जम्मू-कश्मीर में आरक्षण के मुद्दे पर सियासत, CM उमर अब्दुल्ला बोले- 'महबूबा मुफ्ती को जब वोट चाहिए थे...'
Omar Abdullah News: जम्मू-कश्मीर में आरक्षण मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने महबूबा मुफ्ती पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए महबूबा और सज्जाद लोन ने आरक्षण पर ध्यान नहीं दिया.

CM Omar Abdullah on Mehbooba Mufti: जम्मू-कश्मीर में आरक्षण के मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है. आरक्षण पर कैबिनेट की सब-कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है, लेकिन विपक्षी दल पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने आरोप लगाया है कि डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक करने में देरी की जा रही है. इसपर अब मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान आया है. उनका कहना है, "महबूबा मुफ्ती किस मुंह से यह बात कर रही हैं?"
दरअसल, शुक्रवार (20 जून) को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आरक्षण के मुद्दे पर पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और पीपल्स कांफ्रेंस के सज्जान लोन पर हमला बोला. सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जब महबूबा मुफ्ती और सज्जाद लोन के पास मौका था तो उन्होंने रोजगार में आरक्षण का मुद्दा नहीं उठाया. जब महबूबा मुफ्ती को वोट की जरूरत थी, तो उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं को सख्ती से मना कर दिया था कि आरक्षण पर कोई बयान न दें.
'अब झूठी हमदर्दी जता रही हैं महबूबा मुफ्ती'- उमर अब्दुल्ला
सीएम उमर अब्दुल्ला ने सवाल किया कि अनंतनाग से चुनाव लड़ते समय जब मुफ्ती को राजौरी और पुंछ से वोट चाहिए थे, तब उन्होंने रिजर्वेशन की बात क्यों नहीं की? आज अचानक उन्हें आरक्षण के मुद्दे पर लोगों से हमदर्दी हो रही है. यह हमदर्दी तब होनी चाहिए थी जब वह चुनाव लड़ रही थीं.
#WATCH | Jammu, J&K | On J&K Cabinet Sub-Committee on reservations in recruitment, J&K Chief Minister Omar Abdullah says, "... When Mehbooba Mufti needed votes, she strictly banned her party members from even talking about reservation... When contesting elections from Anantnag… pic.twitter.com/KTKhHKyMGT
— ANI (@ANI) June 20, 2025
'सरकार के करीबी थे, तब कुछ नहीं बोले सज्जा लोन'- उमर अब्दुल्ला
सज्जाद लोन पर निशाना साधते हुए सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा, "जब यह सब हो रहा था तब सज्जाद लोन भी पांच साल तक सरकार के करीबी थे. जब हमें हमारे सरकारी आवास से बाहर निकाला जा रहा था, हमारी सुरक्षा कम की जा रही थी, तब सज्जाद लोन सरकारी बंगला में बैठे हुए थे. उन्होंने तब आरक्षण की बात क्यों नहीं की?"
'सब कमेटी ने समय पर पूरा किया काम'
उमर अब्दुल्ला ने दावा किया, "अगर मुझे वक्त बर्बाद करना होता तो मैं सब-कमेटी को 6 महीने और दे देता. आप इसमें क्या कर लेते? क्या आपके पास मुझे मजबूर करने का कोई तरीका था कि मैं रिपोर्ट जल्दी तैयार करवाऊं? इस देश में कितने कमेटियां हैं, जिन्होंने समय पर अपनी रिपोर्ट तैयार की? आमतौर पर कमेटी बनती है और 6 महीने बोलते-बोलते कई साल निकल जाते हैं. यह शायद पहली बार हो रहा है कि किसी कमेटी को 6 महीने दिए गए और तय समय पर काम पूरा हुआ."
सीएम ने आगे कहा, "रिपोर्ट पेश होने के बाद उसकी जांच करनी ही पड़ती है. यह कानूनी दस्तावेज है, इसकी कानूनी जांच जरूरी है. इस प्रक्रिया को बीच में आप रोक नहीं सकते. कैबिनेट ने इस रिपोर्ट पर सहमति जताने के बाद कानून विभाग को जांच के लिए दिया हुआ है. यानी फाइनल रिपोर्ट आ चुकी है. जांच के बाद कैबिनेट में बहस होगी और फिर आगे के कदम के बारे में चर्चा की जाएगी."
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