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सावन की शिवरात्रि आज, श्रद्धालुओं ने 100 फीट ऊंची भगवान शिव की प्रतिमा के किए दर्शन और जलाभिषेक
Sawan Shivratri 2025: सावन का महीना महादेव के भक्तों के लिए काफी पवित्र माना जाता है और ऐसा माना जाता है कि इस महीने में भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना से महादेव जल्द प्रसन्न होते हैं.
इस मंदिर में दिल्ली ही नहीं बल्कि दिल्ली के बाहर से भी कांवड़िए महादेव का जलाभिषेक करने पहुंचे रहे हैं. इस दौरान मंदिर में स्थापित महादेव की 100 फुट ऊंची, भव्य प्रतिमा लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही और लोग महादेव की उस भव्य प्रतिमा को देख कर मंत्र-मुग्ध नजर आए.
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आज सावन की शिवरात्रि है. यूं तो इस पावन महीने का हर दिन महादेव की पूजा और जलाभिषेक के खास होता है, लेकिन सावन में पड़ने वाले सोमवार और शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. ऐसे में आज (23 जुलाई) को सावन के शिवरात्रि के मौके पर कांवड़ियों एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु दिल्ली के विभिन्न शिवालयों में नीलकंठ महादेव की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक करने पहुंच रहे हैं.
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दिल्ली के प्रसिद्ध मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर में दूर-दूर से कांवड़िए पहुंचे हैं. कुछ ऐसा ही देखने को मिला दिल्ली के रंगपुरी इलाके में शिवाजी मार्ग पर स्थित प्रसिद्ध मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर में जहां आम दिनों की तुलना में आज सुबह से ही कांवड़ियों और अन्य श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था.
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बता दें कि मंगल महादेव मंदिर का शांत वातावरण मन और हृदय को गहरी शांति प्रदान करता है. यह मंदिर न केवल श्रद्धालुओं के लिए, बल्कि पर्यटकों के लिए भी एक अद्भुत अनुभव है, जहां वे आध्यात्मिकता और सौंदर्य का संगम महसूस कर सकते हैं.
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मंदिर में पूजा करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि वर्षों से इस मंदिर से उनकी आस्था जुड़ी हुई है और यहां पर स्थापित महादेव की विशाल प्रतिमा की दर्शन की लालसा उन्हें यहां खींच लाती है. यही वजह है कि सुबह से ही मंदिरों में भीड़ लगी हुई है. भक्तों की भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के लिहाज से दिल्ली पुलिस और मंदिर प्रशासन ने यहां पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर रखी है.
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सावन शिवरात्रि, महाशिवरात्रि के बाद दूसरा सबसे फलदायी शिव पर्व माना जाता है. इस दिन पूजा का विशेष महत्व है. इससे श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है और आध्यात्मिक उन्नति होती है. इस वर्ष यह पर्व एक दुर्लभ महायोग (गजकेसरी, मालव्य, नवपंचम, बुधादित्य) के साथ हो रहा है, जो 24 वर्षों में पहली बार बना है.
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आज के दिन रुद्राभिषेक का बड़ा महत्व है. इस दिन जल, घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं जाते हैं, साथ ही धूप, दीप, फल और फूल आदि अपर्ण कर पूजा की जाती है. शिव पूजा करते समय शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक के पाठ का विधान है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से मुश्किल कार्य आसान हो जाते हैं और व्रती की सारी समस्याएं दूर होती हैं.
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मंगल महादेव बिड़ला कानन मंदिर भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की विशाल मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर लगभग 200 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और इसकी शांत और आध्यात्मिक वातावरण भक्तों को मानसिक और आत्मिक शांति प्रदान करता है. दिल्ली से गुरुग्राम की ओर जाने वाले नेशनल हाईवे-8 (NH-8) पर स्थित यह मंदिर रास्ते से ही स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. विशेष रूप से भगवान शिव की लगभग 100 फीट ऊंची प्रतिमा दूर से ही ध्यान आकर्षित करती है. यह प्रतिमा इस मंदिर का प्रमुख आकर्षण है और यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देती है. मंदिर परिसर में भगवान शिव के अलावा माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय, नंदी बैल, भगवान गणेश, सीता-राम और राधा-कृष्ण की विशाल कांस्य प्रतिमाएं भी स्थित हैं. मंदिर परिसर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है. मंदिर के दोनों ओर सुंदर बाग-बगीचे बने हुए हैं, जिनके बीच से होकर मंदिर तक पहुंचने का रास्ता है. यह बाग-बगीचे मंदिर प्रबंधन द्वारा बहुत ही सुंदर तरीके से सजाए और संजोए गए हैं.
Published at : 23 Jul 2025 03:47 PM (IST)
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