जमीन से निकलने वाले इस खजाने पर चीन ने लगाई रोक, जानिए भारत में कितना है इसका प्रोडक्शन
रेयर अर्थ एलिमेंट्स का उत्पादन करने वाला चीन दुनिया का सबसे बड़ा देश है और इस क्षेत्र में इसका एकाधिकार है. हालांकि, भारत भी इसके उत्पादन में पीछे नहीं है. चलिए जानते हैं कि क्या होता है ये एलिमेंट?

Rare Earth Elements: अमेरिका के साथ जारी ट्रेड वॉर के बीच चीन ने पिछले दिनों रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) के निर्यात पर बैन लगा दिया था. रेयर अर्थ एलिमेंट्स को मॉर्डन टेक्नोलॉजी में बहुत जरूरी माना जाता है और इनका इस्तेमाल स्मार्टफोन, सेमीकंडक्टर और हथियार बनाने में होता. चीन की ओर से इसका निर्यात रोके जाने से दुनिया के कई देशों टेंशन में आ गए हैं, क्योंकि रेयर अर्थ एलिमेंट्स का उत्पादन करने वाला चीन दुनिया का सबसे बड़ा देश है. निर्यात रुकने से दुनिया के कई देशों में चल रहे प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगेगा और अमेरिका के रक्षा उत्पादों के लिए भी यह बड़ा झटका साबित होगा.
बता दें, रेयर अर्थ एलिमेंट्स को आमतौर पर आरईएम या दुर्लभ पृथ्वी खनिज (आरईई) भी कहा जाता है. ये पृथ्वी में पाए जाने वाले 17 रासायनिक रूप से समान तत्वों का एक समूह होता है. हालांकि, दुर्लभ पृथ्वी खनिज दुर्लभ नहीं हैं और यह पृथ्वी की पपड़ी में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. हालांकि, इन तत्वों को अलग करने और इनकी प्रोसेसिंग में काफी समय लगता है. ऐसे में आइए जानते हैं कि भारत में रेयर अर्थ एलिमेंट्स के उत्पादन में भारत किस नंबर पर है?
इन तत्वों का होता है समूह
रेयर अर्थ एलिमेंट्स में 17 तत्व होते हैं, जिनमें- स्कैंडियम, येट्रियल, लैंथेनम, सेरियम, प्रजोडायमियम, नियोडिमियम, प्रोमेथियम, सैमेरियम, यूरोपियम, गैडोलीनियम, टर्बियम, डिस्प्रोसियम, होल्मियम, एर्बियम, थ्यूलियम, येटरबियम, ल्यूटेटियम जैसे तत्व शामिल होते हैं.
इन चीजों में होता है इस्तेमाल
रेयर अर्थ एलिमेंट्स का उपयोग स्मार्टफोन, सैन्य उपकरण, हथियार, इलेक्ट्रिक वाहन, पवन टर्बाइन, विमान इंजन, तेल शोधन, इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों में किया जाता है.
REE के उत्पादन में भारत किस नंबर पर?
रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) के उत्पादन में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है. इसमें पहले नंबर पर चीन, दूसरे पर नंबर पर अमेरिका और भारत तीसरे नंबर पर है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में रेयर अर्थ एलिमेंट्स का 6.9 मिलियन मीट्रिक टन का भंडार है, जो प्रमुख तौर पर आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, ओडिशा और केरल जैसे राज्यों में होता है.
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