CBI Raid: किरू जल विद्युत परियोजना में एक्शन में सीबीआई, दिल्ली-मुंबई समेत 16 ठिकानों पर छापेमारी
CBI Raids On Jammu Kashmir: सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक यह मामला साल किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के ₹2200 करोड़ का ठेका एक निजी कंपनी को दिए जाने और उसमें हुए घोटाले से संबंधित है.

CBI Raids On Kiru Hydroelectric Project: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की किरू जल विद्युत परियोजना (Kiru Hydroelectric Project) में हुई धांधली को लेकर आज फिर दिल्ली, मुंबई, श्रीनगर आदि 5 शहरों में 16 जगहों पर छापेमारी की. यह छापेमारी आरोपी कंपनी और बिचौलियों के ठिकानों पर की गई.
इसके पहले इस मामले में बीते अप्रैल महीने में एक आईएएस अधिकारी समेत अनेक लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. इसी मामले को लेकर जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल ने भी अनेक गंभीर आरोप लगाए थे. सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक यह मामला साल 2019 में किरू हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के सिविल कार्य का लगभग ₹2200 करोड़ का ठेका एक निजी कंपनी को दिए जाने और उसमें हुए घोटाले से संबंधित है.
सीबीआई ने कई आरोपियों के खिलाफ दर्ज किया था केस
जम्मू कश्मीर सरकार के अनुरोध पर यह मामला 20 अप्रैल 2022 को विभिन्न आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया था. इस मामले में आईएएस अधिकारी नवीन कुमार चौधरी जो उस समय चिनार वैली पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन भी थे उनके अलावा इसी कंपनी के प्रबंध निदेशक एम एस बाबू इसी कंपनी के दूसरे निदेशक एमके मित्तल अरुण कुमार मिश्रा तथा एक प्राइवेट कंपनी पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था.
कई सबूत हुए थे बरामद
सीबीआई के मुताबिक मुकदमा दर्ज किए जाने के फौरन बाद 21 अप्रैल 2022 को तत्कालीन अध्यक्ष तत्कालीन एमडी चिनार वैली पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन निदेशकों आदि सहित आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी. सीबीआई का दावा है कि इस जांच के दौरान इस मामले के बिचौलियों और लोक सेवकों के बीच कथित वित्तीय लेनदेन और उनकी भूमिकाओं का खुलासा करने वाले अनेक सबूत पाए गए थे. इन सबूतों का आकलन करने के बाद सीबीआई ने आज फिर 5 शहरों में 16 स्थानों पर छापेमारी की है.
इस मामले में आरोप है कि किरू जल विद्युत परियोजना के सिविल वर्क पैकेज को दिए जाते समय ई निविदा के संबंध में विश्व दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया गया. चिनार वैली पावर प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की बोर्ड बैठक में ई निविदा के माध्यम से पुनः निविदा के लिए एक निर्णय लिया गया था.
राज्यपाल ने लगाए थे आरोप
आरोप है कि चल रही निविदा प्रक्रिया को रद्द करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया और उसी निजी कंपनी को ठेका दे दिया गया जो पहले से ही इस मामले में संदेह के दायरे में आ गई थी. इस मामले को लेकर जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के पूर्व राज्यपाल (Lt. Governor) ने भी आरोप लगाए थे जिस वजह से वादी में राजनीतिक हंगामा मचा था. सीबीआई का दावा है कि अब तक की छापेमारी के दौरान अनेक आपत्तिजनक दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुई हैं.
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