उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के एक होने पर कांग्रेस का क्या होगा रुख? पृथ्वीराज चव्हाण का बड़ा बयान
कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने राज ठाकरे को लेकर कहा कि हमारा अनुभव है कि वह महाराष्ट्र की राजनीति में एक वरिष्ठ नेता हैं. उनकी सभाओं में बहुत भीड़ आती है, लेकिन वह वोटों में तब्दील नहीं होती है.

Maharashtra Merger Buzz: महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे एक मंच पर नजर आने वाले हैं. दोनों भाईयों का आगे गठबंधन भी हो सकता है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि कांग्रेस का क्या रुख होगा.
कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और शरद पवार की पार्टी एनसीपी एसपी अब तक एमवीए में शामिल है. तीनों ही पार्टी विधानसभा और लोकसभा का चुनाव साथ लड़ चुकी है. चर्चा एनसीपी (एसपी) को लेकर भी है. एनसीपी एसपी और अजित पवार की पार्टी एनसीपी का विलय हो सकता है.
इन अटकलों के बीच महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस केवल शिवसेना (यूबीटी) के उद्धव ठाकरे और एनसीपी (एसपी) के शरद पवार के साथ गठबंधन के मामलों पर चर्चा करेगी और उप-गठबंधन पर फैसला उन पर छोड़ देगी.
...तो गठबंधन जारी रखना मुश्किल होगा- चव्हाण
साथ ही चव्हाण ने स्पष्ट किया कि यदि एनसीपी का विलय होता है और यदि वह पार्टी एनडीए के साथ जाती है, तो कांग्रेस के लिए महाराष्ट्र में उनके साथ गठबंधन जारी रखना मुश्किल हो जाएगा.
पीटीआई को दिए इंटरव्यू में पृथ्वीराज चव्हाण ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के साथ आने की बात को पारिवारिक मामला करार दिया. यदि हम गठबंधन (स्थानीय निकाय चुनावों में) में जाते हैं, तो हम गठबंधन सहयोगियों के नेताओं के साथ सीटों का बंटवारा करेंगे. अब, वे किसके साथ उप-गठबंधन करते हैं, यह पूरी तरह से उनकी स्थिति है.
राज ठाकरे पर क्या बोले कांग्रेस?
पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, ''यदि कोई व्यक्ति कांग्रेस के मूल्यों के पूरी तरह खिलाफ है, तो हम कुछ आपत्तियां उठाएंगे; अन्यथा, यह एक आंतरिक पारिवारिक मामला है और यदि हम गठबंधन (स्थानीय निकाय चुनावों में) के साथ जाते हैं तो वे सीटों का समायोजन कैसे करते हैं.''
राज ठाकरे के बारे में पूछे जाने पर चव्हाण ने कहा, "हमारा अनुभव है कि वे महाराष्ट्र की राजनीति में वरिष्ठ नेता हैं. वे भीड़ खींचते हैं; जब भी वे कोई सार्वजनिक सभा करते हैं, तो भारी भीड़ होती है. लेकिन ये वोटों में कन्वर्ट नहीं होता है और यही कारण है कि वर्तमान महाराष्ट्र विधानसभा में उनकी कोई उपस्थिति नहीं है."
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