40-45 डिग्री तापमान में भी कैसे ठंडा रहता है मटके का पानी, क्या है इसके पीछे की तकनीक
Water Gets Cold In Matka: गर्मी का मौसम आ चुका है और कुछ लोगों के घरों में आज भी मटके का पानी पिया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर मटके में पानी ठंडा कैसे होता है.

दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत से लेकर दक्षिण तक गर्मी का प्रकोप जारी है. बीच-बीच में होने वाली हल्की बारिश राहत जरूर दे जाती है, लेकिन कुछ खास असर होता दिखाई नहीं दे रहा है. ऐसे में कई लोगों के घरों में फ्रीज में ठंडा पानी रखा जाना शुरू हो चुका होगा. लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो कि आज भी मटके का पानी पीना पसंद करते हैं. क्योंकि उनको फ्रिज का पानी सूट नहीं करता है और इससे उनका गला खराब होना और सर्दी जैसी समस्याएं हो जाती हैं, जो कि मटके का पानी पीने से नहीं होती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मटके का पानी ठंडा कैसे हो जाता है. इसके पीछे कौन सा विज्ञान होता है. चलिए जानें.
ऐसे ठंडा होता है मटके का पानी
गर्मी बढ़ने के साथ-साथ लोग ठंडा पानी पीने के लिए बेकरार होने लगते हैं, क्योंकि इससे भीषण गर्मी में उनको राहत मिलती है. क्योंकि घड़े का पानी कभी नुकसान नहीं करता है और इसके स्वाद में एक मीठापन होता है. अब सवाल यह है कि आखिर मटके का पानी ठंडा क्यों हो जाता है. दरअसल मटके की दीवार में छोटे-छोटे अनगिनत छेद बने रहते हैं, जिनके सहारे पानी रिसता रहता है. इसकी वजह से हमेशा मटके की सतह पर हमेशा गीलापन रहता है. इन छेदों से पानी निकलकर उसका वाष्पोत्सर्जन होता रहता है. वाष्पोत्सर्जन यानि कि भाप बनकर उड़ने की प्रक्रिया को कूलिंग प्रोसेस कहा जाता है.
कैसे भाप बनता है पानी
वाष्पीकरण में पानी की कुछ गर्मी खर्च होती है और भाप बनने में पानी के छोटे कण पानी से ही ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं. ये इसी तरीके से पानी को ठंडा रखते हैं. यह बिल्कुल उसी तरह से है जैसे कि अगर खुले बर्तन में पानी रख दिया जाए तो थोड़े समय के बाद उसका स्तर कम होता जाता है. जब वाष्पीकरण की प्रक्रिया होती है तो पानी को ऊर्जा चाहिए होती है, ताकि पानी को वाष्प में बदला जा सके और यह ऊर्जा पानी से ली जाती है.
मटके के पानी के फायदे
एक्सपर्ट्स मटके के पानी को पीने के कई फायदे बताते हैं. रिपोर्ट्स की मानें तो इससे आपकी इम्युनिटी मजबूत होती है और रोगों से लड़ने में ताकत मिलती है. मिट्टी में रखा हुआ पानी आपके शरीर में टेस्टोस्टरॉन का स्तर बढ़ाता है. यह पेट में एसिडिटी की समस्या को दूर करते हुए आपके गले को भी आराम देता है. मटके का पानी शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है, लेकिन समय-समय पर इसको साफ करके इसका पानी बदलते रहना चाहिए.
यह भी पढ़ें: क्या है सीक्रेट प्रेग्नेंसी, जिसमें पता ही नहीं चलता कि मां बनने वाली है महिला और हो जाता है बच्चा? जानकर चौंक जाएंगे
टॉप हेडलाइंस

