Madhubala Bollywood Journey : देविका रानी की इस सलाह ने मुमताज को बना दिया 'मधुबाला', रातों रात बन गईं सबसे महंगी स्टार
Madhubala Journey: मधुबाला को उनकी पहली फिल्म कैसे मिली और उन्होंने इंडस्ट्री में कैसे अपनी पहचान बनाई इसके पीछे एक लंबी कहानी है.

Madhubala Journey To Bollywood : मधुबाला उर्फ मुमताज जेहन बेगम देहलवी का जन्म दिल्ली में हुआ. रीयल लाइफ में भले ही उन्हें उनका प्यार (दिलीप कुमार) नहीं मिल पाया, लेकिन उनका जन्म उस दिन हुआ जिसे पूरी दुनिया प्यार के प्रतीक के रूप में मनाती है यानी की वैलेंटाइन डे. जी हां मधुबाला का जन्म 14 फरवरी 1933 को हुआ था. ग्यारह भाई बहनों में पांचवी बच्ची थीं मधुबाला. उन्हें बचपन से ही एक्टिंग और डांस का शौक था, बचपन से ही कहती थीं कि बड़े होकर उन्हें एक्ट्रेस बनना है.
पहली नौकरी
वो कहते हैं ना होनी को कोई नहीं टाल सकता. ऐसा ही कुछ वाक्या मधुबाला के साथ भी घटा. मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान रूढ़ीवादी ख्यालों के व्यक्ति थे इसलिए वो मधुबाला की फिल्मों में काम करने की इच्छा को हमेशा सख्ती से मना कर देते थे. जब अचानक उनके पिता की नौकरी छूट गई और घर का खर्चा चलाना काफी मुश्किल हो गया था. ऐसे में घर का खर्चा चलाने के लिए उनके पिता ने बेटी की इच्छा के मुताबिक मधुबाला की नौकरी ऑल इंडिया रेडियों में लगा दिया.
7 साल की मधुबाला
जब मधुबाला 7 साल की थीं तब उन्होंने घर की मजबूरी के चलते ऑल इंडिया में रेडियो की नौकरी की. वहीं जब रेडियो स्टेशन पर एक बार बॉम्बे टाकीज के जनरल मैनेजर राय बहादुर चुन्नीलाल ने सात साल की मधुबाला को रेडियो में बोलते देखा तो मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान से कहा कि मुंबई आ जाओ, बेटी की किस्मत चमका देंगे. बस राय बहादुर की बात सुनकर पूरा परिवार दिल्ली छोड़कर मुंबई चला गया.
उस समय भी मुंबई में रहने की जगह नहीं मिलती थी तो पूरा परिवार मालाड के एक गौशाला में किराया देकर रहने लगा. इसके बाद क्या...था वादे के मुताबिक चुन्नीलाल ने मधुबाला को केवल डेढ़ सौ रुपए में फिल्म बसंत के लिए साइन किया. उनकी यह फिल्म हिट साबित हुई. इस फिल्म के हिट होने के बाद भी मधुबाला को किसी बाल कलाकार के रूप में काम नहीं मिल रहा था और मुंबई में रहना मुश्किल हो रहा था तो फिर पूरा परिवार वापस दिल्ली चला गया.
बालबाल बचीं मधुबाला और उनका पूरा परिवार
फिर देविका रानी ने उनके परिवार को फिल्मों में काम दिलाने के वादे से मुंबई बुलाया. एक बार फिर से मधुबाला और उनके परिवार को काम करने की चाह मुंबई खींच लाई, लेकिन मधुबाला की किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. देविका रानी के वादे के मुताबिक उन्हें काम नहीं मिला और वो काम की तलाश में रोजाना स्टूडियो के चक्कर लगाते रहीं. फिर एक दिन स्टूडियो रंजीत मूविटोन के चंदूलाल शाह ने मधुबाला को तीन साल के लिए कॉन्ट्रेक्ट साइन कर लिया. तब जाकर अताउल्लाह खान के घर की हालत सही होने लगी थी और इसके चलते उन्होंने गौशाला छोड़कर मालाड में ही एक घर किराए पर ले लिया, लेकिन दुर्भाग्यवश डॉक एक्सप्लोजन कि वजह पूरा घर ढह गया. शुक्र है उस दिन मधुबाला और उनका पूरा परिवार फिल्म देखने के लिए थिएटर गया हुआ था.
देविका रानी ने बनाया मुमताज से मधुबाला
मधुबाला यूं ही घर चलाने के लिए फिल्मों में छोटे-मोटे रोल करती रहीं. एक दिन मधुबाला को खून की उल्टी हुई, लेकिन उन्होंने यह बात किसी को बताई नहीं. वह ऐसे ही काम करती रहीं. एक दिन स्क्रिप्टराइट केदार शर्मा ने फिल्म नीलकमल के लिए मधुबाला को साइन किया. इस फिल्म से राज कपूर ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की. उसके बाद मधुबाला ने कई फिल्मों में काम किया लेकिन बात नहीं बनी. उन्होंने लाल दुपट्टा, पराई आग, पारस, सिंगर. फिर एक दिन मधुबाला की मुलाकात देविका रानी से हुई तो उन्होंने कहा कि अपना नाम मुमताज से बदलकर मधुबाला कर लो. देविका रानी ही वह फरिश्ता थीं जिन्होंने दिलीप कुमार को युसुफ खान से दिलीप कुमार नाम दिया और मुमताज से बदलकर मधुबाला नाम दिया. नाम बदलते ही जैसे दिलीप कुमार की किसमत बदली थी, ठीक वैसे ही मधुबाला की भी गाड़ी धिरे-धिरे पटरी पर आने लगी थी.
पैदायशी दिल में छेद
कई तरह की मश्क्कतों के बाद मधुबाला को फिल्म 'महल' मिली. इस फिल्म ने मधुबाला को शोहरत दिलाई. इस फिल्म के बाद मधुबाला ने दुलारी, बेकसूर, हंसते आंसू, सैंया, तराना, संगदिल जैसी हिट फिल्में दी. इसके बाद धिरे-धिरे उनकी तबीयत खराब होने लगी. पैदायशी दिल में छेद लेकर जन्मी मधुबाला के जब अच्छे दिन आने लगे तो वह बिमार पड़ने लगीं. जैसे ही उनकी तबीयत ठीक होने लगी वह फिर से फिल्में करने लगीं.
फिल्मों में मिली सक्सेस
गुरुदत्त की फिलम मिस्टर एंड मिसेज 55 की फिल्म फिर से सिनेमाघरों में छा गई. उसके बाद उनका सुनहरा दौर शुरू हो गया. उसके बाद मधुबाला ने कई हिट फिल्में दीं जैसे कि काला पानी, शीरी फरहाद, फागुन, हावड़ा ब्रिज, चलती का नाम गाड़ी, मुगल-ए-आजम, बरसात की रात. इन सभी फिल्मों के साथ मधुबाला उस समय की सबसे महंगी स्टार बन गईं.
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