PM Modi Trinidad Visit: 180 साल पहले समंदर पार कर जहां पहुंचे भारतीय, वहां जाएंगे पीएम मोदी, 1999 के बाद किसी प्रधानमंत्री का पहला दौरा
पीएम नरेंद्र मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो की ऐतिहासिक यात्रा पर रवाना होंगे. ये यात्रा का भारत और प्रवासी भारतीयों के लिए सांस्कृतिक और कूटनीतिक महत्व रखता है.

PM Modi Trinidad Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 और 4 जुलाई 2025 को त्रिनिदाद और टोबैगो की ऐतिहासिक यात्रा पर रवाना होंगे. यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की 1999 के बाद पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी और खुद पीएम मोदी की इस देश में पहली आधिकारिक उपस्थिति होगी. यह यात्रा केवल कूटनीतिक औपचारिकता नहीं है. यह 225 भारतीयों की विरासत का सम्मान है, जो 30 मई 1845 को 'फतेह-अल-रजाक' जहाज से इस कैरिबियाई धरती पर पहली बार उतरे थे. वे मजदूर थे, जिन्हें गिरमिटिया कहा जाता था और आज उसी धरती पर उनके वंशज प्रधानमंत्री की अगवानी करेंगे.
विदेश मंत्रालय की सचिव नीना मल्होत्रा ने बताया कि इस दौरे में पीएम मोदीत्रिनिदाद और टोबैगो की राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कांगालू से मुलाकात करेंगे. इसके बाद वह कमला पर्साड-बिसेसर के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे साथ ही संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और सबसे अहम भारतीय समुदाय से संवाद करेंगे. यह दौरा इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि दोनों शीर्ष नेता राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भारतवंशी महिलाएं हैं, जो खुद को भारत की बेटियां कहकर गर्व महसूस करती है.
गिरमिटिया इतिहास: 1845 से 2025 तक की यात्रा
जब 'फतेह-अल-रज़ाक' जहाज त्रिनिदाद के तट पर पहुंचा था तो उसमें सवार 225 भारतीय मजदूरों में अधिकांश उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड से आए थे. उनका मुख्य उद्देश्य था ब्रिटिश उपनिवेश में गन्ने के बागानों में काम करना. अंग्रेजों की तरफ से भारत से कैरेबियन, मॉरिशस, फिजी आदि देशों में सस्ते मजदूर भेजे गए. इन मजदूरों को गिरमिट (agreement) नामक अनुबंध पर ले जाया गया. जहाजों में बेहद कठिन और अमानवीय परिस्थितियों में यात्रा होती थी. आज वही गिरमिटिया वंशज, त्रिनिदाद और टोबैगो की जनसंख्या का लगभग 45% हिस्सा हैं — राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
सांस्कृतिक पुनर्मिलन और वैश्विक कूटनीति
पीएम मोदी की इस यात्रा के जरिए भारत केवल राजनीतिक संबंध मजबूत नहीं कर रहा, बल्कि वह सांस्कृतिक जड़ों की दोबारा से खोज और पहचान भी कर रहा है. पीएम के इस दौरे से कई फायदे मिलेंगे जैसे, डायस्पोरा कूटनीति को बल मिलेगा. CARICOM देशों (कैरेबियन समुदाय) के साथ संबंधों में गहराई आएगी. विकास परियोजनाओं और व्यापार सहयोग के नए अवसर मिलेंगे. शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य और डिजिटल कनेक्टिविटी में समझौते होंगे. इसके अलावा, यह दौरा भारत के प्रवासी भारतीयों के साथ गहरे संबंध को भी नई ऊर्जा देगा.
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