ऑपरेशन सिंदूर में पिटने के बावजूद आसिम मुनीर को बनाया गया हीरो, जानें किसे मिलता है फील्ड मार्शल का पद
Asim Munir Got The Rank Of Field Marshal: ऑपरेशन सिंदूर में बुरी तरह मार खाने के बाद पाकिस्तानी सेना के जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया है. जानें किसे मिलता है फील्ड मार्शल का पद?

Asim Munir Got The Rank Of Field Marshal: 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. इस ऑपरेशन सिंदूर में पीओके ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में बने आतंकी ठिकानों को भी भारतीय सशस्त्र बलों की ओर से बिल्कुल तबाह कर दिया गया. इसके बाद पाकिस्तानी सेना के जनरल आसिम मुनीर ने भारत पर अटैक करने का प्रयास किया और इसके लिए बहुत से ड्रोन फायर किए.
लेकिन भारतीय एयर डिफेंस सिस्टम ने उन सभी ड्रोन्स को ताश के पत्तों की तरह बिखेर दिया. इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के अलग-अलग बेस पर हमले किए. जिसमें सेना को भी भारी नुकसान हुआ. ऑपरेशन सिंदूर में बुरी तरह मार खाने के बाद पाकिस्तान का नाक कटाने के बाद अब पाकिस्तान सेना के जनरल आसिम मुनीर को हीरो बनाया गया है. उसे फील्ड मार्शल का पद दिया गया है. जानें किसे मिलता है फील्ड मार्शल का पद? क्या होता है इसका क्राइटेरिया.
किसे मिलता है फील्ड मार्शल का पद?
फील्ड मार्शल का पद सेना में सबसे बड़ा पद होता है. इसे फाइव स्टार रैंक ऑफिसर भी कहा जाता है. यह एक मानद पद होता है. यानी कि यह एक तरह से सम्मान के तौर पर दी जाने वाली उपाधि होती है. बहुत कम अफसरों को ही यह पद मिल पाता है. आपको बता दें नियमों के तहत फील्ड मार्शल उसे बनाया जाता है जिसने युद्ध के समय बेहद असाधारण तरीके से सेना का नेतृत्व किया हो.
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कम शब्दों में कहें तो किसी देश की सेना ने दूसरे देश के खिलाफ युद्ध जीता हो. तो ऐसे में उसे देश की सेना के जनरल को फील्ड मार्शल बनाया जाता है. उदाहरण के तौर पर बात की जाए तो भारत में साल 1965 के युद्ध की जीत बाद से केएम करिअप्पा को फील्ड मार्शल बनाया गया था. तो वहीं साल 1971 की युद्ध जीत के बाद से सैम मानेकशॉ को फील्ड मार्शल के पद से नवाजा गया था.
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क्या मिलती हैं अलग सुविधाएं?
फील्ड मार्शल बनने के बाद कुछ खास सुविधाएं भी दी जाती हैं. फील्ड मार्शल बनने वाले अफसर को कभी भी रिटायर्ड नहीं माना जाता, भले ही वह किसी भी पद पर काम ना कर रहा हो. फील्ड मार्शल को पेंशन नहीं बल्कि जिंदगी भर जनरल रैंक के बराबर का वेतन दिया जाता है. इसके साथ ही सैन्य भत्ते भी दिए जाते हैं. देश की राजधानी में उन्हें एक सरकारी बंगला दिया जाता है. इसके साथ ही पर्सनल स्टाफ सिक्योरिटी गार्ड और सेवाएं मिलती हैं. तो हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशनों पर वीआईपी ट्रीटमेंट भी मिलता है.
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