UPI Down: पिछले 5 साल में 17 बार हुआ क्रैश, लोग नहीं कर पाए घंटों लेनदेन, जानें क्या है वजह
UPI Crashed: डिजिटल पेमेंट देश में काफी तेजी से बढ़ा है. लोग अब कैश की जगह ऑनलाइन पेमेंट या यूपीआई करना पसंद करते हैं. लेकिन डिजिटल पेमेंट के साथ अब कई सारी समस्याएं भी सामने आ रही हैं.

UPI Down: डिजिटल पेमेंट देश में काफी तेजी से बढ़ा है. लोग अब कैश की जगह ऑनलाइन पेमेंट या यूपीआई करना पसंद करते हैं. लेकिन डिजिटल पेमेंट के साथ अब कई सारी समस्याएं भी सामने आ रही हैं. गूगल पे, फोनपे और पेटीएम जैसे प्लेटफॉर्म पिछले एक महीने में तीन बार ठप हो चुका है जिससे लोगों को काफी परेशानी भी हो रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 साल में देखा जाए तो यूपीआई करीब 17 बार क्रैश हुआ है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार, मार्च 2020 से मार्च 2025 के बीच कुल 17 बार UPI सेवा ठप हुई. इस दौरान करीब 1000 मिनट तक कोई भी ट्रांजैक्शन नहीं हो सका.
सोशल मीडिया पर दी जानकारी
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर NPCI ने तकनीकी समस्याओं को इसका कारण बताया है. साथ ही बताया कि इस कारण लेनदेन में भी काफी गिरावट आई है. उन्होंने इसके लिए खेद जताते हुए यूज़र्स से माफी भी मांगी है. बता दें कि जुलाई 2024 में UPI सेवा सबसे अधिक समय के लिए बंद रही. जुलाई 2024 में यूपीआई सेवा करीब 207 मिनट तक ठप रही है.
हालांकि NPCI का दावा है कि UPI का मंथली अपटाइम 99% से भी ज्यादा रहा है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक, जब यूपीआई सेवा महज 1 घंटे के लिए भी ठप पड़ती है तो इसका असर करीब 4 करोड़ ट्रांजैक्शनों पर पड़ सकता है. वहीं, मार्च 2025 में हर दिन औसतन 59 करोड़ UPI ट्रांजेक्शन हुए. 26 मार्च को जब पहली बार इस महीने सेवा ठप हुई, उस दिन सिर्फ 55 करोड़ ट्रांजेक्शन हुए जो एक दिन पहले के मुकाबले 7% कम थे.
UPI सर्विस पर हो रही चार्ज लगाने की मांग
जानकारी के अनुसार, पेमेंट काउंसिल ऑफ इंडिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जीरो MDR (मर्चेंट डिस्काउंट रेट) पॉलिसी पर एक बार फिर से विचार करने को लेकर निवेदन किया है. उनका प्रस्ताव है कि UPI और RuPay डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शनों पर 0.3% का शुल्क लेना चाहिए. इसके अलावा उनका कहना है कि यह शुल्क छोटे व्यापारियों से नहीं बल्की सिर्फ बड़े व्यापारियों से ही वसूला जाए.
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