लेट लतीफी पर सीएम योगी सख्त, कहा- '3 दिन से ज्यादा न लटके कोई फाइल, सीधे मुझसे मिलें'
CM Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री ने अधिकारियों कोनिर्देश दिए कि आम नागरिकों की शिकायतों का जल्द से जल्द निदान हो. इसके लिए हर दफ्तर में सिटिजन चार्टर को प्रभावी रूप से लागू हो.
CM Yogi Adityanath: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लखनऊ में अपर पुलिस महानिदेशक स्तर के सभी अधिकारियों के साथ विशेष बैठक की, जिसमें वो फ़ुल एक्शन मोड में दिखाई दिए. सीएम योगी ने इस दौरान पुलिस अधिकारियों के तबादले की चर्चा करते हुए सरकारी दफ्तरों में नागरिक चार्टर लागू करने का निर्देश दिया और कहा कि किसी भी कार्यालय में कोई फाइल तीन दिन से ज्यादा लंबित नहीं रहनी चाहिए.
सीएम योगी ने कहा कि किसी भी कार्यालय में फाइल ज्यादा दिन तक नहीं रुकनी चाहिए. सभी अधिकारियों और इकाइयों को बीच बेहतर संवाद और समन्वय हो. ताकि बेहतर तालमेल से काम तेजी से हो सके. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि "किसी भी कार्यालय में कोई फाइल 3 दिन से अधिक लंबित न हो. यदि किसी तरह की समस्या हो तो डीजीपी कार्यालय, गृह विभाग अथवा सीधे मुझसे (सीएम योगी आदित्यनाथ) समय लेकर मिल सकते हैं."
किसी भी कार्यालय में कोई फाइल 3 दिन से अधिक लंबित न हो। यदि किसी तरह की समस्या हो तो डीजीपी कार्यालय, गृह विभाग अथवा सीधे मुझसे समय लेकर मिल सकते हैं: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) October 4, 2024
सीएम योगी ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए और कहा कि आम नागरिकों की शिकायतों का जल्द से जल्द निदान करना ज़रूरी है. इसके लिए हर दफ्तर में सिटिजन चार्टर को प्रभावी रूप से लागू किया जाना चाहिए. अगर किसी वजह से काम में देरी होती है तो उसकी जवाबदेही तय की जाएं.
उन्होंने कहा कि मृतक आश्रितों के प्रकरण में आश्रित की आयु को ध्यान में रखते हुए नियमों में बदलाव पर विचार किया जाना चाहिए. फिजिकल परीक्षण के नियम व्यावहारिक होने चाहिए. मृतक आश्रितों के प्रकरण का तय समय-सीमा के भीतर निस्तारित होना सुनिश्चित किया जाए.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस दौरान प्रदेश में बढ़ रहे साइबर क्राइम को लेकर भी चिंता जताई और अधिकारियों को इन घटनाओं को लेकर सतर्क रहने को कहा, उन्होंने निर्देश दिए 'साइबर क्राइम रोकने के लिए हर स्तर पर सतर्क रहना होगा. साइबर फ्रॉड के संबंध में जागरुकता बढ़ाने की आवश्यकता है. शिक्षक, उद्यमियों, व्यापारियों, चिकित्सकों सहित अलग-अलग वर्गों के साथ समय-समय पर गोष्ठियां की जाएं.'
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