जल जीवन मिशन का नहीं मिला बकाया भुगतान, ठेकेदार ने की आत्महत्या, जानें- हर्षल पाटिल कौन हैं?
Maharashtra News: घटना को लेकर उद्धव गुट, कांग्रेस और एनसीपी ने आरोप लगाया है कि जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों और देरी के कारण ठेकेदारों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है.

महाराष्ट्र के सांगली जिले के वालवा तालुका स्थित तांदुलवाडी गांव में रहने वाले एक युवा इंजीनियर और ठेकेदार हर्षल पाटिल (उम्र 35) ने आत्महत्या कर ली है. बताया जा रहा है कि उन्होंने जलजीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों में जल आपूर्ति की परियोजनाओं पर काम किया था, लेकिन उन्हें लंबे समय से भुगतान नहीं मिला.
परिवार के अनुसार, हर्षल पाटिल को सरकार से लगभग 1.4 करोड़ की राशि मिलने की उम्मीद थी. इस काम के लिए उन्होंने पहले 80 लाख का कर्ज लिया और बाद में कुल दबाव बढ़कर 1.45 करोड़ तक पहुंच गया. कई बार प्रयास के बावजूद जब भुगतान नहीं हुआ, तो मानसिक तनाव में आकर उन्होंने 22 जुलाई को अपने खेत में आत्महत्या कर ली.
डिप्टी सीएम अजित पवार ने क्या कहा?
इस घटना ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा पैदा कर दी है. वहीं महायुति सरकार की ओर से स्पष्टीकरण देते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि पाटिल सीधे सरकारी ठेकेदार नहीं थे, बल्कि उन्होंने मुख्य ठेकेदार के माध्यम से उपठेका लिया था. इसी आधार पर उन्हें भुगतान में देरी हुई.
विपक्ष ने फडणवीस सरकार को घेरा
हालांकि, विपक्षी दलों ने इस बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया है. शिवसेना (उद्धव गुट), कांग्रेस और एनसीपी ने आरोप लगाया है कि जलजीवन मिशन में गड़बड़ियों और देरी के कारण ठेकेदारों पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है. कॉन्ट्रैक्टर सगंठनों ने भी चेतावनी दी है कि अगर यह स्थिति जारी रही, तो और ठेकेदार आत्महत्या करने को मजबूर हो सकते हैं.
कौन थे हर्षल पाटिल?
हर्षल पाटिल एक युवा कॉन्ट्रैक्टर थे. उनकी मौत ने सरकार की परियोजनाओं की पारदर्शिता और कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि हर्षल पाटिल की आत्महत्या के बाद उनके परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है.
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Source: IOCL






















