एक्सप्लोरर

सूतक काल: क्या होता है और क्यों माना जाता है?

Grahan Sutak Kal: सूतक काल सूर्य या चंद्र ग्रहण के पहले मानी जाने वाली अशुद्ध या अशुभ अवधि है, जिसमें कई कार्य वर्जित होते हैं. सूर्य ग्रहण के 12 घंटे और चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक लग जाता है.

हिंदू धर्म में सूतक काल की अवधि का विशेष महत्व होता है और पुराने समय से लेकर आजतक सूतक काल के नियमों का पालन भी किया जा रहा है. ज्योतिष और धार्मिक दृष्टिकोण से सूतक की अवधि को अशुभ और अशुद्ध भी माना जाता है. सामान्य अर्थ में कहें तो सूतक काल ऐसी अवधि होती है जोकि सूर्य या चंद्र ग्रहण के पहले और ग्रहण के दौरान मानी जाती है.

धार्मिक दृष्टिकोण से यह ऐसा समय होता है जब भोजन करने, पूजा पाठ करने, शुभ कार्य करने आदि जैसे कई कार्य वर्जित माने जाते हैं. वहीं ज्योतिष की दृष्टि से सूतक काल का प्रतकूल प्रभाव ग्रहों स्थिति और राशियों पर भी पड़ता है. इसलिए ज्योतिष में भी इस दौरान सावधानी और सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है.

ग्रहण में सूतक की गणना कैसे होती है? (How is Sutak calculated during eclipse?)

सूतक काल कब लगेगा इसकी गणना ग्रहण की तिथि और ग्रहण के समय के आधार पर की जाती है. ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, सूतक काल की गणना के लिए सबसे पहले सूर्य और चंद्र ग्रहण की तिथि और समय का पता लगाया जाता है. सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक लग जाता है और ग्रहण की समाप्ति तक मान्य रहता है. इसी तरह चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाता है और ग्रहण की समाप्ति तक रहता है. बता दें कि जैसे ग्रहण समाप्त होता है सूतक की अवधि भी स्वत: ही समाप्त हो जाती है.

सूतक मानना जरूरी क्यों? (Why necessary to observe Sutak?)

धर्म शास्त्रों में ग्रहण के समय को बहुत अशुभ माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इस समय देवता भी कष्ट में रहते हैं. यही कारण है कि ग्रहण की अवधि से पहले ही यानी सूतक लगते ही मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं और पूजा पाठ निषेध हो जाते हैं. लेकिन सवाल यह है कि सूतक के नियमों का मानना जरूरी क्यों होता है और न मानने पर इसके क्या प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकते हैं. आइए जानते है-

  • सूतक काल का पालन करना व्यक्ति की धार्मिक पवित्रता को बनाए रखना है. सूतक काल का समय ध्यान, मौन, आत्म चिंतन के लिए उपयुक्त माना गया है. सूतक के नियमों को मानना धार्मिक, सामाजिक और वैज्ञानिक की दृष्टि से भी जरूरी माना जाता है.
  • सूतक के नियमों का पालन करने से नकारात्मक ऊर्जा और संक्रमण से भी बचाव होता है. वैज्ञानिक दृष्टि से ऐसा माना जाता है कि ग्रहण के समय सूर्य और चंद्रमा की किरणों में परिवर्तन आता है, जिससे कि पृथ्वी पर बैक्टीरिया में वृद्धि होती है. यही कारण है कि, ग्रहण में पुराने समय से ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता डालने की परंपरा है. साथ ही इस अवधि में भोजन पकाने और खाने की भी मनीही होती है.
  • गर्भवती महिलाओं को भी ग्रहण के दौरान कई नियमों का पालन करना पड़ता है, जिससे कि गर्भ में पल रहे शिशु को किसी तरह की हानि ना हो. सूतक काल के नियम का पालन करना अशुद्धियों से दूर रखता है. इन नियमों का पालन करना हमें प्रकृति, समय और ऊर्जा के साथ तालमेल बिठाना सिखाता है और समस्याओं से दूर रखता है.

FAQs

Q:  सूतक में भोजन करने पर क्या होता है?

A:  ग्रहण के दौरान सूर्य या चंद्रमा की किरणों में बदलाव होने से भोजन दूषित हो जाता है. इसलिए इस समय भोजन करने की मनाही होती है.

Q:  क्या ग्रहण मे पूजा-पाठ कर सकते हैं?

A:  नहीं, ग्रहण का सूतक लगते ही पूजा-पाठ पर प्रतिबंध रहता है.

Q: क्या बच्चे, बीमार और बुजुर्गों को भी सूतक मानना जरूरी होता है?

A: नहीं, बहुत छोटे बच्चे, बीमार और वृद्ध लोगों पर सूतक के कठोर नियमों लागू नहीं होते.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

पल्लवी कुमारी ने देश के सबसे प्रतिष्ठित भारतीय जन संचार संस्थान (नई दिल्ली) से पत्रकारिता में डिप्लोमा प्राप्त किया है. पत्रकारिता के क्षेत्र में पल्लवी बीते पांच सालों से सक्रिय हैं. इन्हें धर्म, ज्योतिष व अध्यात्म के साथ-साथ लाइफस्टाइल और मनोरंजन जैसे विषयों की भी गहरी समझ व रुचि है, इसके साथ ही कई लोकप्रिय और प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में लेखन कार्य का अनुभव प्राप्त है.
Read
और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

India vs Russia Economy: भारत से आधी है रूस की GDP,  दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में कहां है रूस का नंबर?
भारत से आधी है रूस की GDP, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में कहां है रूस का नंबर?
Bihar Politics: नीतीश कुमार फिर मारेंगे पलटी? RJD के दावे से बढ़ी सियासी गर्मी, JDU ने दी प्रतिक्रिया
नीतीश कुमार फिर मारेंगे पलटी? RJD के दावे से बढ़ी सियासी गर्मी, JDU ने दी प्रतिक्रिया
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
क्विंटन डीकॉक के आउट होने पर विराट कोहली ने किया 'बाबा जी का ठुल्लू' वाला एक्शन, वीडियो वायरल
क्विंटन डीकॉक के आउट होने पर विराट कोहली ने किया 'बाबा जी का ठुल्लू' वाला एक्शन, वीडियो वायरल
Advertisement

वीडियोज

Indian Middle Class Debt Trap: बढ़ते Loan और घटती Savings की असल कहानी | Paisa Live
Putin India Visit: भारतीय मूल के रूस के विधायक Abhay Singh बोले, 'कोई देश नहीं टिक पाएगा' | PM Modi
Putin India Visit: भारतीय मूल के रूस के विधायक Abhay Singh बोले, 'कोई देश नहीं टिक पाएगा' | PM Modi
Putin India Visit: Delhi में पुतिन की यात्रा से पहले रुस हाऊस में फोटों प्रदर्शन | abp #shorts
Delhi Pollution: 'किस मौसम का मजा लें' | Priyanka Gandhi | abp  #shorts
Advertisement

फोटो गैलरी

Advertisement
Petrol Price Today
₹ 94.72 / litre
New Delhi
Diesel Price Today
₹ 87.62 / litre
New Delhi

Source: IOCL

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
India vs Russia Economy: भारत से आधी है रूस की GDP,  दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में कहां है रूस का नंबर?
भारत से आधी है रूस की GDP, दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में कहां है रूस का नंबर?
Bihar Politics: नीतीश कुमार फिर मारेंगे पलटी? RJD के दावे से बढ़ी सियासी गर्मी, JDU ने दी प्रतिक्रिया
नीतीश कुमार फिर मारेंगे पलटी? RJD के दावे से बढ़ी सियासी गर्मी, JDU ने दी प्रतिक्रिया
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
जिस आलीशान महल में होगा पुतिन का स्वागत, जानें क्या है उसकी कीमत, कितना लग्जीरियस है हैदराबाद हाउस?
क्विंटन डीकॉक के आउट होने पर विराट कोहली ने किया 'बाबा जी का ठुल्लू' वाला एक्शन, वीडियो वायरल
क्विंटन डीकॉक के आउट होने पर विराट कोहली ने किया 'बाबा जी का ठुल्लू' वाला एक्शन, वीडियो वायरल
चंद्रचूड़ सिंह की पुश्तैनी हवेली की इनसाइड तस्वीरें, करोड़ों की इस जायदाद को रिश्तेदारों ने हड़पा
चंद्रचूड़ सिंह की पुश्तैनी हवेली की इनसाइड तस्वीरें, करोड़ों की इस जायदाद को रिश्तेदारों ने हड़पा
Explained: व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा कितना ऐतिहासिक, क्या रिश्ते और मजूबत होंगे, अमेरिका-यूरोप को जलन क्यों?
Explained: व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा कितना ऐतिहासिक, क्या रिश्ते और मजूबत होंगे, अमेरिका-यूरोप को जलन क्यों?
दिल्ली के स्कूलों में आज से शुरू हो रहे नर्सरी एडमिशन, यहां देखें कौन से डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत
दिल्ली के स्कूलों में आज से शुरू हो रहे नर्सरी एडमिशन, यहां देखें कौन से डॉक्यूमेंट की पड़ेगी जरूरत
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी,  पाकिस्तान में एचआईवी संक्रमण ने लिया महामारी का रूप
डब्ल्यूएचओ की चेतावनी, पाकिस्तान में एचआईवी संक्रमण ने लिया महामारी का रूप
Embed widget