एक्सप्लोरर

नील आर्मस्ट्रॉन्ग: 16 साल की उम्र में भरी थी अकेले उड़ान, चंद्रमा पर पहला कदम रखने वाले बने पहले इंसान, जानें पूरी कहानी

Neil Armstrong Story: 'चंद्रयान-3' चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने के लिए तैयार है. इस मिशन की वजह से उठती तमाम जिज्ञासाओं के बीच जानें उस इंसान की कहानी, जिसने पहली बार चंद्रमा पर कदम रखा था.

Neil Armstrong Biography: भारत के तीसरे चंद्र मिशन 'चंद्रयान-3' की सॉफ्ट लैंडिंग के इंतजार के आखिरी पलों के बीच देश और दुनिया में चंद्रमा और इसके अभियानों से जुड़ी बातों को जानने को लेकर खासी उत्सुकता है. चंद्रमा पर उतरे पहले इंसान नील आर्मस्ट्रॉन्ग की भी काफी चर्चा है. नील आर्मस्ट्रॉन्ग अमेरिका के अपोलो 11 चंद्र मिशन का हिस्सा थे, जिसमें उनके सह-अंतरिक्ष यात्री के रूप में बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिन्स भी शामिल थे.

नील ऑर्मस्ट्रॉन्ग के बाद बज एल्ड्रिन भी चंद्रमा पर उतरे थे. इस प्रकार ये दोनों चंद्रमा पर उतरने वाले पहले व्यक्ति थे लेकिन चांद पर सबसे पहले कदम रखने वाले इंसान के तौर पर नील आर्मस्ट्रॉन्ग को ख्याति प्राप्त है.

लगभग 54 साल पहले यानी 20 जुलाई 1969 को आर्मस्ट्रॉन्ग ने चंद्रमा पर कदम रखा था. तब उन्होंने कहा था कि 'मानव का यह छोटा कदम मानवजाति के लिए बड़ी छलांग है.' आइये जानते हैं उनके बारे में सबकुछ.

नील आर्मस्ट्रॉन्ग: 16 साल की उम्र में भरी थी अकेले उड़ान, चंद्रमा पर पहला कदम रखने वाले बने पहले इंसान, जानें पूरी कहानी

(चंद्रमा पर नील आर्मस्ट्रॉन्ग का कदम)

दो साल की उम्र से था उड़ान को लेकर जुनून

चंद्रमा पर पहला कदम रखने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रॉन्ग का जन्म 5 अगस्त 1930 को ओहायो के वापाकोनेटा शहर में हुआ था. उनकी माता का नाम वियोला लुईस और पिता का नाम स्टीफन कोएनिग आर्मस्ट्रॉन्ग था. वह जर्मन, स्कॉट्स-आयरिश और स्कॉटिश मूल के थे. उनकी एक छोटी बहन जून और छोटा भाई डीन था. उनके पिता ओहायो राज्य सरकार के लिए एक ऑडिटर के रूप में काम करते थे. इस वजह से उनके परिवार को कई शहरों में रहना पड़ा. 

उड़ान भरनी की दीवानगी और जुनून आर्मस्ट्रॉन्ग को बचपन से ही था. आर्मस्ट्रॉन्ग जब महज दो साल के थे, तब उनके पिता उन्हें क्लीवलैंड एयर रेस दिखाने ले गए थे. तभी से उड़ान के प्रति उनका प्रेम बढ़ गया था. पांच-छह वर्ष की उम्र में उन्होंने पहली बार हवाई जहाज से उड़ान भरने का अनुभव लिया था. उनके पिता ने उन्हें ओहायो के वारेन शहर में फोर्ड ट्रिमोटर (टिन गूज के नाम से भी प्रसिद्ध) नामक प्लेन से उड़ान भरवाई थी.

16 साल की उम्र में अकेले भरी थी उड़ान

1944 में परिवार एक बार फिर से वापस वापाकोनेटा आकर रहने लगा. यहां आर्मस्ट्रॉन्ग ने ब्लूम हाई स्कूल में पढ़ाई की और वापाकोनेटा हवाई क्षेत्र में उड़ान का प्रशिक्षण लिया था. उन्होंने अपने 16वें जन्मदिन पर स्टूडेंट फ्लाइट सर्टिफिकेट हासिल किया था, फिर अगस्त में अकेले ही उड़ान भरी थी.

NASA के साथ नील आर्मस्ट्रॉन्ग का करियर

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, आर्मस्ट्रॉन्ग ने इस अंतरिक्ष एजेंसी के साथ अपने करियर की शुरुआत ओहायो में की थी. 1949 से 1952 तक उन्होंने नौसेना के एविएटर (पायलट) के रूप में सेवा दी थी. इसके बाद 1955 में आर्मस्ट्रॉन्ग नेशनल एडवाइजरी कमेटी फॉर एयरोनॉटिक्स (NACA) में शामिल हो गए थे.

उनका पहला असाइनमेंट क्लीवलैंड में एनएसीए लुईस रिसर्च सेंटर (अब नासा ग्लेन) के साथ था. अगले 17 वर्षों में उन्होंने NACA और इसकी उत्तराधिकारी एजेंसी NASA (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के लिए एक इंजीनियर, परीक्षण पायलट, अंतरिक्ष यात्री और एडमिनिस्ट्रेटर के रूप में काम किया था.

नील आर्मस्ट्रॉन्ग: 16 साल की उम्र में भरी थी अकेले उड़ान, चंद्रमा पर पहला कदम रखने वाले बने पहले इंसान, जानें पूरी कहानी

(आर्मस्ट्रॉन्ग की ओर ली गई बज एल्ड्रिन की तस्वीर)

200 से ज्यादा मॉडलों के एयरक्राफ्ट उड़ाए

नासा के फ्लाइट रिसर्च सेंटर, एडवर्ड्स, कैलिफोर्निया में एक रिसर्च पायलट के रूप में वह सबसे पहले तैयार किए गए कई हाई स्पीड एयरक्राफ्ट के एक प्रोजेक्ट पायलट थे, जिसमें जाना-माना 4000-मील प्रति घंटे की स्पीड वाला X-15 एयरक्राफ्ट शामिल था. उन्होंने जेट, रॉकेट, हेलीकॉप्टर और ग्लाइडर समेत 200 से ज्यादा विभिन्न मॉडलों के एयरक्राफ्ट उड़ाए.

1962 में मिला अंतरिक्ष यात्री का दर्जा

आर्मस्ट्रॉन्ग को अंतरिक्ष यात्री का दर्जा 1962 में मिला था. उन्हें जेमिनी 8 मिशन के लिए कमांड पायलट के रूप में नियुक्त किया गया था. जेमिनी 8 मिशन 16 मार्च 1966 को लॉन्च किया गया था और आर्मस्ट्रॉन्ग ने अंतरिक्ष में दो वाहनों की पहली सफल डॉकिंग की थी. डॉकिंग का मतलब वाहने को उनके लिए निर्धारित डॉक (जगह) पर लाने से है.


नील आर्मस्ट्रॉन्ग: 16 साल की उम्र में भरी थी अकेले उड़ान, चंद्रमा पर पहला कदम रखने वाले बने पहले इंसान, जानें पूरी कहानी

(अपोलो 11 मिशन के दौरान कैद हुई पृथ्वी की एक तस्वीर)

अपोलो 11 के स्पेसक्राफ्ट कमांडर थे आर्मस्ट्रॉन्ग

आर्मस्ट्रॉन्ग पहले मानवयुक्त चंद्र लैंडिंग मिशन अपोलो 11 के स्पेसक्राफ्ट कमांडर थे, इसलिए उन्हें इस अंतरिक्ष यान को चंद्रमा पर लैंड कराने और सतह पर पहला कदम रखने वाले पहले व्यक्ति होने का गौरव प्राप्त हुआ.

बाद में आर्मस्ट्रॉन्ग ने वाशिंगटन डीसी स्थित नासा मुख्यालय में एयरोनॉटिक्स के लिए डिप्टी एसोसिएट एडमिनिस्ट्रेटर का पद संभाला. इस पद पर वह एयरोनॉटिक्स से संबंधित नासा के सभी प्रकार के रिसर्च और तकनीकी कार्यों के समन्वय और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार थे.

1971-1979 के बीच आर्मस्ट्रॉन्ग सिनसिनाटी विश्वविद्यालय में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के प्रोफेसर थे. 1982-1992 के दौरान वह वर्जीनिया के चार्लोट्सविले में एविएशन, इंक., के लिए कंप्यूटिंग टेक्नोलॉजीज के अध्यक्ष थे.

पढ़ाई और मानद उपाधियां

आर्मस्ट्रॉन्ग ने पर्ड्यू विश्वविद्यालय से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री और दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ साइंस की डिग्री हासिल की थी. 

कई विश्वविद्यालयों ने उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया था. आर्मस्ट्रॉन्ग सोसायटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट्स और रॉयल एयरोनॉटिकल सोसायटी के फेलो थे. वहीं, वह अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स और इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉटिक्स फेडरेशन के मानद फेलो थे.

नील आर्मस्ट्रॉन्ग: 16 साल की उम्र में भरी थी अकेले उड़ान, चंद्रमा पर पहला कदम रखने वाले बने पहले इंसान, जानें पूरी कहानी

(आर्मस्ट्रॉन्ग की ओर ली गई बज एल्ड्रिन की एक और तस्वीर)

इन पदों पर भी किया था काम

आर्मस्ट्रॉन्ग नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग और एकेडमी ऑफ द किंगडम ऑफ मोरक्को के एक सदस्य थे. 1985-1986 के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष से संबंधित नेशनल कमीशन के सदस्य के रूप में काम किया, अंतरिक्ष शटल चैलेंजर दुर्घटना (1986) पर प्रेसिडेंशियल कमीशन के उपाध्यक्ष के रूप में काम किया और 1971 से 1973 के दौरान उन्होंने पीस कॉर्प्स के लिए प्रेसिडेंशियल एडवाइजरी कमेटी के अध्यक्ष के रूप में काम किया.

इन पुरस्कारों से किए गए सम्मानित

17 देशों ने नील आर्मस्टॉन्ग को सम्मानित किया था. कई विशेष पुरस्कारों और सम्मान से उन्हें नवाजा गया था, जिनमें प्रेशिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम, द कांग्रेसनल गोल्ड मेडल, द कांग्रेसनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर, द एक्सप्लोरर्स क्लब मेडल, द रॉबर्ट एच. गोडार्ड मेमोरियल ट्रॉफी, नासा विशिष्ट सेवा पदक, द हार्मन इंटरनेशनल एविएशन ट्रॉफी, द रॉयल ज्योग्राफिक सोसायटी का गोल्ड मेडल, द फेडरेशन एयरोनॉटिक इंटरनेशनल का गोल्ड स्पेस मेडल, अमेरिकन एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी फ्लाइट अचीवमेंट अवार्ड, द रॉबर्ट जे. कोलियर ट्रॉफी, द एआईएए एस्ट्रोनॉटिक्स अवार्ड, द ऑक्टेव चैन्यूट अवार्ड और द जॉन जे. मोंटगोमरी अवार्ड शामिल हैं. 

25 अगस्त 2012 को आर्मस्ट्रॉन्ग ने दुनिया को अलविदा कहा था. हृदय संबंधी जटिलताओं के चलते 82 वर्ष की उम्र में उनका निधन हो गया था.

यह भी पढ़ें- Chandrayaan 3: क्या मून पर सोना है... इंसान ने पहली बार कब रखा कदम? चंद्रयान-3 की लैंडिंग से पहले जानिए रोचक फैक्ट्स

और पढ़ें
Sponsored Links by Taboola
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Rishabh Pant Injured: क्रिस वोक्स की वो गेंद जिसपर बुरी तरह चोटिल हुए पंत, दाहिने पैर से निकला खून, जानिए कैसे हैं अब
क्रिस वोक्स की वो गेंद जिसपर बुरी तरह चोटिल हुए पंत, दाहिने पैर से निकला खून, जानिए कैसे हैं अब
'हम भारत से बात करने को तैयार', यूके हाई कमीशन के साथ मीटिंग में एक बार फिर गिड़गिड़ाए शहबाज शरीफ
'हम भारत से बात करने को तैयार', यूके हाई कमीशन के साथ मीटिंग में एक बार फिर गिड़गिड़ाए शहबाज शरीफ
CM योगी ने गोरखपुर को दी 177 योजनाओं की सौगात, 'विकास में लगा जनता के टैक्स का पैसा'
CM योगी ने गोरखपुर को दी 177 योजनाओं की सौगात, 'विकास में लगा जनता के टैक्स का पैसा'
नए एक्टर होकर भी करोड़ों के मालिक हैं 'सैयारा' के अहान पांडे, नेटवर्थ में देते हैं 'धड़क 2' एक्टर को टक्कर
रईसी में 'धड़क 2' एक्टर को टक्कर देते हैं 'सैयारा' के अहान पांडे, जानें नेटवर्थ
Advertisement

वीडियोज

Viral Video: Haridwar में पूर्व कप्तान की जान जाते-जाते बची |  Kanwar Yatra
Bihar Vidhansabha: सदन में टूटी मर्यादा....ये हो गया ज्यादा ! Election | Chitra Tripathi | 23 July
महादेव से सीखें मुद्दों की राजनीति कैसे करें! Rahul Gandhi | Akhilesh Yadav | Bihar Vidhansabha |
Monsoon Session: संसद के हंगामें पर के करोड़ों बर्बाद! Operation Sindoor और SIR पर भी गतिरोध
Nitish Vs Tejashwi: बिहार विधानसभा में बाप तक पहुंची बात, Tejashwi ने किया Boycott का ऐलान!
Advertisement
corona
corona in india
470
Active
29033
Recovered
165
Deaths
Last Updated: Sat 19 July, 2025 at 10:52 am | Data Source: MoHFW/ABP Live Desk
Advertisement

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Rishabh Pant Injured: क्रिस वोक्स की वो गेंद जिसपर बुरी तरह चोटिल हुए पंत, दाहिने पैर से निकला खून, जानिए कैसे हैं अब
क्रिस वोक्स की वो गेंद जिसपर बुरी तरह चोटिल हुए पंत, दाहिने पैर से निकला खून, जानिए कैसे हैं अब
'हम भारत से बात करने को तैयार', यूके हाई कमीशन के साथ मीटिंग में एक बार फिर गिड़गिड़ाए शहबाज शरीफ
'हम भारत से बात करने को तैयार', यूके हाई कमीशन के साथ मीटिंग में एक बार फिर गिड़गिड़ाए शहबाज शरीफ
CM योगी ने गोरखपुर को दी 177 योजनाओं की सौगात, 'विकास में लगा जनता के टैक्स का पैसा'
CM योगी ने गोरखपुर को दी 177 योजनाओं की सौगात, 'विकास में लगा जनता के टैक्स का पैसा'
नए एक्टर होकर भी करोड़ों के मालिक हैं 'सैयारा' के अहान पांडे, नेटवर्थ में देते हैं 'धड़क 2' एक्टर को टक्कर
रईसी में 'धड़क 2' एक्टर को टक्कर देते हैं 'सैयारा' के अहान पांडे, जानें नेटवर्थ
हिंदुओं में मौत के बाद होती है तेरहवीं तो मुसलमानों में क्या होता है? जान लीजिए जवाब
हिंदुओं में मौत के बाद होती है तेरहवीं तो मुसलमानों में क्या होता है? जान लीजिए जवाब
किसान आंदोलन, राघव चड्ढा से लेकर जस्टिस वर्मा तक... वो मुद्दे, जिन पर जगदीप धनखड़ ने पार कर दी 'लक्ष्मण रेखा'
किसान आंदोलन, राघव चड्ढा से लेकर जस्टिस वर्मा तक... वो मुद्दे, जिन पर जगदीप धनखड़ ने पार कर दी 'लक्ष्मण रेखा'
'परिवारों को मिले गलत शव', अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर यूके के परिजनों का दावा; MEA ने दिया ये जवाब
'परिवारों को मिले गलत शव', अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर यूके के परिजनों का दावा; MEA ने दिया ये जवाब
अब कभी खड़ा नहीं होगा...स्टंट करते हुए मुंह के बल गिरा रीलपुत्र- फिर बाइक ने ऐसे तोड़ी कमर- वीडियो वायरल
अब कभी खड़ा नहीं होगा...स्टंट करते हुए मुंह के बल गिरा रीलपुत्र- फिर बाइक ने ऐसे तोड़ी कमर- वीडियो वायरल
Embed widget