करती हैं संकेत

रूस और यूक्रेन के युद्ध ने नयी दिल्ली के लिए एक द्वंद्व खड़ा कर दिया है, जो रूस और चीन के साथ ब्रिक्स में भी है और शंघाई सहयोग संगठन में भी. उसी तरह भारत ने अमेरिका के साथ क्वाड और मालाबार समूहों में शिरकत की हुई है. इस जटिलता को और बढ़ा हुआ देखना चाहें तो भारत जी20 और एससीओ की अध्यक्षता भी कर रहा है. भारत इस समय एक तनी हुई रस्सी पर कलाकारी दिखा रहा है और घायल होने से बचने के लिए उसे बेहद सधे हुए राजनय यानी डिप्लोमेसी की जरूरत पड़ेगी. 'रणनीतिक स्वायत्तता' को कायम रखते हुए भारत अपनी वैदेशिक और रक्षा संबंधी जरूरतें कैसे और कितनी जल्दी पूरी करे, यही इस संघर्ष का हासिल है. चीन और पाकिस्तान की दोहरी चुनौती के खिलाफ तने रहने के लिए भारत को अपनी नीतियों पर पुनर्विचार कर 'सत्ता-संतुलन' और 'तकनीकी अधिग्रहण' को अपने डिप्लोमेटिक एजेंडा में प्राथमिकता देनी होगी. 

रक्षा क्षेत्र में दूसरे पर निर्भरता बनाएगी पंगु

कोविड के समय जब सप्लाई-चेन की बहस चल रही थी, तभी से एक बहस चल रही थी. यूक्रेन युद्ध ने इस जरूरत को और बढ़ा दिया है. वह बहस है प्रतिरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की. आप आज यूक्रेन की स्थिति देखिए. आज गोला-बारूद और हथियारों की समस्या से वह जूझ रहा है, क्योंकि वह पश्चिमी देशों पर निर्भर है. भारत का इतिहास यह बताता है कि 1962 के भारत-चीन युद्ध में हमारी हार की जो सबसे बड़ी वजह थी, वह हथियारों की कमी और दूसरे देशों पर निर्भरता की थी. हाल ही में डिफेंस पर जो स्टैंडिंग कमेटी की रिपोर्ट आई है, वह बताती है कि भारतीय एयरफोर्स की आपूर्ति में बहुत कमी आई. इसकी एक बड़ी वजह यह थी कि रूस हमारी मांगों को पूरा नहीं कर पाया. मौजूदा वित्त वर्ष में भी वायुसेना के आधुनिकीकरण और बाकी मांगों पर भी प्रभाव पड़ेगा.

रूस ने एक तरह से यह साफ कर दिया है कि वह अभी अपने झमेलों की वजह से हमारी मांगें पूरी नहीं कर पाएगा. अच्छी बात ये है कि भारत शायद इसके लिए पहले से तैयार था, इसीलिए भारत ने स्वदेशीकरण की प्रक्रिया 2020 से जोर-शोर से शुरू कर दी है. भारत गोला-बारूद और हथियारों में आत्मनिर्भर हो, यह जरूरी है. भारत दोतरफा आशंकाओं से घिरा है. एक तरफ हमारी पश्चिमी सीमाएं और पूर्वी सीमाएं हैं, जो दो प्रतिद्वंद्वियों से घिरा है. यह बहस भी होती रही है कि भारत को दो सीमाओं पर एक साथ युद्ध लड़ने की क्षमता होनी चाहिए. भारत इसकी तैयारियां कर रहा है. भारत रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के साथ ही निर्यात में भी अपने हाथ आजमा रहा है, जहां तक छोटे हथियारों की बात है. 

रक्षा-क्षेत्र में बड़े खिलाड़ी के तौर पर उभरता भारत

जहां तक रक्षा-उत्पादों के निर्यात की बात है, तो पिछले पांच वर्षों में उसमें बड़ा बदलाव हुआ है. पिछले वित्त वर्ष के भारत सरकार के आंकड़े बताते हैं कि हमने अभी तक के सबसे अधिक रक्षा उत्पादों, सब-सिस्टम और कल-पुर्जों का निर्यात किया है. 2022-23 में हमने 16 हजार करोड़ का निर्यात किया है और इसमें खास तौर से हार्डवेयर का एक्सपोर्ट हमने किया है. इसमें निजी उत्पादकों का भी हाथ है. आज हम 85 देशों को निर्यात कर रहे हैं, जिसमें अफ्रीका, दक्षिण-पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया के भी कई सारे देश शामिल हैं. भारत ने लक्ष्य तय किया है कि साल 2024-25 तक हम 5 बिलियन डॉलर तक का हथियारों, उपकरणों और सब-सिस्टम का निर्यात करेंगे. तैयारियों का जहां तक सवाल है, तो भारत ने रक्षा बजट में काफी बढ़ोतरी की है. अगर हम 2019 से तुलना करें तो इस साल यह 57 फीसदी अधिक है. इसका एक बड़ा हिस्सा भारत अपने स्तर पर रक्षा उत्पादों को बनाने और बेचने में खर्च करे, यही भविष्य की नीति होनी चाहिए. 

रक्षा क्षेत्र की आपूर्ति में आ रही है विविधता

पिछले पांच साल के आंकड़े बताते हैं कि एक समय जो भारत 50 से 60 फीसदी तक रक्षा उत्पादों के आयात के लिए रूस पर निर्भर था, अब वैसा नहीं है. पांच साल में यह तस्वीर बदली है. यह 45 फीसदी तक आ गया है और भारत अब आपूर्ति के मामले में विविधता यानी डायवर्सिफिकेशन पर जोर दे रहा है. इसके पीछे सोच ये है कि संकट के समय हम किसी एक खिलाड़ी पर ही निर्भर न रहें. फ्रांस की काफी भूमिका बढ़ी है और 29 फीसदी के साथ वह दूसरे नंबर पर है. अमेरिका 11 फीसदी पर पहुंच गया है, तो भारत अब डायवर्सिफाई कर रहा है. हम रक्षा उपकरणों के जो प्लेटफॉर्म हैं, उसमें बदलाव कर रहे हैं. रूस पर हम अपनी निर्भरता काफी हद तक कम कर रहे हैं. हम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तहत विदेशी कंपनियों को भारत में निर्यात के लिए कह रहे हैं, मेक इन इंडिया के तहत अपना उत्पादन बढ़ा रहे हैं, विदेशी कंपनियों को तकनीक हस्तानांतरण के लिए कह रहे हैं. उदाहरण के लिए, जैसे आज भारतीय कंपनियां टाटा, फोर्ज, अडानी डिफेंस आदि जो हैं, वे विदेशी कंपनियों के साथ जॉइंट वेंचर कर रही है, सब्सिडियरी बना रही हैं और यहां पर बोइंग, लॉकहीड मार्टिन और इजरायल की कई कंपनियां निर्माण कर रही हैं. हमारे या रूस के जो पुराने प्लेटफॉर्म्स हैं, उसे भी हमने यहीं पर आधुनिकीकरण करने लायक बनाया है. विविधता की हम अपनी जरूरत पर काम कर रहे हैं और इसमें भू-राजनीतिक परिस्थितियों की बड़ी भूमिका है. 

भारत किसी भी चुनौती से निबटने में सक्षम

पिछले दिनों हमारे विदेश मंत्री ने भी कहा था कि चीन एक बड़ी आर्थिक शक्ति है और उसका परिणाम हमें उनके रक्षा बजट में भी दिखता है. भारत ने इसके बावजूद कई मौकों पर दिखाया है कि वह तमाम तरह की परिस्थितियों से निबट सकता है. हम जानते हैं कि चीन में एक पार्टी की सत्ता है. वहां से बहुतेरी जानकारियां हमारे पास खुलकर नहीं आती. चीन के जो रक्षा आंकड़े हैं, उसको लेकर भी पूरे विश्व में तमाम तरह की आशंकाएं हैं. पिछले कुछ समय से दुनिया में चीन-विरोधी एक भावना व्याप्त हुई है. उसकी वजह से भी चीन की विस्तारवादी प्रवृत्ति पर दबाव तो पड़ा है. अगर हम सीधे तौर पर रक्षा तैयारियों की बात करें, तो भारत अपने दम पर बेहतर करने की चेष्टा कर रहा है. अगर हम बिल्कुल नेक टू नेक संघर्ष की बात करें तो निस्संदेह चीन आगे है, लेकिन भारत भी पूरी तरह तैयार है और भारत की सैन्य तैयारियों से भी सभी वाकिफ हैं. लद्दाख और अरुणाचल की सीमा पर जो हमने देखा, जो झड़पें हुईं, भारत ने बहुत करारा जवाब दिया है. चीन आज तक डोकलाम के मसले को भी नहीं भूला है. एक वैश्विक रक्षा ताकत के तौर पर चीन हो सकता है आगे हो, लेकिन भारत अपने दम पर तेजी से बढ़ रहा है औऱ किसी भी परिस्थिति में जूझ सकता है. इस संदर्भ में किसी भी भारतीय को चिंता करने की जरूरत नहीं है.

(यह आर्टिकल निजी विचारों पर आधारित है) 

और देखें

ओपिनियन

Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Swati Maliwal Assault: महिलाओं के अपमान पर केजरीवाल चुप क्यों? स्वाति मालीवाल केस में जेपी नड्डा ने AAP को घेरा
महिलाओं के अपमान पर केजरीवाल चुप क्यों? स्वाति मालीवाल केस में जेपी नड्डा ने AAP को घेरा
मुंबई में विपक्ष पर बरसे राज ठाकरे, 'पंडित नेहरू के बाद...', बाबरी मस्जिद पर भी दिया बयान
मुंबई में विपक्ष पर बरसे राज ठाकरे, 'पंडित नेहरू के बाद...', बाबरी मस्जिद पर भी दिया बयान
पाकिस्तानी एक्टर जिसने Shah Rukh Khan को दे दिया था ज्ञान, बॉलीवुड फिल्मों में किया है काम, पहचाना क्या?
पाकिस्तानी एक्टर जिसने शाहरुख खान को दे दिया था ज्ञान, पहचाना?
PoK में विरोध से डरी पाकिस्तान सरकार, विदेश मंत्री ने पाक संसद से लगाई भारत से दोस्ती की गुहार
PoK में विरोध से डरी पाकिस्तान सरकार, विदेश मंत्री ने पाक संसद से लगाई भारत से दोस्ती की गुहार
for smartphones
and tablets

वीडियोज

Swati Maliwal Case: स्वाति मालीवाल केस में सीएम हाउस से आई वीडियो से बढ़ी दिल्ली का सियासत | ABP NewsElections 2024: आज शाम पांचवें दौर के लिए थम जाएगा चुनाव प्रचार, 20 मई को होगी पांचवे चरण की वोटिंगLoksabha Elections 2024: यूपी की सुल्तानपुर सीट पर जनता ने बता दिया कौन सा चुनावी मुद्दा है प्रभारी?Breaking: स्वाति मालीवाल की मौजूदगी में दिल्ली पुलिस, FSL टीम ने सीएम हाउस में रीक्रिएट किया सीन

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Swati Maliwal Assault: महिलाओं के अपमान पर केजरीवाल चुप क्यों? स्वाति मालीवाल केस में जेपी नड्डा ने AAP को घेरा
महिलाओं के अपमान पर केजरीवाल चुप क्यों? स्वाति मालीवाल केस में जेपी नड्डा ने AAP को घेरा
मुंबई में विपक्ष पर बरसे राज ठाकरे, 'पंडित नेहरू के बाद...', बाबरी मस्जिद पर भी दिया बयान
मुंबई में विपक्ष पर बरसे राज ठाकरे, 'पंडित नेहरू के बाद...', बाबरी मस्जिद पर भी दिया बयान
पाकिस्तानी एक्टर जिसने Shah Rukh Khan को दे दिया था ज्ञान, बॉलीवुड फिल्मों में किया है काम, पहचाना क्या?
पाकिस्तानी एक्टर जिसने शाहरुख खान को दे दिया था ज्ञान, पहचाना?
PoK में विरोध से डरी पाकिस्तान सरकार, विदेश मंत्री ने पाक संसद से लगाई भारत से दोस्ती की गुहार
PoK में विरोध से डरी पाकिस्तान सरकार, विदेश मंत्री ने पाक संसद से लगाई भारत से दोस्ती की गुहार
Swati Maliwal: स्वाति मालीवाल केस: दिल्ली सीएम आवास से CCTV कैमरों का डंप ले गई पुलिस, आज फिर जांच के लिए पहुंचेगी टीम
स्वाति मालीवाल केस: दिल्ली सीएम आवास से CCTV कैमरों का डंप ले गई पुलिस, आज फिर जांच के लिए पहुंचेगी टीम
Pakistan Moon Mission: पाकिस्तान के चंद्र मिशन की पहली तस्वीर की लोग जमकर उड़ा रहे मजाक, बोले- सैमसंग का फोन ले जाते
पाकिस्तान के चंद्र मिशन की पहली तस्वीर की लोग जमकर उड़ा रहे मजाक, बोले- सैमसंग का फोन ले जाते
Phone Tips: फोन में इंटरनेट चलाने में आ रही दिक्कत? इन 5 टिप्स से चुटकियों में पाएं छुटकारा
फोन में इंटरनेट चलाने में आ रही दिक्कत? इन 5 टिप्स से सब हो जाएगा आसान
Swati Maliwal Case: क्या कोई राजनीतिक पार्टी अपने सांसद की संसद सदस्यता खत्म करा सकती है?
क्या कोई राजनीतिक पार्टी अपने सांसद की संसद सदस्यता खत्म करा सकती है?
Embed widget