गंगा आरती में न आने की अपील के बाद जानिए कैसी है वाराणसी के घाट की स्थिति?
स्थानीय लोगों का मानना है कि काशी के इतिहास में इतनी संख्या में लोगों का आना कभी नहीं देखा गया. मौनी अमावस्या के बाद वाराणसी के गंगा घाट पर आरती देखने के लिए जबरदस्त भीड़ उमड़ रही थी.

Varanasi Ganga Aarti: मौनी अमावस्या के बाद वाराणसी में श्रद्धालुओं की बढ़ते भीड़ को देखते हुए गंगा घाट के आरती आयोजकों की तरफ से लोगों से अपील की गई थी कि आने वाले कुछ दिनों तक ऑनलाइन माध्यम से ही गंगा आरती का दर्शन करें. घाट की क्षमता से अधिक भीड़ हो रही है इसलिए आरती देखने घाट पर ना आए. ऐसे में बीते सप्ताह से रोजाना उमड़ने वाली भीड़ में अब परिवर्तन देखा जा रहा है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मौनी अमावस्या के बाद वाराणसी के गंगा घाट पर आरती देखने के लिए जबरदस्त भीड़ उमड़ रही थी. स्थिति यह रही कि घाट से लेकर गदौलिया सड़क तक लोगों का भारी जन सैलाब देखा गया. ऐसे में गंगा आरती आयोजकों की तरफ से घाट की आरती पर ना आने की अपील की गई थी. फिलहाल बीते दो दिनों से गंगा आरती में लोगों पहुंचना जारी है लेकिन श्रद्धालुओं की संख्या नियंत्रित बताई जा रही है.
पूरी सावधानी रखें
ऐसे में 5 फरवरी के बाद एक बार फिर से घाटों पर भीड़ बढ़ने का अनुमान लगाया गया है. बसंत पंचमी के दौरान जल पुलिस, जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की चौकसी गंगा घाटों पर देखी गई. इस दौरान खास तौर पर लोगों से अपील की जा रही थी की नाव में बैठकर गंगा आरती देखते समय पूरी सावधानी रखें.
वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, काशी कोतवाल काल भैरव मंदिर से लेकर गंगा घाट की आरती देखने के लिए भारी संख्या में लोग मौनी अमावस्या के बाद काशी पहुंचने लगे. स्थानीय लोगों का मानना है कि काशी के इतिहास में इतनी संख्या में लोगों का आना कभी नहीं देखा गया. गंगा घाट पर आरती के दौरान लोगों से न आने की अपील करना स्पष्ट दर्शाता है कि क्षमता से अधिक लोग बनारस के घाट पर पहुंच रहे थे. ऐसे में अब बसंत पंचमी के बाद देखना होगा कि बनारस में भीड़ की क्या स्थिति रहती है.
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