जज को धमकी देने पर क्या बढ़ जाती है आरोपी की सजा? जानें क्या है कानून
Law Against Threatening The Judge: दिल्ली कोर्ट में एक आरोपी का दोष साबित हो जाने पर उसने महिला जज को खुलेआम धमकी दी है. चलिए जाने कि अगर कोई ऐसा करता है तो उसकी सजा कितनी बढ़ जाती है.

दिल्ली के द्वारका कोर्ट में एक महिला जज को खुलेआम न्याय के मंदिर में धमकी दी गई है. दरअसल चेक बाउंस मामले में आरोपी को दोषी ठहराए जाने के बाद उसने और उसके वकील ने खुले में महिला जज को धमकियां और गालियां दी हैं. दोषी चाहता था कि फैसला उसके पक्ष में हो, इसके लिए उसने अपने वकील को भी निर्देश दिए थे. लेकिन जब ऐसा नहीं हुआ तो वह नाराज हो गया और जज को धमकी देने के साथ-साथ उनके ऊपर कुछ सामान फेंकने का भी आरोप है.
जज का कहना है कि वो महिला आयोग में आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करेंगी. ऐसी परिस्थिति में क्या जज को धमकी देने पर दोषी की सजा बढ़ जाती है? चलिए जान लेते हैं कि इस बारे में कानून क्या कहता है.
ऐसे मामले में क्या कहता है कानून
अगर किसी आरोपी का कोर्ट में केस चल रहा है और दोषी साबित होने पर वह जज को धमकी देता है तो उसके खिलाफ जिस मामले में कार्रवाई हो रही है, वो तो लगातार चलती ही रहेगी. साथ ही उस पर जज के प्रति अभद्र व्यवहार को लेकर भी कोर्ट में मामला चल सकता है. जज को धमकी मामले में दोषी का वकील अतुल कुमार भी दोषी है, जिसके खिलाफ जज शिवांगी मंगला ने शो-कॉज नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में कहा गया है कि उनके खिलाफ हाई कोर्ट में कोर्ट की अवमामना के लिए कानूनी कार्रवाई क्यों नहीं होनी चाहिए.
कितनी मिल सकती है सजा
कोर्ट की अवमानना के खिलाफ वकील को छह महीने तक की सजा मिल सकती है, साथ ही एडवोकेट्स एक्ट के तहत प्रोफेशलस मिसकंडक्ट के लिए उनका लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है. भारतीय न्याय संहिता के जज भी पब्लिक सर्वेंट की कैटेगरी में आते हैं. ऐसे में कानून में प्रावधान है कि किसी भी पब्लिक सर्वेंट को उनका काम करने से रोकने के लिए दंडनीय अपराध मिलता है. पब्लिक सर्वेंट को धमकी देने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 224 के तहत दो साल तक की सजा और जुर्माना भी हो सकता है.
आम नागरिकों के लिए क्या हैं प्रावधान
इसके अलावा आम नागरिकों के कानूनी प्रावधान भी ऐसे मामलों में लागू हो सकते हैं. किसी को भी जान से मारने की धमकी देने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 351 के तहत जुर्माने के साथ-साथ सात साल की सजा हो सकती है. जबकि धारा 79 के तहत किसी महिला की गरिमा का अपमान करने पर तीन साल की सजा के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता है.
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