क्या कभी रिटायर नहीं होगा पाकिस्तान का आर्मी चीफ आसिम मुनीर? फील्ड मार्शल बनने के बाद मिल गई ये पावर
पाकिस्तान सरकार ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को देश का फील्ड मार्शल नियुक्त किया है. यह पाकिस्तान के इतिहास में सिर्फ दूसरा मौका है, इससे पहले यह रैंक 1959 में अयूब खान ने खुद को दी थी.

पाकिस्तान की सरकार ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है. पाकिस्तान सरकार ने अपने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को अब फील्ड मार्शल का दर्जा दे दिया गया है. ये रैंक पाकिस्तान में बहुत ही कम लोगों को मिलती है. यह पाकिस्तान आर्मी के इतिहास में सिर्फ दूसरी बार हुआ है जब किसी जनरल को यह सर्वोच्च सैन्य रैंक दी गई हो.
मोहम्मद अयूब खान थे पहले फील्ड मार्शल?
पाकिस्तान के पहले फील्ड मार्शल मोहम्मद अयूब खान थे, जो 1958 से 1969 तक पाकिस्तान के राष्ट्रपति भी रहे थे. हालांकि मार्शल मोहम्मद अयूब खान का प्रमोशन सामान्य प्रक्रिया के तहत नहीं हुआ था. अयूब खान ने 1958 में एक सैन्य तख्तापलट करके सत्ता अपने हाथ में ली थी और खुद को देश का राष्ट्रपति घोषित कर दिया था. उसके अगले ही साल यानी 1959 में, जब उनका सेना से रिटायर होने का समय करीब आ रहा था, उन्होंने खुद को फील्ड मार्शल की उपाधि दे दी.
क्या अब कभी रिटायर नहीं होगा पाकिस्तान का आर्मी चीफ?
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल का दर्जा मिलने के बाद कई सवाल भी उठने लगे हैं. जिसमें एक सवाल यह भी सामने आ रहा है कि क्या अब फील्ड मार्शल बनने के बाद आसिम मुनीर कभी रिटायर होगा भी या नहीं. दरअसल आसिम मुनीर ने नवंबर 2022 में सेना प्रमुख का कार्यभार संभाला, तो उन्होंने एक साल बाद पाकिस्तान के कानून में संशोधन करवाकर सेना प्रमुख का कार्यकाल 3 साल से बढ़ाकर 5 साल करवा लिया था. ऐसे में अब वे 2027 में रिटायर होंगे, लेकिन उसके बाद भी वे फील्ड मार्शल के पद पर बने रहेंगे. जिसका अर्थ है कि आसिम मुनीर के पास रिटायर होने के बाद भी पद, प्रभाव और पावर बनी रहेगी.
युद्धकाल में दी जाती है पाकिस्तान में फील्ड मार्शल की रैंक
पाकिस्तान में फील्ड मार्शल की रैंक आमतौर पर युद्धकाल या विशेष सैन्य उपलब्धियों के दौरान दी जाती है. इसके अलावा ये रैंक ऐसी खास परिस्थितियों में दी जाती है, जब कोई सैन्य अधिकारी असाधारण नेतृत्व और बहादुरी का प्रदर्शन करता है. वहीं ज्यादातर मामलों में वहां यह पद औपचारिक माना जाता है. आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल रैंक देने के साथ ही पाकिस्तान के एक सरकारी बयान में कहा गया है कि मुनीर को यह उपाधि भारत के खिलाफ ऑपरेशन बय्यनुन मासूस में उनके नेतृत्व के लिए दी गई है. हालांकि पाकिस्तान इस लड़ाई में बुरी तरह से पिट गया. लोग कह रहे हैं कि हार के बाद पाकिस्तान अपने आर्मी चीफ को इनाम दे रहा है.
फील्ड मार्शल बनने के बाद आसिम मुनीर को मिलेंगीं ये सुविधाएं
पाकिस्तान में फील्ड मार्शल बनने के बाद आसिम मुनीर को कई पावर मिलेगी, आसिम मुनीर को यह पावर मिलने के बाद अब वह आजीवन सेना का अधिकार रहेगा भले ही वे सेना प्रमुख के पद से रिटायर क्यों न हो जाएं. जिसके बाद अब यह साफ है कि मुनीर को अब न सिर्फ पेंशन, बल्कि पूरी जिंदगी एक लक्जरी लाइफस्टाइल और विशेषाधिकार मिलते रहेंगे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फील्ड मार्शल के रूप में मुनीर को हर महीने अच्छी खासी सैलरी मिलेगी इसके साथ ही उसे सरकारी आवास, सुरक्षा और अन्य कई सुविधाएं मिलेंगीं.
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