Aniruddhacharya Controversy: बाबा का ऐसा ज्ञान...इससे तो बेहतर अज्ञान!
इनका सिर्फ एक मकसद है कि कथा के जरिए देश को ये बताएं कि वो कैसे सनातन धर्म की रक्षा का बीड़ा अपने कंधे पर उठाए हुए हैं
अनिरुद्धाचार्य के मुताबिक शादी के पहले दूल्हा दुल्हन अगर प्री वेडिंग शूट कराएं तो वो सभ्य समाज में शोभा नहीं देता लेकिन जो आपने कहा क्या वो सभ्य समाज में शोभा देता है
शर्म आती है ये सोचकर कि देश में अनिरुद्धाचार्य जैसे लोग खुद को संत कहते हैं
अनिरुद्धाचार्य अगर आपकी नजरों में मर्यादा शब्द का जरा भी मान होता तो आप देश की लड़कियों के लिए ऐसी गैर मर्यादित भाषा का इस्तेमाल नहीं करते
तो आप क्या चाहते हैं कि देश की आधी आबादी का काम सिर्फ शादी और बच्चे पैदा करना हो
अनिरुद्धाचार्य जवाब दीजिए कि क्या आपके मुताबिक लड़कियों का बाल विवाह कर देना चाहिए?
और आप होते कौन हैं ये तय करने वाले कि लड़कियों को शादी किस उम्र में करनी चाहिए
अनिरुद्धाचार्य बीमार सोच के व्यक्ति हैं जिनके मुताबिक लड़कियों की शादी तो सिर्फ 14 साल की उम्र में ही हो जानी चाहिए
14 साल में लड़की की शादी होने का मतलब जानते हैं... उसे बाल विवाह कहते हैं जिसके खिलाफ भारत में आंदोलन चलाया गया था
भारत में बाल विवाह की प्रथा को पहली बार 1929 में कानूनी रूप से प्रतिबंधित किया गया था।
1929 के अधिनियम के अनुसार 14 साल से कम आयु की लड़कियों की शादी करना प्रतिबंधित था। और इसलिए किया गया था ताकि देश की लड़कियां शारीरिक और मानसिक रूप से खुद को मजबूत बना सकें।
























