क्या होता है सॉफ्ट पोर्न कंटेंट, जिस पर तिरछी हो गई सरकार की नजर; इसमें क्या दिखाते हैं?
Soft Porn Sites Banned In India: सरकार ने अब साफ्ट पाॅर्न दिखाने वाले प्लेटफॉर्म्स और एप्स को हटाने का आदेश दे दिया है. जानें किस तरह का कंटेंट दिखाते हैं यह प्लेटफॉर्म जिसे कहते हैं साफ्ट पाॅर्न

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने एंटरटेनमेंट का मतलब ही बदल दिया है. फिल्में, वेब सीरीज़, शोज़ सब कुछ अब जेब में है. लेकिन कुछ ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने दर्शको को लुभाने के लिए कंटेंट की सारी हदें पार कर दी हैं. कंटेंट में बोल्डनेस के नाम पर ऐसा कुछ परोसा जाने लगा. जिसे देखकर कई लोग असहज महसूस करने लगे. लंबे वक्त से सोशल मीडिया पर यह सवाल उठता रहा कि आखिर इन ऐप्स पर लगाम कौन लगाएगा.
अब सरकार ने इस पर सीधी नजर डाली है. कुछ ऐसे प्लेटफॉर्म्स, जो एडल्ट कंटेंट के नाम पर सॉफ्ट पॉर्न परोस रहे थे अब रडार पर आ चुके हैं. सरकार की ओर से आईटी एक्ट के तहत अब इन प्लेटफॉर्म्स और एप्स को हटाने का आदेश दिया जा चुका है. किसे कहते है साफ्ट पाॅर्न? किस तरह का कंटेंट दिखाते हैं यह प्लेटफॉर्म चलिए आपको बताते हैं.
किसे कहा जाता है साफ्ट पाॅर्न?
सॉफ्ट पॉर्न उस कंटेंट को कहा जाता है. जिसमें सेक्सुअल इंटेंसन तो होता है मगर सीन में उसे खुलकर नहीं दिखाया जाता. सीधे शब्दों में कहें तो इसमें अश्लीलता परोसी तो जाती है. लेकिन उसे हल्का ढंक दिया जाता है. जैसे बोल्ड सीन्स, अंग प्रदर्शन, इरोटिक डायलॉग्स, दो लोगों के बीच बढ़ती फिजिकल नजदीकियां. यह सब तो होते हैं. लेकिन इसमें पूरी न्यूडिटी या एक्सप्लिसिट सेक्स सीन नहीं होते.
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और यही वजह है कि इसे पॉर्न की कैटेगरी में नहीं काउंट किया जाता. मगर इसका मकसद लगभग वही होता है. जैसे पार्न कंटेट किसी दर्शक को उत्तेजित करता है वैसे ही सॉफ्ट पॉर्न भी वही काम करता है. इन दिनों देश में बहुत से ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कई वेब सीरीज और शोज़ इसी फॉर्मूले पर बनाए जा रहे हैं. यही वजह है कि अब इसपर सरकार ने सख्ती से कार्रवाई की है.
इस वजह से लिया गया फैसला
सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए उन OTT ऐप्स और वेबसाइटों को बैन कर दिया है. जो बार-बार अश्लील कंटेंट परोस रहे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ऐप्स खासतौर पर मोबाइल पर फ्री में एक्सेस किए जा रहे थे और सोशल मीडिया के जरिए इनका प्रचार भी ज़ोरों पर था. अब इनका कंटेंट न ऐप्स के ज़रिए देखा जा सकेगा और न वेबसाइट्स पर.
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सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने इंटरनेट कंपनियों को निर्देश दिया है कि वह इन प्लेटफॉर्म्स की पहुंच पूरी तरह ब्लॉक करें. गूगल और ऐपल को भी कहा गया है कि वे इन ऐप्स को अपने स्टोर्स से हटाएं. सरकार का मानना है कि ऐसे ऐप्स बच्चों तक अश्लील सामग्री आसानी से पहुंचा रहे थे. जो बच्चों के उनके मानसिक विकास पर गलत असर डाल सकता है.
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Source: IOCL
























