विदेश नीति पर राहुल गांधी के सवालों का विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक-एक कर दिया जवाब, पढ़ें क्या कहा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ट्विटर पर जवाब देते हुए कहा कि मोदी सरकार के दौरान अमेरिका, यूरोप सहित प्रमुख ताकतों के साथ हमारा महत्वपूर्ण गठजोड़ मजबूत हुआ है.

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी शुक्रवार को मोदी सरकार की विदेश नीति पर कई गंभीर सवाल उठाए. इसके बाद खुद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक-एक कर जवाब दिया. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के दौरान अमेरिका, यूरोप सहित प्रमुख ताकतों के साथ हमारा महत्वपूर्ण गठजोड़ मजबूत हुआ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ा है. उन्होंने कहा कि चीन के साथ हम राजनीतिक रूप से अधिक बराबरी के स्तर पर बात करते हैं .
राहुल गांधी की टिप्पणी पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘पाकिस्तान के साथ (जिसे आपने छोड़ दिया) निश्चित तौर पर एक तरफ बालाकोट और उरी तो दूसरी तरफ शर्म अल शेख, हवाना और 26/11 के बीच अंतर है. इस बारे में स्वयं से पूछें . ’’
राहुल ने अपने वीडियो संदेश में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि पिछले छह वर्षो में भारत विदेश नीति और अर्थव्यवस्था के संबंध में परेशान और बाधित रहा . गांधी ने वीडियो में अपने विचार रखे कि क्यों चीन आक्रामक हो गया है और आरोप लगाया कि मोदी सरकार के दौरान देश कमजोर हुआ है.
विदेश मंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘‘ राहुल गांधी ने विदेश नीति पर सवाल पूछे हैं . यहां पर कुछ उत्तर हैं . हमारा महत्वपूर्ण गठजोड़ मजबूत हुआ है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ा है. अमेरिका, रूस, यूरोप, जापान के साथ शिखर वार्ता और अनौपचारिक बैठकें होती रहती हैं . चीन के साथ हम राजनीतिक रूप से अधिक बराबरी के स्तर पर बात करते हैं . विश्लेषकों से पूछें . ’’
.@RahulGandhi hs questions on Foreign Policy. Here are some answers: •Our major partn’ships are strongr & internat’l standng higher.Witness regular summits&informal meetngs wth #US #Russia #Europe & #Japan.India engages #China on more equal terms politically. Ask the analysts. https://t.co/GPf17JWSac
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) July 17, 2020
उन्होंने कहा कि भारत अब अधिक खुले मन से चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपेक), चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव, दक्षिण चीन सागर और संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकवादियों के बारे में बातें करता है . इस बारे में मीडिया से पूछें .
विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘ कुछ तथ्य हमारे पड़ोसियों के बारे में भी . श्रीलंका और चीन के बीच 2008 में हब्बनटोटा बंदरगाह को लेकर समझौता हुआ था . उनसे पूछें जो इससे निपट रहे थे . मालदीव के साथ कठिन संबंध.. जब 2012 में भारत राष्ट्रपति नाशीद की सरकार को गिरता देख रहा था ....और चीजें बदली हैं . हमारे कारोबारियों से पूछें . ’’
बांग्लादेश के बारे में जयशंकर ने कहा कि 2015 में भू सीमा मुद्दा सुलझने के बाद अधिक विकास और पारगमन का मार्ग प्रशस्त हुआ है. ‘‘ अब वहां आतंकवादियों के लिये पनाहगाह नहीं है. हमारे सुरक्षा बलों से पूछें . ’’पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करने को रेखांकित करते हुए जयशंकर ने कहा, ‘‘ नेपाल में 17 वर्षो के बाद प्रधानमंत्री की यात्रा होती है. ऊर्जा, ईधन, अस्पताल, सड़क सहित अनेक विकास परियोजना बढ़ती हैं. उनके नागरिकों से पूछें . ’’
उन्होंने कहा कि भूटान अब भारत को एक मजबूत सुरक्षा और विकास भागीदार पाता है. अब वे 2013 के विपरीत अपनी रसोई गैस के बारे में चिंता नहीं करते. भूटान के परिवारों से पूछें . विदेश मंत्री ने कहा कि अफगानिस्तान में सलमा बांध और संसद जैसी परियोजनाएं पूरी होती हैं, प्रशिक्षण कार्य और कनेक्टिविटी बढ़ती है . अफगानिस्तान से पूछें .
गौरतलब है कि राहुल गांधी ने कहा है कि आज हमारे अंतरराष्ट्रीय संबंध मतलब परस्ती के हो गए है. अमेरिका से भी वर्तमान संबंध लेन-देन पर आधारित है. रूस से भी हमारा संबंध संकटग्रस्त हुआ है. यूरोपीय राष्ट्रों से भी हमारे संबंध मतलब परस्ती के हो गए हैं. उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा था .