Smart Home Devices पर 2024 में दोगुने हुए Cyber Attack, इन बातों का नहीं रखा ध्यान तो हो सकता है बड़ा नुकसान
बीते साल स्मार्ट होम डिवाइसेस पर होने वाले साइबर अटैक की संख्या में दोगुना से भी अधिक इजाफा हुआ है. ऐसे में प्राइवेसी बनाए रखने और नुकसान से बचने के लिए कई सावधानियां बरतने की जरूरत है.

मोबाइल और लैपटॉप के अलावा अब दूसरे डिवाइस पर भी अटैक के मामले बढ़ रहे हैं. एक ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि बीते साल स्मार्ट होम डिवाइसेस पर होने वाले साइबर हमले दोगुने हो गए हैं. साइबर सिक्योरिटी फर्म सोनिकवॉल की रिपोर्ट कहती है कि 2024 में स्मार्ट होम डिवाइसेस पर साइबर हमलों के मामलों में 124 प्रतिशत का उछाल देखा गया है. आइए, जानते हैं कि इन हमलों से कितना खतरा है और इन्हें कैसे रोका जा सकता है.
बढ़ रहा है होम सिक्योरिटी प्रोडक्ट्स को खतरा
रिपोर्ट में कहा गया है कि होम सिक्योरिटी प्रोडक्ट्स को खतरा बढ़ रहा है. स्मार्ट होम डिवाइस कई काम आसान करते हैं, लेकिन जासूसी और दूसरे कामों के लिए इनका दुरुयोग भी हो सकता है. आजकल लोग घर पर नजर रखने के लिए IP कैमरा लगवाते हैं. अगर इन्हें ठीक तरीके से इंस्टॉल न किया जाए तो हैकर्स के लिए इन्हें हैक करना आसान होता है. फिर इनकी मदद से हैकर्स जासूसी समेत दूसरे काम भी कर सकते हैं.
ऐसे हमलों से कैसे बचें?
कोई भी स्मार्ट होम डिवाइस खरीदते समय उसकी जरूरत का ध्यान रखें. अगर आपको किसी डिवाइस की जरूरत है, तभी खरीदें. कई बार ये डिवाइस प्राइवेसी में भी दखल दे सकते हैं. उदाहरण के तौर पर एक सिक्योरिटी कैमरा सुरक्षा में काम आ सकता है, लेकिन यह आपके घर की फुटेज कंपनी के सर्वर पर भी अपलोड कर रहा है.
अपने घर के वाई-फाई नेटवर्क की सिक्योरिटी को मजबूत रखें. इसके लिए कभी भी ऐसे पासवर्ड इस्तेमाल न करें, जिन्हें हैक किया जा सकता है. इंस्टॉलेशन के बाद डिवाइस के पासवर्ड चेंज कर लें. हमेशा ऐसे पासवर्ड यूज करें, जो यूनिक हो और जिनका अंदाजा लगा पाना मुश्किल हो. इसके अलावा मल्टी-फैक्ट ऑथेंटिकेशन का भी सहारा लिया जा सकता है. ऐसे में अगर पासवर्ड किसी हैकर के हाथ लग भी जाते हैं तो वो ऑथेंटिकेशन के बिना आपके अकाउंट में लॉग इन नहीं कर सकेंगे.
राउटर और दूसरे स्मार्ट डिवाइसेस को पावर देने वाले फर्मवेयर को समय-समय पर अपडेट करते रहें. इसके अलावा अगर कंपनी की तरफ से किसी डिवाइस की अपडेट आती है तो उसे इंस्टॉल कर लें. इससे सिक्योरिटी बग्स से बचे रहेंगे और डिवाइस को हैक करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है.
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