तपती धूप में भी क्यों गरम नहीं होता काबा में लगा पत्थर, किस तकनीक की वजह से रहता है एकदम ठंडा?
मक्का मदीने में लगा संगमरमर सऊदी की भीषण गर्मी में भी ठंडा रहता है, चलिए आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है कि यह इतनी गर्मी में भी ठंडा रहता है.

काबा इस्लाम धर्म की एक पवित्र जगह है जो सऊदी के मक्का शहर में स्थित है. दुनियाभर से हर साल बड़ी संख्या में मुस्लिम हज करने मक्का और मदीना आते हैं. काबा के बारे में कहा जाता है कि यहां लगे पत्थर सऊदी के 50 डिग्री से भी ज्यादा तापमान में ठंडे रहते हैं. चलिए आपको बताते हैं कि आखिर सऊदी की तपती धूप में भी क्यों गरम नहीं होता काबा में लगा पत्थर और इसमें किस तकनीक का उपयोग किया गया है जिससे ये ठंडे रहते हैं.
क्यों नहीं होते हैं गर्म
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, काबा में लगा पत्थर कोई आम पत्थर नहीं है. मस्जिद के फर्श में इस्तेमाल पत्थर ग्रीस के थासोस द्वीप से मंगाया गया है. यह एक प्राकृतिक पत्थर है,
जिसकी बनावट और स्थिति की वजह से यह ज्यादा गर्म महसूस नहीं होता. बताया जाता है कि यह संगमरमर सूर्य की किरणों को परावर्तित करता है जिसके चलते यह हमेशा ठंडा बना रहता है. इस संगमरमर की मोटाई 5 सेंटीमीटर होती है जो अलग अलग तरह की होती है. रात में संगमरमर की सतह पर जो छोटे छोटे छेद होते हैं उनसे वह नमी को अवशोषित कर लेता है और सुबह गर्मी पड़ने पर धीरे धीरे उसको रिलीज करता है इस तरह इसमें ठंडक बनी रहती है.
सफेद मार्बल होते हैं बेहद खास
मक्का और मदीना के मस्जिदों में लगे सफेद मार्बल बहुत खास होता है. कई दशकों से इन पत्थरों का इस्तेमाल यहां हो रहा है. देखने में ये संगमरमर बेहद चमकीले होते हैं और इन्हें बर्फीला सफेद मार्बल के नाम से भी जाना जाता है. कई दशकों से सऊदी इन पत्थरों को बाहर से मंगवाता है. इनकी कीमत के बारे में दावा किया जाता है कि प्रति वर्ग फीट की कीमत 250 से 400 डॉलर के आसपास है. हालांकि, आपको कई जगह यह मिल जाएगा कि इनके नीचे पानी के पाइप लगे हैं जिसके चलते ये ठंडे बने रहते हैं आपको बता दें कि ऐसा कुछ नहीं है, ये पत्थर ठंडे ही होते हैं.
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