NHAI और IIT दिल्ली की ये तकनीक सड़क हादसों में लाएगी कमी, सर्वे का काम हुआ शुरू
UP News: नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और दिल्ली IIT ने मिलकर एआई की तकनीक पर काम कर रही है. इस तकनीक से सड़क हादसे में कमी देखने को मिलेगी. इसके लिए दिल्ली से कानपुर हाईवे का सर्वे शुरू हो चुका है.

Kanpur News: इन दिनों गूगल मैप के सहारे सफर तय करने वालों को कई बड़े हादसों का शिकार होना पड़ा है. कई लोगों को सफर के दौरान हुए हादसे में अपनी जान भी गंवानी पड़ी. जिसके बाद गूगल का सहारा लेना लोगों ने कम कर दिया है. लेकिन इन हादसों और सफर के दौरान पड़ने वाली समस्या को ध्यान में रखकर नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और दिल्ली आईआईटी ने एक तकनीक विकसित की है.
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और दिल्ली आईआईटी ने मिलकर एआई की एक तकनीक से सफर सुगम और सरल करने की कोशिश की है. जिसके चलते देश के 25 हजार किलो मीटर के सफर पर हाईवे का सर्वे करना आसान कर दिया है. जिससे हादसों से बचकर अपने गंतव्य पर पहुंचना आसान होगा.
दिल्ली से कानपुर नेशनल हाईवे का सर्वे शुरू
एएआई और भौगोलिक संरचना प्रणाली के माध्यम से नेशनल हाईवे अथॉरिटी एक सर्वे कर रही है. जिसमें देश के 25 हजार किलोमीटर के हाईवे पर सबसे पहले सर्वे किया जा रहा है. जिसमें हाईवे की सड़कों पर सटीक संकेतकों को इकट्ठा कर सॉफ्टवेयर में सुरक्षित किया जा रहा है. इस सर्वे में दिल्ली से कानपुर तक के नेशनल हाईवे को शामिल किया गया है.
सर्वे से एएआई को सटीक डाटा उपलब्ध कराया जाएगा. जिसके बाद एआई के अलावा इस डाटा को गूगल को भी भेजा जाएगा. जिससे गूगल मैप में भी हाइवे की सड़कों के सही संकेत के चिन्ह गूगल को भी भेजा जाएगा और सटीक मैप में संरक्षित कर सकेगा. जिससे मैप का सहारा लेने वालों को गलत रास्तों पर जाने से बचाया जा सकता है.
इस तकनीक से सड़क हादसों में आएगी कमी
इस तकनीक और काम से गूगल मैप के सहारे चलने वालों को अधूरे रास्तों और अधूरे पुलों पर जाना जोखिम में डालने से बचाया जा सकता है. साथ ही हादसे भी रुकेंगे और लोग सुरक्षित सफर कर पाएंगे. इससे पहले भी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने जीपीएस के माध्यम से सफर को आसान करने और जाम से निजात दिलाने के लिए सॉफ्टवेयर डेवलप करने की बात बताई थी.
जिसके चलते सड़कों पर चलने वाली गाड़ियां जो कि टोल प्लाजा का उपयोग करते हैं और फास्टैग उपयोग करते हैं उन्हें भी जमा से निजात मिलेगी और 40 किलोमीटर पहले से मोबाइल और जाम की जानकारी मिल जाएगी. यात्रा को बेहतर करने की ये कोशिश भविष्य के लिए बड़ी अहम मानी जा रही है.
नेशनल हाईवे अधिकारी ने क्या बोला?
इस बाबत नेशनल हाईवे अथॉरिटी के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव शर्मा ने बताया कि इस काम से सड़क सुरक्षा के लिए एनएचएआई ने एआई और जीआईएस के माध्यम से इसकी सभी तकनीक का उपयोग कर नई व्यवस्था करेगी. इसके तहत दिल्ली आईआईटी और नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के बीच समझौता हुआ है. जिसके चलते किए जा रहे प्रयास से हाईवे पर सफर तय करने वालों को आसानी होगी और खतरा भी कम हो जाएगा.
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