महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के लचर हैं उपाय, केंद्रीय टीमों ने दौरा करने के बाद तैयार की समीक्षा रिपोर्ट
महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बाद केंद्रीय टीमों ने दौरा कर समीक्षा रिपोर्ट तैयार की है. रिपोर्ट में राज्य सरकारों की स्थिति नियंत्रण पर कई खामियों को उजागर किया गया. टीम ने महाराष्ट्र के 30, छत्तीसगढ़ के 11 और पंजाब के 9 जिलों का दौरा करने के बाद कई मुद्दों को तत्काल हल करने की जरूरत पर जोर दिया.

कोरोना की स्थिति पर प्रधानमंत्री की समीक्षा के बाद महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ गई केंद्रीय टीमों ने रोकथाम नियंत्रण में कई खामियों को उजागर किया है. टीम ने महाराष्ट्र के 30, छत्तीसगढ़ के 11 और पंजाब के 9 जिलों का दौरा कर राज्य सरकारों की स्थिति नियंत्रण पर समीक्षा रिपोर्ट तैयार की. समीक्षा रिपोर्ट में कई मुद्दों को उठाते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के अत्यधिक इस्तेमाल, पीसीआर जांच और स्वास्थ्यकर्मियों की कमी का जिक्र किया.
केंद्रीय टीम ने राज्य सरकारों की कोविड-19 के रोकथाम में खामियों को पाया
केंद्रीय टीम ने माना कि तीनों राज्यों में कोविड-19 पर उचित व्यवहार के पालन की कमी देखी गई. सिर्फ महाराष्ट्र में देश के कुल एक्टिव मामलों की संख्या 48.57 फीसद है. रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य के कई जिलों में टेस्टिंग की खराब क्षमता भी जांच के नतीजों में विलंब का कारण बन रही है. औरंगाबाद, नांदेड़, सतारा जैसे जिलों में कंटैक्ट ट्रेसिंग और सर्विलांस, विशेषकर सीमित मानव संसाधन के कारण कम पाई गई.
होम आइसोलेशन में रहनेवाले मरीजों की मॉनिटरिंग को भी टीम ने अपर्याप्त माना. अस्पताल में भर्ती होने के 72 घंटों के अंदर सतारा जिले में ज्यादा मौत हो रही थी क्योंकि मरीज इलाज केंद्रों पर देर से पहुंच रहे थे. स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी पालघर, जलगांव, यवतमाल और औरंगाबाद जिलों में दर्ज की गई.
पंजाब में 9 जिलों का दौरा करने के बाद टीम ने टेस्टिंग का कम दर, कोविड देखभाल केंद्रों और समर्पित अस्पताल के अलावा स्वास्थ्यकर्मियों की कमी को रिपोर्ट किया. टीम ने पटियाला और लुधियाना में कोविड-19 टीकाकरण की धीमी रफ्तार का भी इशारा किया. ये मामला मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कोविड-19 वैक्सीन की सीमित आपूर्ति का मुद्दा उठाने के एक दिन बाद आया.
महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पंजाब के जिलों का दौरा कर तैयार की समीक्षा रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ में टीम ने कई जिलों के कंटेनमेंट जोन में परिधि नियंत्रण की कमी दर्ज की. राज्य के कई हिस्सों में पीसीआर जांच सुविधा, रेमडेसिवियर, हेपरिन जैसी दवाइयां, ऑक्सीजन और एंबुलेंस सेवाओं की कमी को उजागर किया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने संबंधित राज्यों को केंद्रीय टीमों के फीडबैक के बारे में लिखा है. टीम टेस्टिंग, कंटैक्ट ट्रेसिंग, अस्पताल का ढांचा, टीकाकरण और कोविड-19 के उचित व्यवहार को लागू करने समेत पांच पहलुओं पर रोजाना रिपोर्ट पेश कर रही है.
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