MP Election 2023: अगर आप भी लड़ना चाहते हैं एमपी चुनाव तो लगेगी इतनी जमानत राशि, जानिए पूरा गणित
MP Election News: निर्वाचन आयोग के मुताबिक, साल 2018 के एमपी चुनाव में कुल 2899 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. इनमें से जीतने वाले 230 विधायकों के अलावा सिर्फ 279 प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा सके थे

MP Assembly Elections 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ने की इच्छा अगर आप भी रखते हैं, तो 10 हजार रुपये और प्रस्तावक की व्यवस्था कर लें. चुनाव लड़ने के लिए निर्वाचन आयोग 10 हजार रुपये जमानत राशि लेगा. आरक्षित वर्ग (SC-ST) के उम्मीदवार को जमानत की राशि आधी ही देनी पड़ेगी. इसी तरह अगर आप मान्यता प्राप्त राज्य और राष्ट्रीय स्तर के दल के प्रत्याशी के तौर पर नामांकन दाखिल करते हैं, तो केवल एक प्रस्तावक चाहिए. जबकि अन्य दलों और निर्दलीय प्रत्याशी को संबंधित विधानसभा क्षेत्र के ही 10 प्रस्तावकों की आवश्यकता होगी.
निर्वाचन आयोग से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, साल 2018 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुल 2899 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. इनमें से जीतने वाले 230 विधायकों के अलावा सिर्फ 279 प्रत्याशी ही अपनी जमानत बचा सके थे,जबकि 2390 उम्मीदवारों की 2.39 करोड़ रुपये की जमानत राशि निर्वाचन आयोग ने जब्त कर ली थी. इस हिसाब से देखा जाए तो 9.6 फीसदी उम्मीदवार ही अपनी जमानत बचा सके थे. वहीं साल 2013 के चुनाव में 2.8 करोड़ रुपये की जमानत राशि जब्त हुई थी.
राशि जब्त होने का प्रावधान
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार, किसी प्रत्याशी को उसकी सीट पर हुए कुल मतदान (वैध मतों की संख्या) के छठे हिस्से यानी 16 फीसदी से कम वोट मिलते हैं, तो उसकी जमानत राशि जब्त कर ली जाती है. जमानत राशि लेने का मकसद यह है कि गंभीर प्रत्याशी ही मैदान में उतरें. फिर भी कई प्रत्याशी सिर्फ नाम के लिए पर्चा भर देते हैं या जातिगत तौर पर चुनावों को प्रभावित करने के मकसद से पार्टियां डमी प्रत्याशी खड़े कर देती हैं.
उम्मीदवार का नामांकन खारिज हो जाए या उम्मीदवार खुद अपना नामांकन वापस ले ले तो भी जमानत राशि वापस मिल जाती है. मतदान शुरू होने से पहले उम्मीदवार की मौत हो जाए, चुनाव में जीत हासिल करने और पराजित होने के बावजूद कुल मतदान का 16 फीसदी से अधिक वोट प्राप्त करने पर भी जमानत राशि लौटा दी जाती है.
टॉप हेडलाइंस

