महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी अनिवार्य करने पर भड़के राज ठाकरे, 'हिंदी राष्ट्र भाषा नहीं, क्या UP में...'
Maharashtra Hindi Compulsory: एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि हिंदी सिर्फ एक राज्य भाषा है, राष्ट्र की नहीं है. नए बच्चों को यह सब नहीं सिखाएं. उसे जो भाषा सीखनी है बड़े होकर समझ जाएगा.

Hindi Compulsory In Maharashtra: महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार ने स्कूलों में पहली से पांचवी कक्षा तक के छात्रों के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाने का आदेश जारी किया है. इसको लेकर बुधवार (18 जून) को बड़ा सियासी बवाल खड़ा हो गया.
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने जो पहली से पांचवीं तक हिंदी के सख्ती का निर्णय लिया है, 17 जून को मैंने पत्र लिखा था कि ऐसा ना करें. हिंदी कोई राष्ट्र भाषा नहीं है.
स्कूल के प्रिंसिपल को भेज रहा हूं पत्र- राज ठाकरे
राज ठाकरे ने कहा, ''आज मैं राज्य के सभी स्कूलों के प्रिंसिपल को पत्र भेज रहा हूं. मुझे सीएम ने कहा था कि हम हिंदी अनिवार्यता का फैसला वापस ले रहे हैं, जिसके चलते मैंने 5 दिन पहले यह पत्र लिखा था जो अब मैं स्कूल के प्रिंसिपल को भेज रहा हूं.''
उन्होंने कहा कि हिंदी सिर्फ एक राज्य भाषा है राष्ट्र की नहीं है. नए बच्चों को यह सब ना सिखाएं. उसे जो भाषा सिखनी है, बड़े होकर समझ जाएगा. IAS लॉबी का दबाव है क्या? तो यहां तीसरी भाषा का दबाव क्यों है?
यूपी में तीसरी कौन सी भाषा सिखाएंगे- राज ठाकरे
राज ठाकरे ने कहा, ''उत्तर प्रदेश में तीसरी भाषा कौनसी सिखाएंगे. शिक्षा मंत्री कह रहे हैं, यह ऑप्शनल भाषा है तो 6वीं से रखो ना पहली से क्यों करना है। यह तो राज्य भाषा है, तो यह भाषा क्यों थोप रहे हैं? यूपी, बिहार और एमपी में तीसरी भाषा क्या मराठी सिखाएंगे. गुजरात में भी हिंदी जरूरी नहीं है.''
क्या है महाराष्ट्र सरकार का आदेश?
महाराष्ट्र सरकार के आदेश के अनुसार, मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में पहली से पांचवी कक्षा तक के सभी छात्र अब अनिवार्य रूप से तीसरी भाषा के रूप में हिंदी का अध्ययन करेंगे. जो छात्र हिंदी के विकल्प के रूप में कोई अन्य भाषा सीखना चाहते हैं, उनकी संख्या 20 से अधिक होनी चाहिए.
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