क्या होता है Interstellar? क्यों पूरी दुनिया के वैज्ञानिक खोज रहे हैं अंतरिक्ष की इस रहस्यमयी चीज को
अब तक पृथ्वी पर दो इंटरस्टेलर मिल चुके हैं. इनमें से पहला साल 2017 में मिला था, जिसका नाम ओउमुआमुआ था. वहीं दूसरा इंटरस्टेलर साल 2019 में मिला था जिसका नाम बोरिसोव था.

इंटरस्टेलर (Interstellar) उस चीज को कहते हैं जो अंतरीक्ष से धरती पर गिरी हो. ये उल्कापिंड से अलग होती है. हाल ही में हुए एक रिसर्च में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने दावा किया है कि उन्हें इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट की खोज करते समय कुछ ऐसी चीजें मिली हैं जिन्होंने सबको हैरान कर दिया है. दरअसल, ये खोज हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर एवी लोएब कर रहे हैं. उन्होंने दो सप्ताह पहले ही एक ऐसे ही पिंड की खोज करते हुए प्रशांत महासागर की गहराई में एक ट्रेजिंग परियाजना शुरू की है.
क्या इससे पहले कभी पृथ्वी पर मिले हैं इंटरस्टेलर
इंटरनेट पर मिली जानकारी के अनुसार, अब तक पृथ्वी पर दो इंटरस्टेलर मिल चुके हैं. इनमें से पहला साल 2017 में मिला था, जिसका नाम ओउमुआमुआ था. वहीं दूसरा इंटरस्टेलर साल 2019 में मिला था जिसका नाम बोरिसोव था. दरअसल, इन इंटरस्टेलर की खोज कर उन पर रिसर्च कर दुनियाभर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष के उन रहस्यों को जानने की कोशिश करते हैं, जहां अब तक उनकी पहुंच नही हो पाई है.
कैसा था ओउमुआमुआ?
ओउमुआमुआ जब साल 2017 में मिला तो पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस पर शोध करने पहुंच गए. इन वैज्ञानिकों में प्रोफेसर लोएब भी शामिल थे. इसे लेकर कई तरह की थ्योरी दी गई. कई वैज्ञानिकों ने कहा कि ये एक अंतरिक्ष यान या फिर उसका कोई टुकड़ा है. तो वहीं कुछ लोगों ने इसे एक खराब सैटेलाइट करार दिया. लेकिन जिस बात पर ज्यादातर वैज्ञानिक राजी हुए वो धूमकेतु था. कहा जाता है कि ये लगभग 100 मीटर लंबा था.
ये इतना महत्वपूर्ण क्यों है?
दरअसल, जब कोई इंटरस्टेलर पृथ्वी पर गिरता है तो ये बहुत खास मौका होता है. क्योंकि कई बार ये इंटरस्टेलर अंतरिक्ष में इतनी दूर से ट्रैवेल करके पहुंचा होता है जहां अभी तक वैज्ञानिकों के टेलिस्कोप भी नहीं पहुंच पाए होंगे. इसके साथ ही ये जिस ग्रह से टूटा होता है उसके बारे में भी इस इंटरस्टेलर से जानकारी मिल सकती है. यही वजह है कि वैज्ञानिक अब धरती पर गिरे ऐसे सभी इंटरस्टेलर की खोज कर रहे हैं जो अंतरिक्ष से आया हो.
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