Himachal Flood: धर्मशाला में आसमान से बरसी आफत, बचने की कोशिश भी न कर सके मजदूर, अब तक 5 की गई जान
Himachal Pradesh Flood: हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में बादल फटने के बाद आई बाढ़ ने तबाही मचा दी है. 5 मजदूरों के शव बरामद हुए हैं और 3 लापता हैं. वहीं कांगड़ा-कुल्लू में जनजीवन अस्त-व्यस्त है.

Cloud burst In Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में मानसून ने रफ्तार पकड़ते ही तबाही का मंजर सामने ला दिया है. धर्मशाला के खनियारा क्षेत्र की मानूनी खड्ड में बुधवार को अचानक आई बाढ़ में कई मजदूर बह गए. प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन में अब तक 5 मजदूरों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 3 अभी भी लापता हैं. राहत व बचाव कार्य लगातार जारी है. एनडीआरएफ के साथ स्थानीय प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है.
प्रशासन ने बताया कि घटना के समय परियोजना स्थल पर करीब 250-275 मजदूर मौजूद थे, जिन्हें रातों-रात खनियारा के आंबेडकर भवन में अस्थायी आश्रय स्थल में शिफ्ट किया गया. प्रभावित मजदूरों को खाने-पीने, दवा और सुरक्षा जैसी प्राथमिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. एनडीआरएफ के कमांडेंट बलजिंदर सिंह ने जानकारी दी कि अभी भी कुछ मजदूरों के बाढ़ में बहने की आशंका है और खोज अभियान पूरी गंभीरता से जारी है.
कांगड़ा और कुल्लू में बादल फटने से तबाही
कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बुधवार को बादल फटने और अचानक आई बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मकानों, सड़कों, पुलों को नुकसान पहुंचा है. कांगड़ा जिले में स्थित इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना स्थल पर आए जलप्रलय ने सबसे ज्यादा नुकसान किया है.
एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री ने पुष्टि की है कि अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है. जम्मू-कश्मीर निवासी चैन सिंह, चंबा निवासी आदित्य ठाकुर, उत्तर प्रदेश निवासी प्रदीप वर्मा और चंदन के रूप में मृतकों की पहचान हुई है.
कुल्लू जिले के मनाली, बंजार और सैंज क्षेत्रों से भी भारी बारिश और बाढ़ की सूचना सामने आई हैं. सैंज और गड़सा घाटियों में कई घरों, खेतों और सड़कों को नुकसान पहुंचा है. बिजली और संचार सेवाएं प्रभावित हो गई हैं.
स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा गया
हिमाचल सरकार ने स्थानीय प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा है और सभी जिलों में राहत और पुनर्वास कार्य तेज कर दिए गए हैं. प्रभावित क्षेत्रों में अस्थायी शिविर बनाए गए हैं, जहां लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रखा जा रहा है.
राज्य सरकार ने पर्यटकों और स्थानीय नागरिकों से नदियों और खड्डों के किनारे न जाने की सख्त सलाह दी है. मौसम विभाग ने आगामी 48 घंटे में और भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे खतरा अभी टला नहीं है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और अगर जरूरत पड़ी तो सेना की भी मदद ली जा सकती है.

