जब हुई मदर्स डे मनाना बंद करने की कोशिश, जानें इसे शुरू करने वाली से इसका क्या कनेक्शन?
हर साल मई के दूसरे रविवार को दुनियाभर में मदर्स डे मनाया जाता है. इस दिन मां के योगदान को याद किया जाता है, जो उन्होंने अपने बच्चों के लिए किया है.

Mother's Day: मां के प्रति खुशी और प्यार के इजहार का एक दिन होता है, जिसे मदर्स डे के नाम से जाना जाता है. मदर्स डे हमारे जीवन में मां की वैल्यू को समझाता है, जिन्होंने हमें आगे बढ़ते हुए देखने को लिए अपना सबकुछ हमपर कुर्बान कर दिया. हर साल यह दिन मई महीने के दूसरे रविवार को आता है. इस बार 11 मई को मदर्स डे मनाया जाएगा. चलिए, आपको उस घटना के बारे में बताते हैं जब इसको बंद करने की कोशिश हुई थी और उसका कनेक्शन इसको शुरू करने वाले से क्या है उसके बारे में भी बताते हैं.
कब हुई थी मदर्स डे की शुरुआत
मदर्स डे मनाने की परंपरा करीब 114 साल से चली आ रही है. इस दिन को मनाने का सिलसिला एना जार्विस ने शुरू किया था, उन्होंने इस दिन को इस तरह चुना ताकि उनकी मां की पुण्यतिथि 9 मई के आसपास ही मदर्स डे पड़े. एना जार्विस ने पहली बार मदर्स डे 1908 में अमेरिका के वेस्ट वर्जीनिया में अपनी मां की याद में मनाया. एना की मां एन रीव्स जार्विस इस दिन की शुरुआत करना चाहती थीं. उनका मानना था कि मां के लिए एक ऐसे दिन की शुरुआत हो सके जब उनके योगदान को याद किया जा सके. हालांकि, एन रीव्स जार्विस की मौत 1905 में ही हो गई जिसके चलते उनके इस सपने को पूरा करने का बेड़ा उनकी बेटी ने उठाया और तीन साल बाद पहली बार मदर्स डे मनाया.
क्यों हुई मदर्स डे बंद करने की कोशिश
आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस एना जार्विस ने मदर्स डे मनाने की कोशिश की थी, उन्होंने ही इसे बंद करने की कोशिश की. दरअसल, हुआ कुछ ऐसा कि मदर्स डे की पोस्टर गर्ल ने पहले मदर्स पर अपनी मां की पसंदीदा सफेद कार्नेशन फूल महिलाओं को दिया था, जिसने देखते ही देखते एक तरह से व्यापार का रूप ले लिया, इस तरह मदर्स डे पर इस फूल की कालाबाजारी शुरू हो गई. बाजार में मदर्स डे पर इसकी कीमत काफी ज्यादा हो जाती थी जिसको देखकर एना जार्विस ने खुद ही मदर्स डे बंद करने की मुहीम शुरू कर दी. हालांकि, उनको सफलता नहीं मिली.
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