Dwarka Expressway: देश का पहला 8 लेन एलिवेटेड एक्सप्रेस-वे अप्रैल 2024 में हो जाएगा तैयार! NH-48 पर प्रेशर हो जाएगा कम
Nitin Gadkari On Dwarka Expressway: केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्री ने हाल ही में द्वारका एक्सप्रेसवे का निरीक्षण किया था. अप्रैल 2024 में एक्सप्रेसवे के पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है.

Dwarka Expressway Update: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि भारत का पहला आठ-लेन एक्सेस नियंत्रित एक्सप्रेसवे अप्रैल 2024 तक पूरा हो जाएगा. द्वारका एक्सप्रेसवे बनने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे (NH48) पर दबाव कम हो जाएगा.
9,000 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा 34 मीटर चौड़ा एक्सप्रेसवे, हरियाणा में 18.9 किमी और राष्ट्रीय राजधानी में 10.1 किमी को कवर करते हुए पिलर्स पर बनाया जा रहा है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि एक्सप्रेसवे एनएच-48 पर शिव मूर्ति से शुरू होगा और खेरकी दौला टोल प्लाजा पर खत्म होगा. इसमें फ्लाईओवर, टनल, अंडरपास, ग्रेड रोड और एलिवेटेड रोड के साथ-साथ 4 लेवल के रोड नेटवर्क शामिल हैं.
आईटीएस सुविधा भी होगी शामिल
इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर तीन लेन की सर्विस रोड का निर्माण किया जा रहा है. पूरे एक्सप्रेसवे में एक इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम (ITS) सुविधा शामिल होगी, जो परिवहन अनुभव को बढ़ाएगी. मंत्री ने आगे बताया कि देश की सबसे चौड़ी 3.6 किमी लंबी सुरंग इस एक्सप्रेसवे पर बनाई जा रही है, जिससे हरियाणा और पश्चिमी दिल्ली के बीच इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से संपर्क में सुधार होगा.
एक्सप्रेसवे, द्वारका से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे को जोड़ने में मदद करेगा. एक बार पूरा हो जाने के बाद, एक्सप्रेसवे को द्वारका के सेक्टर 25 में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर के साथ जोड़ा जाएगा. यह हरसरू के पास पटौदी रोड (SH-26) और बसई के पास फरुखनगर (SH-15A) को काटेगा और भरथल में गुरुग्राम सेक्टर-88 (B) और UER-II के पास दिल्ली-रेवाड़ी रेल लाइन को भी पार करेगा.
ऑटोमेटेड टोलिंग सिस्टम की सुविधा
एक्सप्रेसवे में पूरी तरह से स्वचालित टोलिंग प्रणाली होगी, जिसमें वाहनों को जीपीएस से जोड़ा जाएगा और दूरी की गणना के बाद टोल टैक्स सीधे बैंक खाते से काट लिया जाएगा. गडकरी ने यह भी बताया कि एक्सप्रेसवे के निर्माण में दो लाख मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो एफिल टावर में इस्तेमाल होने वाले स्टील से 30 गुना ज्यादा है. एक्सप्रेसवे के निर्माण में 20 लाख क्यूबिक मीटर कंक्रीट का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो बुर्ज खलीफा में इस्तेमाल किए गए कंक्रीट से छह गुना ज्यादा है. देश में पहली बार इस एक्सप्रेस-वे पर 12 हजार पेड़ लगाए गए हैं.
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