दिल्ली में बसों का सफर होगा और सुरक्षित, हाईटेक सिस्टम के साथ कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से होगी बसों की मॉनिटरिंग
दिल्ली में बस यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिये दिल्ली की डीटीसी और क्लस्टर बसों में सीसीटीवी लगे है. अब जीपीएस और पैनिक बटन की गतिविधियों की रियल टाइम मॉनिटरिंग 24 घंटे की जाएगी.

दिल्ली में बस की यात्रा को ज्यादा सुरक्षित और सुगम बनाने के लिये अब दिल्ली की डीटीसी और क्लस्टर बसों में लगे सीसीटीवी, जीपीएस और पैनिक बटन की गतिविधियों की रियल टाइम मॉनिटरिंग 24 घंटे की जाएगी. कश्मीरी गेट बस अड्डे पर बने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से मॉनिटरिंग की जायेगी.
इस परियोजना का उद्देश्य डीटीसी और क्लस्टर बसों में आईपी आधारित सीसीटीवी निगरानी कैमरों, पैनिक बटन और जीपीएस के माध्यम से यात्री सुरक्षा विशेष रूप से महिला यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने आज कश्मीरी गेट पर बने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया.
कश्मीरी गेट पर कमांड और कंट्रोल सेंटर के अलावा एक डिजास्टर रिकवरी सेंटर, एक डेटा सेंटर और सभी डिपो में अलग-अलग व्यूइंग सेंटर भी हैं. सभी डिपो मैनेजर लाइव फुटेज की निगरानी भी कर सकते हैं. बसों में सभी गतिविधियों की वास्तविक समय की निगरानी के लिए कमांड सेंटर 24 घंटे काम करेगा. डिपो मैनेजर, ड्राइवर, कंडक्टर और मार्शल बसों में लगाए गए सिस्टम के संचालन से संबंधित अपनी ट्रेनिंग पूरी कर चुके हैं.
कैसे काम करेगा बसों का मॉनिटरिंग सिस्टम-
दिल्ली की करीब साढ़े 5 हज़ार डीटीसी और क्लस्टर बसों को अब 3-आईपी कैमरा, एमएनवीआर जीपीएस डिवाइस, 10 पैनिक बटन, ड्राइवर के लिए एक डिस्प्ले, हूटर, स्ट्रोब और टू-वे ऑडियो कम्यूनिकेशन डिवाइस के लिए एक-एक ड्राइवर और कंडक्टर के साथ फिट किया गया है. सभी नई बसों और आने वाली बसों में पहले से ही ये सभी सिस्टम लगे हैं, जो कश्मीरी गेट पर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के साथ जुड़े होंगे.
यात्री, ड्राइवर या कंडक्टर किसी भी आपात स्थिति में पैनिक बटन दबा सकते हैं. अलर्ट ऑटोमेटिक तरीके से रियल टाइम में कश्मीरी गेट पर कमांड एंड कंट्रोल सेंटर को भेजा जाएगा. कमांड सेंटर में ऑपरेटर अलर्ट को फिल्टर करेगा और अलग-अलग तरह के अलर्ट अलार्म के आधार पर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर्स (एसओपीे) के माध्यम से बस के जीपीएस डायरेक्शन के साथ फौरन प्रतिक्रिया के लिए पुलिस, फायर और एम्बुलेंस जैसे संबंधित सेवा को अलर्ट भेजेगा. इन पैनिक अलर्ट के साथ सामंजस्य में आपातकाल के समय संबंधित अधिकारियों को एसएमएस और एक ईमेल अलर्ट भी भेजा जाएगा.
सिस्टम में की जा रही है प्रीवेंटिव प्री-रिकॉर्डिंग-
मॉनिटरिंग सिस्टम को डेवलप करने वाली टीम के सदस्य अमर प्रताप ने बताया कि इस सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि अगर किसी बस में कोई झगड़ा होता है और किसी ने पैनिक बटन दबाया तो जो अलर्ट हमारे पास आता है उसमें पैनिक बटन दबाने से 20 सेकंड पहले क्या हुआ था, इसकी रिकॉर्डिंग भी हमारे पास आ जाती है. हमने 2 लेयर सिक्योरिटी दी है.
अगर किसी वजह से डिवाइस टूट जाता है या तोड़ दिया जाता है तो 40 सेकंड की फीड फिर भी हमारे पास होती है. लेकिन अगर डिवाइस सुरक्षित है तो 7 दिन का 24 घंटे का डाटा हमारे पास उपलब्ध रहता है. प्रीवेंटिव प्री-रिकॉर्डिंग भी इसकी हो रही है. अगर किसी महिला को के साथ छेड़खानी होती है तो उसके साथ क्या हुआ था यह हम 20 सेकंड पहले की फुटेज में भी देख सकते हैं.
24 घन्टे मॉनिटरिंग से कम होंगी बसों में अपराध की घटनाएं-
अमर प्रताप के मुताबिक यह सिस्टम अलग-अलग बसों को लाइव मॉनिटर करता है और यह सभी बसें हमको लाइव फीड देती हैं. कई बार ऐसा होता है कि जहां सीसीटीवी कैमरा लगा होता है तो लोग गलत व्यवहार करने से बचते हैं. जब लोगों को समझ आएगा कि 24 घंटे की मॉनिटरिंग है तो पिकपॉकेटिंग या स्नैचिंग जैसी जो घटनाएं होती हैं वह और कम हो जाएगी. अभी डीटीसी की बसों में इस तरह की एक्टिविटीज बहुत होती हैं. 24 घंटे की मॉनिटरिंग होगी तो इस तरह की घटनाओं से बचा जा सकेगा क्योंकि इसमें सबूत इकट्ठा रहता है.
ड्राइवर नहीं मिस नहीं कर सकेंगे बस स्टॉप-
दिल्ली की 5473 बसें हैं जिसमें इस सिस्टम को पूरी तरह इंस्टॉल कर दिया गया है. इसका एक खास फीचर ये भी है कि अक्सर देखा जाता है कि बस ड्राइवर अपने रुट से हटकर चलते हैं या फिर किसी बस स्टॉप पर बस को रोकते नहीं हैं, लेकिन अब ऐसा कर पाना सम्भव नहीं होगा. जिस रुट पर बस चलती है और वह अपने स्टॉप पर रूकती है तो सिस्टम में ओके का अलर्ट आ जाता है. लेकिन अगर स्टॉप मिस कर देते हैं या रुट बदलता है तो उसका अलर्ट कमांड सेंटर में आ जाता है.
जल्द मुख्यमंत्री करेंगे उद्घाटन-
कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण करने पहुँचे परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि इस सेंटर को 15-20 दिन के ट्रायल के लिए टेक ओवर कर लिया गया है, जहां सब लाइव फीड देखी जा सकती है. पैनिक बटन दबाने के बाद अलार्म बजेगा, वायरलेस सिस्टम के ज़रिए बस में संपर्क किया जा सकेगा. इस प्रोजेक्ट का टेंडर कॉस्ट 150 करोड़ रुपए के आसपास है जिसमे 5 साल कम्पनी ही मेंटिनेंस करेगी. पूरी प्रणाली को जल्द ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा जनता को समर्पित किया जाएगा. दिल्ली की बसें अब पहले से ज्यादा सुरक्षित होंगी.
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