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New Opium Policy: केंद्र सरकार ने जारी की नई अफीम नीति, लाइसेंस के लिए जानिए कौन किसान होंगे हकदार?
New Opium Policy: केंद्र की मोदी सरकार से अफीम की खेती के लिए नीति जारी होने पर किसानों में काफी खुशी है. बिना लाइसेंस के खेती करते हुए पकड़े जाने पर एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज होता है.

नई अफीम नीति जारी
New Opium Policy: केंद्र सरकार ने अफीम नीति जारी की है. अफीम की खेती के लिए लाइसेंस लेना होता है. बिना लाइसेंस के खेती करते हुए पकड़े जाने पर एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज होता है. अफीम की खेती सबसे ज्यादा राजस्थान के चित्तौड़गढ़, उदयपुर, प्रतापगढ़ और मध्य प्रदेश के नीमच, मंदसौर जिलों में होती है. किसान को लाइसेंस मिलने के बाद ही अफीम की खेती करने की इजाजत होती है. केंद्र की मोदी सरकार से अफीम की खेती के लिए नीति जारी होने पर किसानों में काफी खुशी है.
जानिए कौन किसान लाइसेंस के होंगे पात्र
- वर्ष 2021-22 के दौरान अफीम फसल की खेती, 4.2 किग्रा प्रति हेक्टेयर उत्पादन करनेवाले किसान लाइसेंस के पात्र होंगे.
- तीन वर्षों तक 2019-20, 2020-21 2021-22 में अफीम की फसल का उखड़वाना शर्त है.
- लगातार 4 वर्षों तक अफीम फसल उखड़वाने वाले किसान पात्र नहीं होंगे.
- किसान की अपील डीएनसी के जरिए स्वीकार की गई हो.
- वर्ष 2021-22 में पात्र थे मगर किसी कारण अफीम की खेती नहीं कर पाये या विभाग से लाइसेंस प्राप्त नहीं कर पानेवाले भी पात्र होगे.
- वर्ष 2021-22 में खेती करनेवाले किसान की मौत हो गई है, उनके वैध वारिस लाइसेंस के पात्र होंगे.
- सभी पात्र किसानों को 10 आरी के लाइसेंस दिये जायेंगे.
- वर्ष 2021-22 में सीपीएस पद्धति का लाइसेंस मिला उन्हें पात्र होने पर इस बार भी सीपीएस पद्धति से खेती करने का लाइसेंस मिलेगा.
- वर्ष 2021-22 में खेती की है और मारफीन दी है, उनकी औसत 3 किग्रा प्रति हेक्टेयर से 4.2 किग्रा हेक्टेयर कम होगी उन्हें सीपीएस पद्धति के लाइसेंस मिलेंगे.
- गोंद वाली अफीम के लिये पात्र किसान सीपीएस पद्धति में लाइसेंस ले सकते हैं.
- वर्ष 1999-2000 से वर्ष 2021-22 तक घटिया अफीम दी है लेकिन उनकी मारफीन 6 प्रतिशत से ज्यादा है, ऐसे किसान भी सीपीएस पद्धति में लाइसेंस प्राप्त करने के पात्र होंगे.
- किसान वर्ष 1999-2000 से वर्ष 2021-22 के मध्य अफीम की खेती की है और अफीम दी है, उनका 4 वर्ष का औसत दी गई अफीम के 100 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर सीपीएस पद्धति में लाइसेंस प्राप्त करने के पात्र होंगे.
- वर्ष 1999-2000 से अब तक कानूनी उत्तराधिकारी किसी कारण से लाइसेंस नहीं ले पाये, अगर उनकी पात्रता बनती है तो सीपीएस पद्धति से लाइसेंस मिलेगा.
- किसान एनडीपीएस प्रकरण में दिनांक 31.07.2022 तक पूरी तरह से बरी हो चुके हैं और उनकी पात्रता बनती है तो सीपीएस पद्धति से लाइसेंस दिये जायेंगे.
- इस वर्ष 2022-23 में वर्ष सीपीएस पद्धति से लाइसेंस प्राप्त करने वाले किसानों का लाइसेंस 5 वर्षों के लिये वर्ष 2027-28 तक वैध रहेगा.
- इस वर्ष की पॉलिसी में किसानों को दी गई राहत से हजारों किसान लाभान्वित होंगे. पूर्व में 20,000 अफीम लाइसेंस थे. 8 वर्ष में बढ़कर 76,000 अफीम लाइसेंस हो गये.
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Last Updated: Sat 19 July, 2025 at 10:52 am | Data Source: MoHFW/ABP Live Desk