एक्सप्लोरर

भूख न जाने बासी भात: भूख मिटाने की जद्दोजहद से ही शुरू होती है मानव विकास की कहानी

रहीम दास ने कभी कहा था- 
रहिमन कहतु सों पेट से क्‍यों न भयो तुम पीठि . 
रीते मान बिगारहु भरे बिगारहु दीठि. 

वह जब पेट की बात करते हैं तो वह भूख की बात करते हैं. पेट और भूख का गर्भनाल संबंध है. बिना पेट के भूख का अनुभव नहीं होता. भूख है तो पेट भी जरूरी है. उनकी ये लाइनें यह भी बताती हैं कि उन्‍होंने कभी न कभी भूख को शिद्दत से महसूस किया होगा या भूखे लोगों को अपमानित होते हुए देखा ही होगा. भूख कभी मान नहीं रहने देती. भूखे तो भजन भी नहीं होता और कहावत यह भी है कि भूख न जाने बासी भात. भूख हमारी शक्ति तो छीन ही लेती है, हमारा विवेक भी हर लेती है. हम थोड़े समय या थोड़े दिन तो भूखे रह सकते हैं, लेकिन बाद में पेट भरने के लिए कुछ न कुछ जतन करना ही पड़ता है. 

यदि कुछ भी नहीं उपलब्‍ध है तो हम किसी से भी खाना मांग कर खाने में संकोच नहीं करते. मांगने से नहीं मिला तो हम चोरी तक कर सकते हैं. कहा भी गया है कि बुभुच्छितो किं न करोति पापम्. भूख मिटाने को वह कोई भी पाप कर सकता है. यह पापी पेट का ही सवाल है कि शिशु और वृद्ध तक, गृहस्‍थ और  संन्‍यासी तक, अमीर और गरीब तक सभी इससे पीडि़त रहते हैं. भूख न धर्म देखती है, न देश, न भाषा देखती है न बोली, न जाति देखती है न रूप रंग, सबको लगती है और भूखा व्‍यक्ति सभी सीमाएं तोड़ देता है. 

अकाल के समय ऐसी कहानियां भी सुनने को मिलती हैं कि मां ने भूख मिटाने के लिए बच्‍चे तक को बेच दिया और यह भी कहानी कुछ दिन पहले डिस्‍कवरी के एक चैनल में देखी थी कि बर्फीले समुद्र में जहाज डूब जाने पर बचे लोगों ने अपने ही मरे साथियों का मांस खाया. जिसने ऐसा नहीं किया वह जीवित नहीं रहा. छोटी मछली को खाकर ही बड़ी मछली जिंदा रहती है.

लेकिन हमें यह सत्‍य भी मानना होगा कि यदि भूख न होती तो आज  हम जो  दुनिया देख रहे हैं, वह न होती. मानव विकास की कहानी ही भूख मिटाने की कहानी है. भूख मिटाने के लिए ही जंगल साफ किए गए, खेती की गई, अनाज का भंडारण किया गया. दूसरों के अन्‍न भंडार लूटे गए. तरह तरह के अविष्‍कार के पीछे कहीं न कहीं अदम्‍य भूख को शांत करने का प्रयास ही है. इसी प्रयास में आदि मानव ने कहां से कहां तक की यात्रा की. डायनासोर धरती से इसलिए गायब हो गए कि उनकी भूख मिटाने को भोजन की कमी पड़ गई. 

यह भूख है क्‍या जो रहीम दास को ऐसा कहने के लिए बाध्‍य करती है कि पेट खाली रहने पर मान बिगड़ता है और भरे रहने पर दृष्टि बदल जाती है. भूख ही जगत में शाश्‍वत है. यह सृष्टि निर्माण के साथ ही शुरू हुई और सृष्टि के साथ ही जाएगी. यह केवल जीवधारियों को ही नहीं लगती, वनस्‍पतयिों को भी लगती है और दिन निकलते ही वे पेट भरने की प्रक्रिया में लग जाते हैं अर्थात सूर्य की किरणों और कार्बन डाईआक्‍साइड की मदद से प्रकाश संष्‍लेषण की क्रिया से अपना भोजन बनाने लगते हैं. जहां भी जीवन है, वहां भूख है. भूख नहीं तो जीवन नहीं और जीवन नहीं तो भूख नहीं. यह भूख सर्वव्‍यापी है, सर्वत्र है अलग-अलग रूपों में. जड़ चेतन को तो छोडि़ए अंतरिक्ष में तारों नक्षत्रों को भी भूख लगती है. जो बड़ा और शकितशाली तारा होता है वह छोटे और कमजोर तारे को खा जाता है. ब्‍लैक होल की थ्योरी तो यही कहती है कि जो तारा अपने में दूसरे तारे को समाहित कर लेता है, वह भूखा ही है, नहीं तो दूसरे को खाने की जरूरत ही क्‍या पड़ती. 

यह भूख लगती क्‍यों है. यह है क्‍या. क्‍या किसी ने  इसे देखा है. भूख वैसे तो नहीं दिखती लेकिन उसका प्रभाव जरूर दिख जाता है. यह रोज लगी ही रहती है. मेरे दादा जी पं छांगुर दुबे पेट पर हाथ फेरते हुए कहा करते थे कि यह गड्ढा नब्‍बे साल से पाट रहा हूं, यह रोज है कि खाली हो जाता है. पेट है कि भरता नहीं. बच्‍चा चाहे मानव का हो चाहे किसी भी जीव का पैदा होते ही भूख की दिद्दत महसूस करता है और मां उसकी भूख को अपनी तरह से शांत करने का प्रयास करती है. जन्‍म के पहले ही प्रकृति उसकी भूख मिटाने की तैयारी कर लेती है और मां के स्‍तनों में दूध आ जाता है. सबने देखा होगा कि जानवरों के बच्‍चों तक को जन्‍म के बाद कोई मां का दूध पीना नहीं सिखाता, वह स्‍वत: ही उसे ढूंढ लेता है और दूध पीना शुरू कर देता है. यह उसकी भूख ही है जो इसके लिए प्रेरित करती है. 

कोई संस्‍कृति या सभ्‍यता न होगी जिसमें अन्‍न का महत्‍व न समझा गया होगा. सिंधु काल की सभ्‍यता में भी अनाज के जले अंश तक मिले हैं जिससे पता चला है कि उस काल में भी अनाज भंडारण की व्‍यवस्‍था थी. भारत में तो अन्‍न की इतनी महिमा गाई गई है कि अन्‍न को ब्रह्म तक कहा गया. अष्‍टावक्र गीता में कहा गया है कि अन्‍न ही ब्रह्म है जिससे हमें ब्रह्म की चर्चा करने की शक्ति आती है. अन्‍न न खाये होते तो ब्रह्म नहीं, अन्‍न की याद आती रहती. भेाजन के बाद जो तृप्ति का भाव आता है, वह परमांनंद है, भले ही वह स्‍थायी न हो.

[नोट- उपरोक्त दिए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. यह ज़रूरी नहीं है कि एबीपी न्यूज़ ग्रुप इससे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही ज़िम्मेदार है.]

और देखें

ओपिनियन

Sponsored Links by Taboola
Advertisement
Advertisement
Wed May 21, 1:29 am
नई दिल्ली
29.7°
बारिश: 0 mm    ह्यूमिडिटी: 56%   हवा: W 12.8 km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

ज्योति मल्होत्रा पर खुलासे के बीच चर्चा में 'सेजल कपूर', हनीट्रैप में फंसा लिए थे 98 अधिकारी; जानें कैसे हुआ पर्दाफाश
ज्योति मल्होत्रा पर खुलासे के बीच चर्चा में 'सेजल कपूर', हनीट्रैप में फंसा लिए थे 98 अधिकारी; जानें कैसे हुआ पर्दाफाश
आसिम मुनीर को प्रमोशन, हारे हुए जनरल को पाकिस्तान ने दे डाली एक और नकली 'पदवी'
आसिम मुनीर को प्रमोशन, हारे हुए जनरल को पाकिस्तान ने दे डाली एक और नकली 'पदवी'
राफेल की दहाड़ से खौफ में पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर में जब पड़ी मार तो इस देश से फाइटर जेट खरीदने का लिया फैसला
राफेल की दहाड़ से खौफ में PAK! ऑपरेशन सिंदूर में जब पड़ी मार तो इस देश से फाइटर जेट खरीदने का लिया फैसला
'अदालतें तब तक दखल नहीं दे सकतीं, जब तक...', वक्फ कानून पर CJI बीआर गवई ने खींच दी लक्ष्मण रेखा
'अदालतें तब तक दखल नहीं दे सकतीं, जब तक...', वक्फ कानून पर CJI बीआर गवई ने खींच दी लक्ष्मण रेखा
ABP Premium

वीडियोज

Operation Sindoor : PoK में तबाही...सबसे बड़ी गवाही । News@10Operation Sindoor: ISI की 'D कंपनी' का 'हनी-मनी ट्रैप' । Janhit । Chitra Tripathiअगर Fighter Jets नहीं गिरे तो बताने में क्या दिक्कत ? । Sandeep ChaudharyJyoti Malhotra Case: जिन्नालैंड की जासूस कंपनी में कौन-कौन?  Pak Spy | Espionage | ATS India

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
ज्योति मल्होत्रा पर खुलासे के बीच चर्चा में 'सेजल कपूर', हनीट्रैप में फंसा लिए थे 98 अधिकारी; जानें कैसे हुआ पर्दाफाश
ज्योति मल्होत्रा पर खुलासे के बीच चर्चा में 'सेजल कपूर', हनीट्रैप में फंसा लिए थे 98 अधिकारी; जानें कैसे हुआ पर्दाफाश
आसिम मुनीर को प्रमोशन, हारे हुए जनरल को पाकिस्तान ने दे डाली एक और नकली 'पदवी'
आसिम मुनीर को प्रमोशन, हारे हुए जनरल को पाकिस्तान ने दे डाली एक और नकली 'पदवी'
राफेल की दहाड़ से खौफ में पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर में जब पड़ी मार तो इस देश से फाइटर जेट खरीदने का लिया फैसला
राफेल की दहाड़ से खौफ में PAK! ऑपरेशन सिंदूर में जब पड़ी मार तो इस देश से फाइटर जेट खरीदने का लिया फैसला
'अदालतें तब तक दखल नहीं दे सकतीं, जब तक...', वक्फ कानून पर CJI बीआर गवई ने खींच दी लक्ष्मण रेखा
'अदालतें तब तक दखल नहीं दे सकतीं, जब तक...', वक्फ कानून पर CJI बीआर गवई ने खींच दी लक्ष्मण रेखा
कैबिनेट की सब कमेटी में तय हो गया SI भर्ती पर भजनलाल सरकार का रुख, अब आधिकारिक घोषणा का इंतजार
कैबिनेट की सब कमेटी में तय हो गया SI भर्ती पर भजनलाल सरकार का रुख, अब आधिकारिक घोषणा का इंतजार
अक्षय कुमार और परेश रावल के बीच क्यों हुआ भयंकर झगड़ा? लीगल केस तक पहुंची बात, जानें पूरा मामला
अक्षय कुमार और परेश रावल में क्यों हुआ भयंकर झगड़ा? लीगल केस तक पहुंची बात
बाल पकड़ कर मारूंगा...? दिग्वेश राठी पर अभिषेक शर्मा का भी फूटा था गुस्सा; इस वीडियो में दिखी सच्चाई
बाल पकड़ कर मारूंगा...? दिग्वेश राठी पर अभिषेक शर्मा का भी फूटा था गुस्सा; इस वीडियो में दिखी सच्चाई
'मंदिरों की तरह यहां चढ़ावा नहीं होता', कपिल सिब्बल की दलील पर बोले सीजेआई गवई- पर मैंने दरगाहों में देखा है...
'मंदिरों की तरह यहां चढ़ावा नहीं होता', कपिल सिब्बल की दलील पर बोले सीजेआई गवई- पर मैंने दरगाहों में देखा है...
Embed widget