Rangeen Review: एक शरीफ आदमी के जिगोलो बनने की ये कहानी बहुत दिलचस्प है, 'छावा' के कवि कलश विनीत कुमार सिंह का दिल जीतने वाला परफॉर्मेंस
Rangeen Review: विनीत कुमार सिंह की इस सीरीज में आपको कुछ ऐसा दिखेगा जो आमतौर पर नहीं दिखता. तो अगर आप सीरीज देखने के लिए प्राइम वीडियो पर जाने वाले हैं तो सबसे पहले ये रिव्यू जरूर पढ़ लें.
प्रांजल दुआ, कोपल नैथानी
विनीत कुमार सिंह, शीबा चड्ढा, राजश्री देशपांडे
प्राइम वीडियो
शराफत जो है ना वो हमारी लाइफ की सबसे बड़ी ट्रेजेडी है और अब हम शरीफ बनने का शौक नहीं रखते, प्राइम वीडियो पर एक नई सीरीज आई है, नाम है रंगीन, ये उसी सीरीज का डायलॉग है, इन दिनों कैसे अलग कंटेंट बनाया जाए ये चैलेंज सबके सामने है और ये सीरीज इस चैलेंज को अच्छे से पूरा करती है.
इस सीरीज में आपको कुछ ऐसा दिखता है जो आमतौर पर नहीं दिखता, एक शरीफ इंसान के डॉन बनने की , चोर बनने की कहानियां आपने देखी सुनी होंगी लेकिन एक शरीफ आदमी जिगोलो बन जाए और वो भी एक दिलचस्प वजह से, ये कहानी जरा अलग है.
कहानी- ये कहानी है आदर्श यानि विनीत कुमार सिंह की, आदर्श और उसकी पत्नी नैना यानि राजश्री पांडे के बीच ऐसा कुछ होता है कि आदर्श जिगोलो बनने का फैसला कर लेता है, इनकी कहानी ये पहले से ही जिगोलो तारुक रैना का क्या कनेक्शन, इसके बाद आदर्श की जिंदगी में क्या कुछ होता है, ये आपको 8 एपिसोड की इस सीरीज में देखकर ही पता चलेगा क्योंकि कहानी इससे ज्यादा बताना स्पॉयलर देना होगा.
कैसी है सीरीज- ये एक बड़ी दिलचस्प सीरीज है, पहले फ्रेम से ये सीरीज मुद्दे पर आती है, बिल्ड अप में बिल्कुल वक्त बर्बाद नहीं किया जाता और फिर इस सीरीज में वो होता है जो आपको सोचते हैं, जो आप सोचते हैं वो होता नहीं, आपको एक अलग नजरिए से जिंदगी को देखने का मौका मिलता है.
ये सीरीज आपको एंटरटेन भी करती है, कुछ लाइफ लैसन भी देती है, आपको इंतजार रहता है कि आगे क्या होगा, इस सीरीज को देखते हुए लगता है कि कुछ नया देख रहे हैं, कुछ नया करने की कोशिश की जा रही है और ये कोशिश कामयाब भी हुई है
एक्टिंग- विनीत कुमार सिंह ने जबरदस्त काम किया है, छावा के कवि कलश और सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव के बाद ये उन्होंने अपनी इमेज से बिल्कुल उलट किरदार निभाया है और कमाल तरीके से निभाया है, वो एक पत्रकार बने हैं और उनकी आंखें ही बहुत कुछ कह जाती हैं, उनके दिल के दर्द को, एक अनजान लड़की के साथ सेक्स करने की उनकी झिझक को आप अच्छे से महसूस कर पाते हैं.
ये उनके बेस्ट परफॉर्मेंस से एक है, तारुक रैना का काम बहुत शानदार है, वो वेकिंग ऑफ द नेशन में वकील बने थे और यहां जिगोलो, यही एक अच्छे एक्टर की खासियत है कि वो एक्सपेरिमेंट करता है, अपने बनाए दायरे को तोड़ता है उसे बढ़ाता है, अपनी खिंची लकीर को लंबा करता है, शीबा चड्ढा कमाल की एक्ट्रेस हैं और यहां भी वो कमाल जारी है, राजश्री देश पांडे का काम अच्छा है, मेघना मलिक को देखकर अच्छा लगता है
राइटिंग और डायरेक्शन- अमरदीप गलसिन और आमिर रिजवी ने सीरीज को लिखा है , प्रांजल दुआ और कोपल नैथानी ने डायरेक्ट किया है और इनका काम बढ़ियाट है, राइटर बाप होता है ये डायलॉग विनीत की ही फिल्म सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव का है और यहा साबित होता है, डायरेक्शन भी अच्छा है.
कुल मिलाकर ये सीरीज जरूर देखिए
रेटिंग- 3.5 स्टार्स
























