चीन में कैसे होता है चुनाव, यहां कौन तैयार करता है वोटर लिस्ट?
चीन में भारत जैसे आम चुनाव नहीं होते. भारत जैसी यहां लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं है. चीन में एक ही पार्टी है कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना यानि CPC जो सर्वेसर्वा होती है.

बिहार में विधानसभा चुनाव(Bihar Election 2025) की सियासी तपिश के बीच वोटर लिस्ट को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म है. निर्वाचन आयोग के आदेश पर वोटर लिस्ट रिवीजन का काम किया जा रहा है जिसे लेकर विपक्ष आयोग पर सवाल खड़े कर रहा है. विपक्ष का कहना है कि इसके जरिए सरकार विपक्षी पार्टियों के वोटरों को काटने का काम करेगी. बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र में भी इसका असर देखने को मिल रहा है, लेकिन जिस तरह भारत में चुनावों का आयोजन निर्वाचन आयोग द्वारा किया जाता है वैसे भारत के पड़ोसी देश चीन में नहीं है. आखिर चीन में चुनाव कैसे होते हैं और वहां वोटर लिस्ट कौन तैयार करता है भारत से कितना अलग है चीन का वोटिंग सिस्टम ये सब आइये जानते हैं.
CPC है सर्वेसर्वा
चीन में भारत जैसे लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं है वहां एक ही पार्टी है कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना यानि CPC इसलिए वहां भारत जैसे आम चुनाव नहीं होते. राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्यक्ष चुनाव नहीं होते लेकिन स्थानीय स्तर पर लोकल पीपुल्स कांग्रेस और ग्राम समितियों के लिए सीमित प्रत्यक्ष चुनाव होते हैं. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चयन जनता नहीं, बल्कि CPC के शीर्ष नेता और नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) करते हैं.
कौन तैयार करता है वोटर लिस्ट
भारत के चुनाव आयोग जैसी स्वतंत्र संस्था चीन में नहीं है. चीन में वोटर लिस्ट CPC और स्थानीय प्रशासन तैयार करता है. भारत की तरह यहां भी 18 से अधिक उम्र के नागरिकों को वोटर लिस्ट में शामिल किया जाता है जिनकी पहचान लोकल रेजिडेंट रजिस्टर यानी हुकोउ सिस्टम के आधार पर की जाती है. हुकोउ चीन का इंटरनल पासपोर्ट सिस्टम है जो नागरिकों की निवास स्थिति तय करता है. वोटर्स सिर्फ अपने हुकोउ एरिया में ही वोट डाल सकते हैं. सरकार के पास पहले से मौजूद डेटा से वोटर लिस्ट ऑटोमैटिक बन जाती है. वोटर लिस्ट को सार्वजनिक किया जाता है और नागरिकों को इसमें सुधार या आपत्ति दर्ज करने का मौका मिलता है. हालांकि इसमें सीपीसी का नियंत्रण हर स्तर पर रहता है इसलिए इसे पारदर्शी नहीं माना जाता.
कैसे चुने जाते हैं राष्ट्रपति और PM?
चीन में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चुनावों में जनता की सीधे तौर पर भागीदारी नहीं होती है इनका चुनाव कम्युनिटी पार्टी की नेशनल कांग्रेस की ओर से किया जाता है. NPC के करीब तीन हजार प्रतिनिधि हिस्सा लेते हैं जो प्रांतीय और स्थानीय पीपुल्स कांग्रेस द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं. एनपीसी की बैठक में सीपीसी की सेंट्रल कमेटी और पोलित ब्यूरो उम्मीदवारों की लिस्ट पेश की जाती है इस लिस्ट को पहले से ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से मंजूर किया जा चुका होता है. सेंट्रल कमेटी में 200 से ज्यादा सदस्य, पोलित ब्यूरो (24-25 सदस्य) और पोलित ब्यूरो स्टैंडिंग कमेटी में 6-7 सदस्य होते हैं. सेंट्रल कमेटी महासचिव को चुनती है जो आमतौर पर राष्ट्रपति बनता है.
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