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भारत के पास कितने 'सी-17 ग्लोबमास्टर'? अमेरिका ने इसी विमान से भारतीयों को किया डिपोर्ट; खर्चा जानकर खिसक जाएगी जमीन
भारत ने कई मौकों पर इस खास विमान का उपयोग किया है. 2023 में इस विमान से सूडान से 192 लोगों को रेस्क्यू किया गया था. रूस-यूक्रेन युद्ध के समय भी इस विमान से भारतीयों की सुरक्षित वापसी कराई थी.

डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों को बड़ी संख्या में डिपोर्ट किया जाना है. इसमें पहला 104 प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था भारत आ चुका है. खास बात यह है कि अमेरिका ने भारतीयों को डिपोर्ट करने के लिए सामान्य विमानों की जगह अमेरिकी वायु सेना के 'सी-17 ग्लोबमास्टर' विमान का प्रयोग किया है.
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'सी-17 ग्लोबमास्टर' एक विशालकाय ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट है, जिसे युद्ध के समय भारी-भरकम हथियारों को पहुंचाने के लिए किया जाता है. यह विमान इतना बड़ा है कि इसमें 12 हाथियों के बराबर वजन उठाने की क्षमता है. यानी इस विमान में सैन्य वाहन, टैंक व अन्य भारी-भरकम हथियार लादे जा सकते हैं.
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सी-17 ग्लोबमास्टर को जो एक चीज और खास बनाती है, वह है इसका ईंधन टैंक. यह विमान बिना पेलोड के 11 हजार 537 किलोमीटर की उड़ान एक बार में भर सकता है. यह विशालकाय विमान छोटे रनवे पर भी टेक-ऑफ कर सकता है.
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यह विमान इतना खास है कि दुनिया के सिर्फ 8 देश ही इसका इस्तेमाल करते हैं. इसमें भारत भी है. अमेरिका के पास सबसे अधिक 223 सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट हैं. वहीं, भारत के पास 11 सी-17 ग्लोबमास्टर हैं, जिनका इस्तेमाल वायु सेना करती है.
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अमेरिका और भारत के अलावा सी-17 ग्लोबमास्टर विमान यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कुवैत, कतर और संयुक्त अरब अमीरात की सेनाओं के पास भी है. दुनिया में इस समय 275 सी-17 ग्लोबमास्टर मौजूद हैं.
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सबसे बड़ी बात है इस विमान का खर्च. अगर यह विमान एक बार उड़ान भरता है तो हर घंटे करीब 28,500 डॉलर(25 लाख रुपये) का खर्च आता है. अगर यह विमान पांच घंटे तक उड़ान भरता है, तो सफर में करीब 1 करोड़ 25 लाख रुपये खर्च हो जाते हैं.
Published at : 07 Feb 2025 09:39 PM (IST)
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