RajCop Citizen App: अब महिलाओं से छेड़छाड़ करने वालों की खैर नहीं, एक बटन दबाते ही मनचलों को हवालात भेजेगी ये ऐप
RajCop Citizen App News: राजस्थान पुलिस ने महिला सुरक्षा के लिए राजकॉप सिटीजन ऐप लॉन्च किया है, जिससे छात्राओं और महिलाओं को तत्काल पुलिस सहायता मिलेगी. 12 थानों में कालिका पेट्रोलिंग यूनिट सक्रिय है.

Rajasthan News: राजस्थान में महिला सुरक्षा को लेकर एक नया कदम उठाया गया है. पुलिस द्वारा एक सुरक्षा ऐप उपलब्ध करवाया गया है, जिसकी मदद से स्कूल, कॉलेज, बाजार या भीड़-भाड़ वाले जगहों पर लड़कियों और महिलाओं के साथ मनचलों द्वारा छेड़छाड़ करने पर तत्काल कालिका पुलिस कहर बनकर टूट पड़ेगी और उनको तत्काल सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही मनचले को जेल की हवा खिला देगी.
बहन-बेटियों की सुरक्षा के लिए राजस्थान पुलिस द्वारा एक विभिन्न सहायता एप्लिकेशन से सुसज्जित राज कॉप सिटीजन ऐप (Rajcop Citizen App) शुरू किया गया है, इसके जरिए पढ़ने वाली छात्राएं और महिलाएं सुरक्षित रहेंगी. इसी के तहत भीलवाड़ा जिले में कालिका पेट्रोलिंग पोलिस यूनिट संचालित की गई है जो कि महिलाओं और छात्राओं को ऐप डाउनलोड करने ओर उसकी उपयोगिता की जानकारी दे रही है.
मांडल थाना मुख्यालय पर संचालित राजकीय माध्यमिक विद्यालय, राजकीय कन्या महाविद्यालय और रूपी देवी कन्या महाविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को इस ऐप को लेकर कालिका पेट्रोलिंग यूनिट की सलमा बानू और मीना कुमारी ने जानकारी दी. वहीं प्राचार्या डॉ. ज्योति वर्मा के साथ मिलकर 350 छात्राओं को हाथों हाथ ऐप डाउनलोड करवाया.
प्राचार्य डॉ. ज्योति वर्मा ने बताया कि रूपी देवी कन्या महाविद्यालय में 1200 से अधिक छात्राएं पढ़ती हैं, सभी छात्राओं से ऐप डाउनलोड करवाया गया और अपने आस पास पड़ोस रिश्तेदार में अन्य महिलाओं छात्राओं से भी इस को ऐप को डाउनलोड करवाने की अपील की गई.
जिले के 12 थानों पर शुरू हुई सुविधा
राज्य सरकार की ओर से शुरू की गई योजना के तहत कालिका पेट्रोलिंग यूनिट की ओर से शहर के साथ जिले के 12 थाना क्षेत्रों में गश्त शुरू कर दी गई है. एसपी धर्मेंद्र सिंह ने यूनिट को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. कालिका पेट्रोलिंग यूनिट जिले के 12 पुलिस थानों में कोतवाली, प्रतापनगर, भीमगंज, सुभाषनगर, मांडल, मांडलगढ़, गुलाबपुरा, गंगापुर, आसींद, बिजौलिया, शाहपुरा और जहाजपुर में गश्त करेगी.
हर कालिका यूनिट में 4 महिला पुलिस कांस्टेबल को नियुक्त किया गया है, जिनकी ड्यूटी के लिए दो शिफ्टों का निर्धारण किया गया है. इनकी निगरानी अभय कमांड सेंटर एवं पुलिस कंट्रोल रूम द्वारा की जाएगी. कालिका पेट्रोलिंग यूनिट द्वारा शहर भीलवाड़ा में आमजन और महिलाओं को राजस्थान पुलिस द्वारा विकसित राजकॉप सिटीजन ऐप से तुरंत सहायता और शिकायत दर्ज करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया गया है.
ऐसे काम करता है ऐप
गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध राजकॉप सिटीजन ऐप राजस्थान पुलिस की मोबाइल ऐप है, जिसके जरिए आमजन पुलिस वेरिफिकेशन से लेकर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं. कालिका पेट्रोलिंग यूनिट की सलमा बानू और मीना कुमारी ने बताया कि लगातार इस ऐप पर मिलने वाली शिकायत के साथ ही कंट्रोल रूम से अपडेट मिलते ही हम मौके पर पहुंच रहे हैं, इस ऐप के नए फीचर पर भी काम किया जा रहा है.
हेल्प मैसेज के साथ ही लोकेशन पर तुरंत आता है कॉल
राजकॉप ऐप को डाउनलोड करने के बाद मोबाइल नंबर से लॉगिन कर सकते हैं. यह ऐप जीपीएस लोकेशन के आधार पर काम करता है. इसमें लॉगिन के बाद किसी भी परेशानी की स्थिति में महिलाएं-युवतियां 'नीड हेल्प' फीचर पर क्लिक करती हैं. इसमें भी इमरजेंसी ऑप्शन अलग-अलग कैटेगरी दी गई है. जैसे- कॉल बैक, सेफ महसूस नहीं करना, पुलिस की मदद, अन्य, सेक्सुअल हैरेसमेंट, वॉयलेंस. इनमें से जो भी इमरजेंसी हो उस पर क्लिक कर सकते हैं. इसके बाद मैसेज बॉक्स में मैसेज टाइप करके भेज सकते हैं.
चाहें तो घटना की फोटो या ऑडियो भी रिकॉर्ड कर के भेज कर सकते हैं. सबमिट पर क्लिक करते ही संबंधित मैसेज स्टेट कंट्रोल रूम टीम के पास जाता है. वहां लगे कंप्यूटर स्क्रीन पर शिकायत का पॉपअप आता है. ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी उसे खोलकर चेक करता है. उन्हें शिकायतकर्ता की लोकेशन, नजदीकी थाना और मोबाइल नंबर की जानकारी आ जाती है.
पुलिसकर्मी तुरंत शिकायतकर्ता को कॉल कर जानकारी लेता है. तुरंत मदद पहुंचाने के लिए संबधित थाने को यह मैसेज सर्कुलेट कर दिया जाता है. आपात स्थिति में तुरंत पुलिस की गाड़ी को रवाना कर दिया जाता है. अगर नेटवर्क इश्यू या अन्य किसी कारण से शिकायतकर्ता से बात नहीं हो पाती तब भी लोकेशन के आधार पर उस जगह पुलिस की गाड़ी को रवाना किया जाता है.
ऐप में दूसरे नॉन इमरजेंसी फीचर में क्लिक कर मैसेज भेजने पर भी वही प्रोसेस है. लेकिन, इसमें फोन पर बात होने के बाद सबसे पहले समस्या को सुनकर शिकायत को सीसीटीएनएस पर दर्ज किया जाता है. इसके बाद इसकी रिपोर्ट संबंधित थाने को भेज दी जाती है। इसके बाद उसका फॉलोअप लिया जाता है कि शिकायत का निस्तारण हुआ या नहीं.
2 से 5 मिनट में सहायता के लिए एक्टिव हो जाती है पुलिस
स्टेट कंट्रोल रूम की टीम को लीड कर रहीं ASI सुनीता शर्मा ने बताया कि 2 से 5 मिनट में ही पुलिस एक्टिव होकर मदद के लिए पहुंच जाती है. शिकायत का निस्तारण होने के बाद या तो खुद शिकायतकर्ता ऐप के जरिए ही शिकायत को बंद कर सकता है या कंट्रोल रूम से भी उसे बंद किया जा सकता है.
हेल्पलाइन से लेकर शिकायत तक करवा सकते हैं दर्ज
ऐप के जरिए लोग आसानी से पुलिस तक पहुंच सकते हैं. उन्हें हर काम या परेशानी के लिए थाने में जाने की जरूरत नहीं है. एक मैसेज से पुलिस उनकी मदद के लिए पहुंच रही है. इस ऐप पर महिला हेल्प के साथ-साथ कई और ऑप्शन हैं.
वीडियो वॉयस मैसेज से भी भेज सकेंगे शिकायत
इस ऐप में फीचर वीडियो और वॉइस का भी जोड़ा गया है. अभी शिकायत के मैसेज के साथ फोटो या ऑडियो भेज सकते हैं. लेकिन भविष्य में शिकायतकर्ता के साथ जो घटना हो रही है, वह उसका वीडियो बनाकर सीधा ऐप के जरिए स्टेट कंट्रोल रूम को भेजा जा सकता है. यह एक तरह से सबूत के तौर पर भी काम करेगा. वहीं इस ऐप के बारे में जागरूक करने के लिए महिला पुलिसकर्मियों की टीम कॉलेज, कोचिंग संस्थानों में जाकर छात्राओं को जानकारी दे रही है.
(सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट)
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