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भारत में कैसे किसी को मिलती है सुरक्षा, किसको कौन से लेवल की सुरक्षा देनी है ये कौन तय करता?

भारत में कई वीवीआईपी लोगों को सुरक्षा मिली हुई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने देश में ये कौन तय करता है कि किस वीआईपी, नेता, अभिनेता को किस श्रेणी की सुरक्षा देनी है?

भारत में आपने देखा होगा कई राजनेताओं, अभिनेताओं और वीवीआईपी लोगों के साथ सुरक्षाबलों के जवान चलते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में किसी व्यक्ति को कौन सी सुरक्षा मिलती है? आज हम आपको बताएंगे कि किसी राजनीतिक नेता या विशिष्ट व्यक्तियों को किस स्थिति में सुरक्षा दी जाती है और इसका फैसला कौन करता है. 

किसे मिलती है सुरक्षा

भारत में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, नौकरशाहों, पूर्व नौकरशाहों, न्यायाधीशों, पूर्व न्यायाधीशों, व्यापारियों, क्रिकेटरों, फिल्म सितारों, संतों और कुछ आम लोगों को भी उच्च श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जाती है. 

कौन तय करता है किसे मिलेगी सुरक्षा?

अब सवाल ये है कि आखिर ये कौन तय करता है कि किसे सुरक्षा मिलनी है और किसे नहीं? बता दें कि यदि किसी वीआईपी व्यक्ति को कोई खतरा है, तो सुरक्षा प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है. वहीं धमकी मिलने पर व्यक्ति अपने निवास के निकटतम पुलिस स्टेशन में आवेदन दर्ज कराता है, इसके बाद मामले को खुफिया एजेंसियों को भेजा जाता है. वहीं जब खतरे की पुष्टि हो जाती है, तो गृह सचिव, महानिदेशक और राज्य के मुख्य सचिव की एक समिति यह तय करती है कि उस व्यक्ति को किस श्रेणी की सुरक्षा दी जानी चाहिए. इसके बाद व्यक्ति का विवरण औपचारिक मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी दिया जाता है.

इन एजेंसियों के पास वीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी

वीआईपी को विभिन्न श्रेणियों की सुरक्षा प्रदान करने की जिम्मेदारी विभिन्न एजेंसियों पर होती है. जिसमें एसपीजी (विशेष सुरक्षा समूह), NSG (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड), ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) और CRPF(केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल) है. वहीं 'जेड+' श्रेणी की सुरक्षा अति विशिष्ट व्यक्तियों/नेताओं/खिलाड़ियों और फिल्मी सितारों को प्रदान की जाती है. एनएसजी बड़े पैमाने पर वीआईपी और वीवीआईपी को 'जेड प्लस' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करता है. कई एनएसजी कमांडो विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) के तहत प्रधानमंत्री की सुरक्षा भी करते हैं.

सुरक्षा की कौन-कौन सी श्रेणी

 Z+ श्रेणी सुरक्षा - Z+ भारत में सुरक्षा की सर्वोच्च श्रेणी है. इसमें 10+ NSG कमांडो+पुलिस कर्मियों समेत 55 कर्मियों का सुरक्षा कवर प्रदान किया जाता है. Z+ सुरक्षा अत्याधुनिक बंदूकों और आधुनिक संचार उपकरणों से लैस NSG कमांडो द्वारा प्रदान की जाती है।

Z श्रेणी सुरक्षा- जेड श्रेणी में 22 कर्मियों का सुरक्षा कवर होता है, जिसमें 4 या 6 एनएसजी कमांडो + पुलिस कर्मी शामिल होते हैं. यह दिल्ली पुलिस या आईटीबीपी या सीआरपीएफ कर्मियों द्वारा प्रदान की जाती है.

वाई श्रेणी सुरक्षा- Y श्रेणी में 8 कर्मियों का सुरक्षा कवर होता है, जिसमें 1 या 2 कमांडो + पुलिस कर्मी शामिल होते हैं. इसमें दो निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) प्रदान किए जाते हैं.

X श्रेणी सुरक्षा- एक्स श्रेणी में 2 कर्मियों (कोई कमांडो नहीं, केवल सशस्त्र पुलिस कर्मी) का सुरक्षा कवर होता है.

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गिरिजांश गोपालन को मीडिया इंडस्ट्री में चार साल से ज्यादा का अनुभव है. फिलहाल वह डिजिटल में सक्रिय हैं, लेकिन इनके पास प्रिंट मीडिया में भी काम करने का तजुर्बा है. दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई करने के बाद गिरिजांश ने नवभारत टाइम्स अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की. उन्हें घूमना बेहद पसंद है. पहाड़ों पर चढ़ना, कैंपिंग-हाइकिंग करना और नई जगहों को एक्सप्लोर करना उनकी हॉबी में शुमार है। यही कारण है कि वह तीन साल से पहाड़ों में ज्यादा वक्त बिता रहे हैं. अपने अनुभव और दुनियाभर की खूबसूरत जगहों को अपने लेखन-फोटो के जरिए सोशल मीडिया के रास्ते लोगों तक पहुंचाते हैं.
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