बिना इंटरनेट के देखें वीडियो और टीवी, जानिए क्या है ये तकनीक और कैसे करती है काम
Direct-to-Mobile: भारत में बीते कुछ समय से Direct-to-Mobile (D2M) तकनीक को लेकर काफी चर्चा है. जानकारी के मुताबिक, माना जा रहा है कि जल्द ही ये तकनीक आम लोगों के लिए जल्द ही उपलब्ध कराई जा सकती है.

Direct-to-Mobile: भारत में बीते कुछ समय से Direct-to-Mobile (D2M) तकनीक को लेकर काफी चर्चा है. जानकारी के मुताबिक, माना जा रहा है कि जल्द ही ये तकनीक आम लोगों के लिए जल्द ही उपलब्ध कराई जा सकती है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके ट्रायल पूरे हो चुके हैं ज़रूरी उपकरण तैयार हैं और तकनीकी रूप से यह पूरी तरह काम करने के लिए तैयार है. अब बस सरकार की मंजूरी का इंतज़ार है. जैसे ही सूचना और प्रसारण मंत्रालय से हरी झंडी मिलती है यह तकनीक करोड़ों मोबाइल यूज़र्स के लिए उपलब्ध हो जाएगी. बता दें कि इस तकनीक के आने से करोड़ो यूजर्स को काफी आसानी होगी.
क्या है D2M टेक्नोलॉजी?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह एक ऐसी बेहतरीन तकनीक है जिसकी मदद से लोग बिना इंटरनेट और बिना सिम कार्ड के अपने मोबाइल फोन पर टीवी चैनल और वीडियो कंटेंट देख सकेंगे. इसक मतलब है कि आप बिना इंटरनेट के भी टीवी देक सकेंगे और आपका डेटा भी खत्म नहीं होगा. D2M के ज़रिए सीधे मोबाइल पर ब्रॉडकास्टिंग की जाएगी, जिससे जानकारी और मनोरंजन तक पहुंच बेहद आसान हो जाएगी. इसकी सबसे बड़ी खास बात है कि ये सभी चीजें आपको फ्री में मिल जाएंगी.
किसे होगा इस तकनीक से फायदा
- बता दें कि D2M तकनीक कई मामलों में बेहद उपयोगी साबित हो सकती है.
- यह मोबाइल नेटवर्क पर ट्रैफिक का बोझ घटाएगी.
- इंटरनेट डेटा की खपत कम होगी.
- ग्रामीण इलाकों, जंगलों और दूरदराज के क्षेत्रों में जहां ब्रॉडबैंड या मजबूत नेटवर्क नहीं है, वहां भी यह सेवा पहुंच सकेगी.
- आपातकालीन परिस्थितियों में या प्राकृतिक आपदाओं के समय भी लोगों तक सूचना पहुंचाने में यह बेहद मददगार साबित होगी.
इस तकनीक के पीछ कौन
जानकारी के मुताबिक, इस तकनीक को बेंगलुरु की Saankhya Labs कंपनी, जो Tejas Networks का हिस्सा है, ने एक विशेष चिप SL3000 तैयार की है. इस चिप की मदद से मोबाइल फोन सीधे सैटेलाइट या ब्रॉडकास्ट टावर से कंटेंट प्राप्त कर सकते हैं. यह तकनीक IIT कानपुर से जुड़े स्टार्टअप Free Stream Technologies के सहयोग से विकसित की गई है. इनका लक्ष्य है सस्ता इंटरनेट उपलब्ध कराना, नेटवर्क लोड घटाना और ऐसे इलाकों तक जानकारी पहुंचाना जहां अब तक मीडिया नहीं पहुंच सका है.
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